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Saturday, 27 April 2024

तुलसी माला की महिमा📿*

 *📿तुलसी माला की महिमा📿*


*🔹गले में तुलसी की माला धारण करने से जीवनीशक्ति बढ़ती है, बहुत से रोगों से मुक्ति मिलती है । शरीर निर्मल, रोगमुक्त व सात्त्विक बनता है ।*


*🔹तुलसी माला से भगवन्नाम जप करने एवं इसे गले में पहनने से आवश्यक एक्यूप्रेशर बिंदुओं पर दबाव पड़ता है, जिससे मानसिक तनाव में लाभ होता है, संक्रामक रोगों से रक्षा होती है तथा शरीर-स्वास्थ्य में सुधार होकर दीर्घायु में मदद मिलती है ।*


*🔹तुलसी को धारण करने से शरीर में विद्युतशक्ति का प्रवाह बढ़ता है तथा जीव-कोशों का विद्युतशक्ति धारण करने का सामर्थ्य बढ़ता है ।*


*🔹गले में तुलसी माला पहनने से विद्युत तरंगे निकलती हैं जो रक्त संचार में रुकावट नहीं आने देती । प्रबल विद्युतशक्ति के कारण धारक के चारों ओर आभामंडल विद्यमान रहता है ।*


*🔹गले में तुलसी माला धारण करने से आवाज सुरीली होती है । हृदय पर झूलने वाली तुलसी माला हृदय व फेफड़े को रोगों से बचाती है । इसे धारण करने वाले के स्वभाव में सात्त्विकता का संचार होता है ।*


*🔹तुलसी की माला धारक के व्यक्तित्व को आकर्षक बनाती है । कलाई में तुलसी का गजरा पहनने से नाड़ी संबंधी समस्याओं से रक्षा होती है, हाथ सुन्न नहीं होता, भुजाओं का बल बढ़ता है ।*


*🔹तुलसी की जड़ें अथवा जड़ों के मनके कमर में बाँधने से स्त्रियों को विशेषतः गर्भवती स्त्रियों को लाभ होता है । प्रसव वेदना कम होती है और प्रसूति भी सरलता से हो जाती है । कमर में तुलसी की करधनी पहनने से पक्षाघात (लकवा) नहीं होता एवं कमर, जिगर, तिल्ली, आमाशय और यौनांग के विकार नहीं होते हैं ।*


*🔹यदि तुलसी की लकड़ी से बनी हुई मालाओं से अलंकृत होकर मनुष्य देवताओं और पितरों के पूजनादि कार्य करे तो वे कोटि गुना फल देने वाले होते हैं । जो मनुष्य तुलसी लकड़ी से बनी माला भगवान विष्णु को अर्पित करके पुनः प्रसादरूप से उसे भक्तिपूर्वक धारण करता है, उसके पातक नष्ट हो जाते हैं ।*



*📜शास्त्रों में वर्णित तुलसी महिमा📜*


*🔹अनेक व्रतकथाओं, धर्मकथाओं, पुराणों में तुलसी महिमा के अनेक आख्यान हैं । भगवान विष्णु या श्रीकृष्ण की कोई भी पूजा विधि तुलसी दल के बिना परिपूर्ण नहीं मानी जाती ।*


*🔹जो दर्शन करने पर सारे पाप-समुदाय का नाश कर देती है, स्पर्श करने पर शरीर को पवित्र बनाती है, प्रणाम करने पर रोगों का निवारण करती है, जल से सींचने पर यमराज को भी भय पहुँचाती है, आरोपित करने पर भगवान श्रीकृष्ण के समीप ले जाती है और भगवान के चरणों में चढ़ाने पर मोक्षरूपी फल प्रदान करती है, उस तुलसी देवी को नमस्कार है । (पद्म पुराणः उ.खं. 56.22)*


*🔹तुलसी के निकट जो भी मंत्र-स्तोत्र आदि का जप-पाठ किया जाता है, वह सब अनंत गुना फल देने वाला होता है ।*


*🔹प्रेत, पिशाच, ब्रह्मराक्षस, भूत दैत्य आदि सब तुलसी के पौधे से दूर भागते हैं ।*


*🔹ब्रह्महत्या आदि पाप तथा पाप और खोटे विचार से उत्पन्न होने वाले रोग तुलसी के सामीप्य एवं सेवन से नष्ट हो जाते हैं ।*


*🔹श्राद्ध और यज्ञ आदि कार्यों में तुलसी का एक पत्ता भी महान पुण्य देने वाला है ।*


*🔹तुलसी के नाम-उच्चारण से मनुष्य के पाप नष्ट हो जाते हैं तथा अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है ।*


*🔹तुलसी ग्रहण करके मनुष्य पातकों से मुक्त हो जाता है ।*


*📜वास्तु शास्त्र तुलसी 📜*


*🔷वास्तु शास्त्र में भी तुलसी को घर में सकारात्मकता लाने वाला पवित्र पौधा माना गया है तुलसी के पौधे को घर में पूर्व दिशा में रखें। इस दिशा में तुलसी का पौधा रखने पर घर में आध्यात्मिक विकास भी तेज होता है. घर के सदस्यों के बीच मनमुटाव कम होता है और प्रेम भाव बढ़ता है।*


*🔷अगर किसी वजह से पूर्व दिशा में नहीं रख सकते हैं तो उत्तर पूर्व दिशा, उत्तर दिशा या फिर उत्तर पश्चिम दिशा में रख सकते हैं।*


*🔷इसे भूलकर भी पश्चिम दिशा में नहीं रखना चाहिए अन्यथा घर में आर्थिक उन्नति के रास्ते बंद हो जाते हैं*



*🌞🚩🚩 *" ll जय श्री राम ll "* 🚩🚩

Monday, 20 November 2023

दिलखुलास’ कार्यक्रमात कामा रुग्णालयाचे डॉ.तुषार पालवे यांची मुलाखत

 दिलखुलास’ कार्यक्रमात कामा रुग्णालयाचे


डॉ.तुषार पालवे यांची मुलाखत


            मुंबई, दि. 20 : माहिती व जनसंपर्क महासंचालनालय निर्मित 'दिलखुलास' कार्यक्रमात 'राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम' या विषयावर कामा रुग्णालयाचे अधीक्षक तथा स्त्रीरोग तज्ज्ञ डॉ. तुषार पालवे यांची मुलाखत प्रसारित होणार आहे.


            आजची बालके हे उद्याचे भविष्य आहेत. बालकांचे आरोग्य सुदृढ असावे म्हणून सार्वजनिक आरोग्य विभागातर्फे राष्ट्रीय आरोग्य अभियानांतर्गत 'राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम' राबविण्यात येत आहे. राष्ट्रीय बालस्वास्थ्य हा कार्यक्रम काय आहे, राज्यात या कार्यक्रमाची अंमलबजावणी कशा प्रकारे करण्यात येत आहे, राज्यातील किती मुलांची या कार्यक्रमांतर्गत तपासणी आणि उपचार करण्यात आले आहेत. याबाबतची माहिती डॉ. पालवे यांनी 'दिलखुलास' कार्यक्रमातून दिली आहे.


            ‘दिलखुलास’ कार्यक्रमातून डॉ.पालवे यांची मुलाखत मंगळवार दि. 21, बुधवार दि. 22, गुरुवार दि. 23 नोव्हेंबर 2023 रोजी सकाळी 7.25 ते 7.40 या वेळेत आकाशवाणीच्या सर्व केंद्रांवरून व 'न्यूज ऑन एआयआर' या मोबाईल ॲपवर प्रसारित होणार आहे. निवेदक सुषमा जाधव यांनी ही मुलाखत घेतली आहे.

टिफीन बॉक्स वापरत असाल तर सावधान. स्वहताही बघा व बाकीच्याना ही पाठवा,हि विंनती


 तुम्ही पण तुमच्या मुलांना शाळेत जातांना डबा द्यायला किंवा स्वतः कामावर जेवण न्यायला  अश्या प्रकारचे टिफीन बॉक्स वापरत असाल तर सावधान. स्वहताही बघा व बाकीच्याना ही पाठवा,हि विंनती

Tuesday, 7 November 2023

राष्ट्रीय टूथब्रश दिवस’ निमित्त मंत्री हसन मुश्रीफ यांच्या हस्ते मौखिक आरोग्य जनजागृती पुस्तिकेचे प्रकाशन

 राष्ट्रीय टूथब्रश दिवस निमित्त मंत्री हसन मुश्रीफ यांच्या हस्ते

मौखिक आरोग्य जनजागृती पुस्तिकेचे प्रकाशन

 

          मुंबईदि.७ : स्वच्छ मुख आरोग्य कार्यक्रमांतर्गत राष्ट्रीय टूथब्रश दिवस- ०७ नोव्हेंबर रोजी जनमानसांमध्ये मौखिक आरोग्यविषयक जनजागृती व्हावी, याकरिता वैद्यकीय शिक्षण व औषधी द्रव्य मंत्री हसन मुश्रीफ यांच्या हस्ते जनजागृती पुस्तिकेचे प्रकाशन आज करण्यात आले.

            राष्ट्रीय टूथब्रश दिवसाचे औचित्य साधून स्वच्छ मुख अभियानांतर्गत संचालनालयवैद्यकीय शिक्षण व संचालनालयमुंबई व शासकीय दंत महाविद्यालय व रुग्णालयमुंबईतर्फे तयार केलेल्या जनजागृतीपर पत्रिकेचे प्रकाशन मंत्रालयात मंत्री श्री. मुश्रीफ यांच्या हस्ते करण्यात आले.

            राष्ट्रीय टूथब्रश दिवस जनमाणसांमध्ये मौखिक आरोग्यविषयक जनजागृती तसेच दिवसांतून दोन वेळा टूथ ब्रशिंगविषयी जागरुकता व्हावीया उद्देशाने साजरा केला जातो. यामध्ये प्रामुख्याने लहान मुलांमध्ये दातांच्या किडीचे प्रमाण जास्त असल्यामुळे या वयातच लहान मुलांना टूथब्रशिंगविषयी जागरुकता व्हावी यासाठी हा दिवस साजरा केला जातो. जनजागृतीसाठी विविध दंत महाविद्यालयेसामाजिक संस्था हिरिरीने पुढाकार घेऊन पोस्टर्सबॅनर्सरॅलीपथनाट्यच्या माध्यमातून जनजागृती करतात.

            यावेळी मंत्री श्री.मुश्रीफ यांच्या हस्ते पर्यावरणपूरक दंत ब्रश वितरण करण्यात आले. कार्यक्रमाला वैद्यकीय शिक्षण व संशोधन विभागाचे संचालक डॉ. दिलीप म्हैसेकरसहसंचालक (वैद्य) अजय चंदनवालेडॉ. पाखमोडे (दंत),अधिष्ठाता डॉ. वसुंधरा भड, डॉ. संध्या चव्हाणडॉ. राजेश गायकवाडडॉ. सूर्यकांत पोवार, आशिष जळमकर यांची उपस्थिती होती. वैद्यकीय शिक्षण विभागाचे प्रधान सचिव दिनेश वाघमारेआयुक्त राजीव द. निवतकर यांच्या मार्गदर्शनाखाली पुस्तिका तयार करण्यात आली आहे.

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Sunday, 22 October 2023

शरीर में तेजी से खून बढ़ाने के घरेलु उपाय।*

 *शरीर में तेजी से खून बढ़ाने के घरेलु उपाय।*


शरीर में खून की कमी से बहुत बीमारियां लग सकती हैं। जिस वजह से इंसान कमजोर हो जाता है और उसका शरीर बीमारियों से लड़ नहीं पाता है। इसलिए महिलाओं और पुरूषों को शरीर में खून की मात्रा बढ़ाने के लिए इन उपायों को अपनाना चाहिए।


https://chat.whatsapp.com/DAVUTcU1vPwBnRNDvqHtx2

*तिल और शहद* 

दो घंटे के लिए 2 चम्मच तिलों को पानी में भिगों लें और बाद में पानी से छानकर इसका पेस्ट बना लें। अब इसमें 1 चम्मच शहद मिलाएं और दिन में दो बार सेवन करें।


*काफी और चाय खतरनाक*

 काफी और चाय का सेवन कम कर दें। एैसा इसलिए क्योंकि ये चीजें शरीर को आयरन लेने से रोकते हैं।


*ठंडा स्नान* 

दो बार दिन में ठंडे पानी से नहाए और सुबह नहाने के बाद सूरज की रोशनी में बैठें।


*अंकुरित भोजन* 

आप अपने भोजन में गेहूं, मोठ, मूंग और चने को अंकुरित करके उसमें नींबू मिलाकर सुबह का नाश्ता लें।


*आम* 

पके आम के गुदे को मीठे दूध के साथ सेवन करें। एैसा करने से खून तेजी से बढ़ता है।


*मूंगफली और गुड़* 

शरीर में खून की कमी को दूर करने के लिए मूंगफली के दानों को गुड़ के साथ चबा-चबा कर सेवन करें।


*सिंघाड़ा*

 सिंघाड़ा शरीर में खून और ताकत दोनो को बढ़ाता है। कच्चे सिंघाड़े को खाने से शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर तेजी से बढ़ता है।


*मुनक्का, अनाज, किशमिश, दालें और गाजर*

 मुनक्का, अनाज, किशमिश, दालें और गाजर का नियमित सेवन करें और रात को सोने से पहले दूध में खजूर डालकर उसको पीएं।


*फलो का सेवन* 

अनार, अमरूद, पपीता, चीकू, सेब और नींबू आदि फलो का अधिक से अधिक सेवन करें।


*आंवले और जामुन का रस*

 आंवले का रस और जामुन का रस बराबर मात्रा में मिलाकर सेवन करने से हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ता है।


*टमाटर का रस* 

एक गिलास टमाटर का रस रोज पीने से भी खून की कमी दूर होती है। इसलिए टमाटर का सूप भी बनाकर आप ले सकते हो।


*हरी सब्जिया*

 बथुआ, मटर, सरसों, पालक, हरा धनिया और पुदीना को अपने भोजन में जरूर शामिल करें।


*फालसा*

 फालसे का शर्बत या फालसे का सेवन सुबह शाम करने से शरीर में खून की मात्रा जल्दी बढ़ती है।


*सेब का जूस*

सेब का जूस रोज पीएं।


*चुकंदर* 

चुकंदर के एक गिलास रस में अपने स्वाद के अनुसार शहद मिलाकर इसे रोज पीएं। इस जूस में लौह तत्व ज्यादा होता है।


🪷 _ 🪷 _ 🪷 _ 🕉️ _ 🪷 _ 🪷 _ 🪷






 


   *🪷🪷।। शुभ वंदन ।।🪷🪷*


*🪷🪷प्रेषक: डॉ दर्शन बांगिया🪷🪷*


*WhatsApp:.* https://chat.whatsapp.com/DAVUTcU1vPwBnRNDvqHtx2


*Telegram:.* https://telegram.me/dadimaa


*YT:.* https://youtube.com/playlist?list=PLl52TwLppqHOUfSNI3uSAocH6e1H7Crv_


ॐ सर्वे भवन्तु सुखिनः।

सर्वे सन्तु निरामयाः।

सर्वे भद्राणि पश्यन्तु।

मा कश्चित् दुःख भाग्भवेत्॥

ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः॥

🌸♾️🌸♾️🌸♾️🌸♾️🌸♾️🌸

Friday, 20 October 2023

शरीर में तेजी से खून बढ़ाने के घरेलु उपाय।*

 *शरीर में तेजी से खून बढ़ाने के घरेलु उपाय।*


शरीर में खून की कमी से बहुत बीमारियां लग सकती हैं। जिस वजह से इंसान कमजोर हो जाता है और उसका शरीर बीमारियों से लड़ नहीं पाता है। इसलिए महिलाओं और पुरूषों को शरीर में खून की मात्रा बढ़ाने के लिए इन  उपायों को अपनाना चाहिए।


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*तिल और शहद* 

दो घंटे के लिए 2 चम्मच तिलों को पानी में भिगों लें और बाद में पानी से छानकर इसका पेस्ट बना लें। अब इसमें 1 चम्मच शहद मिलाएं और दिन में दो बार सेवन करें।


*काफी और चाय खतरनाक*

 काफी और चाय का सेवन कम कर दें। एैसा इसलिए क्योंकि ये चीजें शरीर को आयरन लेने से रोकते हैं।


*ठंडा स्नान* 

दो बार दिन में ठंडे पानी से नहाए और सुबह नहाने के बाद सूरज की रोशनी में बैठें।


*अंकुरित भोजन* 

आप अपने भोजन में गेहूं, मोठ, मूंग और चने को अंकुरित करके उसमें नींबू मिलाकर सुबह का नाश्ता लें।


*आम* 

पके आम के गुदे को मीठे दूध के साथ सेवन करें। एैसा करने से खून तेजी से बढ़ता है।


*मूंगफली और गुड़* 

शरीर में खून की कमी को दूर करने के लिए मूंगफली के दानों को गुड़ के साथ चबा-चबा कर सेवन करें।


*सिंघाड़ा*

 सिंघाड़ा शरीर में खून और ताकत दोनो को बढ़ाता है। कच्चे सिंघाड़े को खाने से शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर तेजी से बढ़ता है।


*मुनक्का, अनाज, किशमिश, दालें और गाजर*

 मुनक्का, अनाज, किशमिश, दालें और गाजर का नियमित सेवन करें और रात को सोने से पहले दूध में खजूर डालकर उसको पीएं।


*फलो का सेवन* 

अनार, अमरूद, पपीता, चीकू, सेब और नींबू आदि फलो का अधिक से अधिक सेवन करें।


*आंवले और जामुन का रस*

 आंवले का रस और जामुन का रस बराबर मात्रा में मिलाकर सेवन करने से हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ता है।


*टमाटर का रस* 

एक गिलास टमाटर का रस रोज पीने से भी खून की कमी दूर होती है। इसलिए टमाटर का सूप भी बनाकर आप ले सकते हो।


*हरी सब्जिया*

 बथुआ, मटर, सरसों, पालक, हरा धनिया और पुदीना को अपने भोजन में जरूर शामिल करें।


*फालसा*

 फालसे का शर्बत या फालसे का सेवन सुबह शाम करने से शरीर में खून की मात्रा जल्दी बढ़ती है।


*सेब का जूस*

सेब का जूस रोज पीएं।


*चुकंदर* 

चुकंदर के एक गिलास रस में अपने स्वाद के अनुसार शहद मिलाकर इसे रोज पीएं। इस जूस में लौह तत्व ज्यादा होता है।


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ॐ सर्वे भवन्तु सुखिनः।

सर्वे सन्तु निरामयाः।

सर्वे भद्राणि पश्यन्तु।

मा कश्चित् दुःख भाग्भवेत्॥

ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः॥

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Sunday, 15 October 2023

Shwasachi किंमत

 


कोहळा आणि महत्वाच्या गोष्टी -

 कोहळा आणि महत्वाच्या गोष्टी

-


*कोहळा आणि महत्वाच्या गोष्टी* 


*कोहळा*( *माहिती* )


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घरात दुकानात अथवा व्यवसायाचे ठिकाणी असणाऱ्या , येणाऱ्या वाईट शक्ति व नजरदोष यापासुन सगळयांचे रक्षण करण्यासाठी कोहळा लावला जातो.

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*कोहळा लावण्याची योग्य पध्दत*

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कोहळा आणताना देठ असलेला आणावा. आणल्यानंतर कोहळा धुवावा.

त्याच्या 2 समोरासमोरच्या बाजुला ऊँ व स्वस्तिक काढ़ायचे असते. स्वस्तिक कुंकवाने काढावे. व ऊँ अष्टगंधाने काढावे.

त्यानंतर खालपासुन वर पर्यंत काजळाने एक रेघ ओढ़ावी. त्यानंतर कोहळा देवाजवळ ठवुन त्याची पूजा करावी.( हळद, कुंकू, अक्षदा, दिवा ,अगरबत्ती ) त्यानंतर प्रार्थना करताना घरात असणाऱ्या ,

येणाऱ्या वाईट शक्ति व नजरदोष यापासुन सगळयांचे रक्षण करण्यासाठी प्रार्थना करावी. आणि घरात व घराबाहेर ते कोहळे शिंकाळयात टांगावे.

कोहळा टांगल्यानंतर कधी कधी आठ दिवसाच्या आत खराब होतो. कारण अशुभ ऊर्जा सामावण्याची त्याची क्षमता संपलेली असते अशा वेळी कोहळा सडतो त्यातून पाणी गळते. असे ज्या वेळी होते तेव्हा कोहळा काढून कचऱ्यात टाकून द्यावा.

पुन्हा नवीन कोहळा आणून लावावा. कदाचीत सुरवातिला लवकर लवकर खराब होतो ( जर अशुभ ऊर्जा जास्त साठली असेल तर....)

नंतर तो एक वर्षभर किंवा त्यापेक्षा जास्त काळ टिकतो.

तरी पण जर सोमवती किंवा शनिअमावस्या किंवा दिवाळी अमावस्या हया वेळी कोहळा खराब नाही झाला तरी बदलावा .

एरवी जर कोहळा खराब झाला तर त्या पुढील शनिवारी लावावा. व एरवी लावताना सुद्धा शनिवारीच लावायचा व नेहमी सूर्यास्त झाल्यानंतरच हा उपाय करावा.

कोहळा घरात किंवा व्यवसायाच्या ठिकाणी लावताना त्यावर बाहेरुन आलेल्या लोकांची नजर जायला हवी व बाहेर लावताना बाहेरची व्यक्ति त्याच्या खालुन आली पाहिजे.

कोहळा टांगल्याने घरात नकारात्मक शक्ति रहात नाही. तसेच बाहेरून येणारी व्यक्ति जर आपल्याशी खूप चांगले बोलत असेल पण मनात आपल्या बद्दल जर ईर्षा बाळगून असेल तर ते मनातले भाव निगेटीविटि मधे बदलतात व त्याचा परिणाम घरात व्यक्तिवर होतो

चिडचिड वाढते,व्यवसायात अडचणी येतात. प्रगती होत नाही. तसेच बाहेरची बाधा परिणाम करत नाही.

एक कोहळा घरात दुकानात व एक बाहेर टांगावा म्हणजे बाहेरून येणारी व्यक्ति त्या खालुन आली पाहिजे त्यामुळे कोहळा तिथेच त्या व्यक्तीच्या वाईट विचारावर परिणाम करतो

Wednesday, 11 October 2023

*झोप घेण्याची सर्वोत्तम वेळ कोणती ?* -जेफ्री ह्आंल (नोबेल विजेते-2017)

 *झोप घेण्याची सर्वोत्तम वेळ कोणती ?*

                    -जेफ्री ह्आंल

              (नोबेल विजेते-2017)


*झोप* (विश्रांती) घेण्यासाठी योग्य वेळ असू शकते का?

असे ऐकीवात आहे की *लवकर नीजे  लवकर ऊठे तया आरोग्यसंपदा लाभे* हे किती खरे आहे?

ऊशिरा झोपून ऊशिरा ऊठले तर नाही चालणार का?

चला पाहूया....


खरे तर तुमच्या शरीरात एक जैवीक घड्याळ सातत्याने टीकटीक करत असते. आणि ते अतिशय तंतोतत कार्यरत असते. ते तुमच्या शरीरातील विविध क्रियांसोबतच तुमच्या झोपण्याच्या वेळेचेही नियमन करत असते.

    *रात्री 11 ते पहाटे 3 या* कालावधीत तुमच्या शरीरातील रक्ताभिसरण प्रक्रिया मुख्यत्वे तुमच्या यकृतात (Liver) रोखलेली असते. तुमचे यकृत अधिकचे रक्त साठल्यामुळे मोठे होते. ह्या महत्वाच्या वेळेस खरेतर तुमच्या शरीरातून  विषारी पदार्थ बाहेर टाकण्याची (Detoxification) महत्वाची प्रक्रिया होत असते. तुमचे यकृत तुमच्या शरीरातील दिवसभरात  साठलेल्या विषद्रव्यांचे निष्क्रियीकरण करुन त्याना बाहेर काढण्याचे अतिमहत्वाचे कार्य ह्या *रात्री 11 ते पहाटे 3* च्या वेळेत होत असते. तथापि जर तुम्ही ह्या वेळेस झोप घेऊ शकला नाहीत तर तुमचे *यकृत ही विषद्रव्ये बाहेर फेकण्याचे काम सुलभरित्या करू शकणार नाही.*

- जर तुम्ही रात्री 11 वाजता झोपी गेलात तर तुमच्या यकृताला तुमच्या शरीरातील विषद्रव्ये बाहेर काढण्यासाठी पुर्ण *4* तासांचा वेळ मिळतो.

- जर 12 वाजता झोपलात तर *3*तास 

- जर 1 वाजता झोपलात तर *2* तास 

- जर 2 वाजता झोपलात तर फक्त *1* तास तुमच्या शरीरातील विषद्रव्ये बाहेर काढण्यासाठी.....

- आणि जर तुम्ही पहाटे 3 नंतर झोपलात तर ?

*दुर्दैवाने तुमच्या शरीराकडे खरेतर विषद्रव्ये बाहेर काढण्यासाठी वेळ नाही*

- जर तुम्ही तुमच्या झोपेची ही चुकीची वेळ अशीच पाळली तर हे विषारी द्रव्ये तुमच्या शरीरात  कालानुक्रमे वाढत जातील. आणि तुम्हाला माहीत आहे पुढे काय होईल?


*काय होते जेव्हा तुम्ही ऊशिरा झोपता आणि ऊशिरा ऊठता?*


ऊशिरा झोपण्याचा तुम्ही कधी प्रयोग केला आहे का?

तुम्ही रात्रभर कीतीही तास झोपला तरी सकाळी खुप थकल्यासारखे वाटले असेल?

ऊशिरा झोपुन ऊशिरा उठणे खरेतर तुमच्या आरोग्यासाठी खुप धोकादायक आहे. तुम्ही विषद्रव्ये बाहेर टाकण्याच्या प्रक्रीयेशिवाय शरीराच्या आणखी अतिमहत्वाच्या क्रियांचे वेळापत्रक सुद्धा बिघडवता.

*पहाटे 3 ते 5 वाजण्याच्या वेळेत तुमच्या शरीरात रक्ताभिसरणाची क्रिया ही फुफ्फुसांच्या मधे केंद्रीत होते.* ह्या वेळेस तुम्ही काय करणे योग्य आहे? खरेतर, तुम्ही शारिरीक हलचाली आणि मोकळ्या हवेत श्वास घेऊन शरीरात ऊर्जा साठवण्यासाठी बागेत फिरायला जायला हवे. ह्या सकाळच्या वेळेस हवा ही खुप शुद्ध असते आणि शरीरास आवश्यक अशा ऋण भाराच्या विद्युत कणानी परीपुर्ण असते.


*सकाळच्या 5 ते 7 ह्या वेळेस रक्ताभिसरणाची क्रिया मोठ्या आतड्यात केंद्रित होते.*

आता तुम्ही काय करायला हवे?

तुम्ही शौचकर्म ऊरकून घ्यायला हवे. तुमच्या मोठ्या आतड्यातून सर्व मैला बाहेर जाऊ द्या. तुमच्या शरीराला दिवसभरात आवश्यक असणारी पोषणद्रव्ये आत्मसात करण्यासाठी तयार करा.


*सकाळी 7 ते 9 च्या वेळेत रक्ताभिसरण तुमच्या पोटाच्या ठिकाणी केंद्रीत होते.*

आता तुम्ही काय करायला हवे?

तुमचा नाश्ता ऊरकून घ्या. हा नाश्ता तुमच्या संपुर्ण दिवसभरातील सर्वात महत्वाचा आहार आहे. आणि तुम्हाला आवश्यक ती सर्व पोषणद्रव्ये मिळतील याची काळजी घ्या. परीपुर्ण नाश्ता न केल्यामुळे तुम्हाला भविष्यात अनेक आरोग्यविषयक तक्रारीना सामोरे जावे लागू शकते.


*असा आहे तुमचा दिवस ऊत्तम प्रकारे सुरु करण्याचा राजमार्ग....*


- अश्याप्रकारे ह्या आदर्श पद्धतीने तुम्ही तुमचा दिवस आरंभ करा. निद्रावस्थेत विषद्रव्ये निष्कासीत केल्यानंतर तुम्ही श्वसनाद्वारे आवश्यक ऊर्जा सामावून घेण्यासाठी  ताजेतवाने होऊन  ऊठा.  

- त्यानंतर तुम्ही मोठया आतड्यातील मैला बाहेर टाकून द्या. 

- आणि त्यानंतर तुम्ही नवीन दिवसाच्या नव्या सुरवातीला आवश्यक तो पोषणयुक्त आहार योग्य प्रमाणात घ्या.


ह्यात काहीच आश्चर्य नाही की *ग्रामिण भागातील किंवा शेतावर राहणारे शेतकरी हे सदृढ असतात.* ते लवकर झोपून लवकर ऊठतात. ते त्यांचे शरीरीचे नैसर्गिक जैविक घड्याळ पाळतात.


शहरात रहात असताना आपल्याला झोपेचे वेळापत्रक पाळताना खुप अवघड जाते. आपल्याकडे चांगला विद्युत  प्रकाश, टी व्ही, आणि ईंटरनेट असल्यामुळे आपण आपली अमुल्य अशी झोपेची वेळ पाळत नाही.


*आपले नैसर्गिक वेळापत्रक पाळताना....*

एकदा मला माझ्या शरीरातील जैविक घड्याळाची माहीती मिळाल्यावर मी ते पाळण्याचा पुरेपुर प्रयत्न करीन. जर मी लवकर ऊठलो तर जरी माझा दिवस नेहमीप्रमाणे कंप्युटर वर चालू झाला आणि मला *घड्याळात 7  वाजलेले दिसले तर मला माहीत आहे की ही नाश्त्याची सर्वोत्तम वेळ आहे*. तर मी माझा नाश्ताआहार शरीराद्वारे ऊत्तम प्रकारे शोषण करण्यासाठी *9* च्या वेळेआधी करण्याचा प्रयत्न करीन.


जर तुम्हाला कुणी रात्रपाळीची नोकरी देऊ केली तर? मी तुम्हाला जरी जास्त पगार दिला तरी नोकरी नाकारण्याचा सल्ला देईन. दूरदृष्टीने विचार केला तर तुम्हाला कमाईपेक्षा जास्त पैसे आरोग्यविषयक तक्रारींवर खर्च करावे लागतील.


ह्याप्रकारे जास्तत जास्त ह्या वेळा पाळण्याचा प्रयत्न करा. तुमचे दैनंदीन वेळापत्रक असे तयार करा. मला खात्री आहे तुम्ही संपुर्ण दिवस अधिक उत्साही आणि ताजेतवाने रहाल.


लेख आवडल्यास शेअर करून वाचनाची आवल प्रत्येकामध्ये रुजविण्याचा कामाच्या गोष्टी या उपक्रमात आपला सहभाग नोंदवावा ही विनंती.   💪💪चंदन राऊत . पुणे  बोपखेल गाव,

                  

      



*_वाचाल तर वाचाल_*

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Friday, 6 October 2023

आरोग्य विज्ञान विद्यापीठाच्या उपकेंद्रासाठीकोल्हापूरातील मध्यवर्ती जागा निश्चित करावी

 आरोग्य विज्ञान विद्यापीठाच्या उपकेंद्रासाठीकोल्हापूरातील मध्यवर्ती जागा निश्चित करावी


- उपमुख्यमंत्री अजित पवार

            मुंबई, दि. 5 :- कोल्हापूरसह दक्षिण महाराष्ट्रातील विद्यार्थ्यांना आरोग्य विज्ञान विषयातील पदवी आणि पदविका अभ्यासक्रम कोल्हापूरमध्ये उपलब्ध झाले पाहिजेत. त्यासाठी महाराष्ट्र आरोग्य विज्ञान विद्यापीठाच्या उपकेंद्रास शासकीय वैद्यकीय महाविद्यालय परिसरातील किंवा शहरात मध्यवर्ती ठिकाणची अन्य जागा उपलब्ध करुन देण्यात यावी. जिल्हाधिकाऱ्यांनी पालकमंत्र्यांची वेळ घेऊन त्यांच्या उपस्थितीत उपकेंद्रासाठी जागेची पाहणी करावी. पालकमंत्र्यांच्या सूचनेनुसार उपकेंद्रासाठी जागा अंतिम करण्यात यावी, असे निर्देश उपमुख्यमंत्री अजित पवार यांनी आज मंत्रालयात आयोजित बैठकीत अधिकाऱ्यांना दिले.


            उपमुख्यमंत्री श्री. पवार यांच्या अध्यक्षतेखाली मंत्रालयात महाराष्ट्र आरोग्य विज्ञान विद्यापीठाच्या कोल्हापूर येथील उपकेंद्रास जागा उपलब्ध करून देण्याबाबत बैठक झाली. बैठकीस वैद्यकीय शिक्षणमंत्री तथा पालकमंत्री हसन मुश्रीफ, शालेय शिक्षणमंत्री दीपक केसरकर, आमदार ऋतुराज पाटील, आमदार जयश्री जाधव, वित्त विभागाचे अपर मुख्य सचिव डॉ. नितीन करीर, महसूल विभागाचे अपर मुख्य सचिव राजगोपाल देवरा, उपमुख्यमंत्र्यांचे प्रधान सचिव आशिष शर्मा, वैद्यकीय शिक्षण विभागाचे प्रधान सचिव दिनेश वाघमारे, नियोजन विभागाचे प्रधान सचिव सौरभ विजय, सार्वजनिक बांधकाम विभागाचे सचिव संजय दशपुते, महाराष्ट्र आरोग्य विज्ञान विद्यापीठाचे उपकुलगुरू डॉ. मिलिंद निकुंभ, कुलसचिव डॉ. राजेंद्र बंगाळ, वैद्यकीय शिक्षण विभागाचे संचालक डॉ. दिलीप म्हैसेकर आदी उपस्थित होते. तर दूरदृश्य संवाद प्रणालीद्वारे महाराष्ट्र आरोग्य विज्ञान विद्यापीठाच्या कुलगुरू माधुरी कानिटकर, कोल्हापूरच्या शिवाजी विद्यापीठाचे उपकुलगुरू डी.टी. शिर्के, कुलसचिव डॉ. व्ही. एम. शिंदे, कोल्हापूरचे जिल्हाधिकारी राहुल रेखावार उपस्थित होते.   


            उपमुख्यमंत्री श्री. पवार म्हणाले की, कोल्हापूर येथे महाराष्ट्र आरोग्य विज्ञान विद्यापीठाच्या उपकेंद्रास जागा मिळाल्यास कोल्हापूर परिसरातील विद्यार्थ्यांसाठी विविध आरोग्य अभ्यासक्रम सुरु करता येतील. आरोग्य विज्ञान विद्यापीठाशी संबंधित अधिकारी-कर्मचाऱ्यांना विद्यापीठ कामासाठी वारंवार नाशिकला जाण्याची गरज राहणार नाही. यातून वेळ, पैसा आणि श्रमाची बचत होईल. या पार्श्वभूमीवर आरोग्य विज्ञान विद्यापीठ उपकेंद्रासाठी आवश्यक असलेली तीन एकर जागा तातडीने उपलब्ध करून द्यावी. आवश्यक असलेल्या जागेची पाहणी वैद्यकीय शिक्षणमंत्री, जिल्हाधिकारी आणि सार्वजनिक बांधकाम विभागाचे अधीक्षक अभियंता यांनी संयुक्त करून जागा निश्चित करावी. ही जागा योग्य नसल्यास अन्य पर्यायी जागेची उपलब्धता करून द्यावी. कोणत्याही परिस्थितीत कोल्हापूर येथे आरोग्य विज्ञान विद्यापीठाचे उपकेंद्र झाले पाहिजे, असे निर्देशही उपमुख्यमंत्री श्री. पवार यांनी दिले.

Monday, 2 October 2023

*अमेरिकेत घरी स्वयंपाक करणे बंद झाल्यावर काय झाले….?*

 *अमेरिकेत घरी स्वयंपाक करणे बंद झाल्यावर काय झाले….?*

अमेरिकेचे अवास्तव कौतुक करणाऱ्यांनी हा 👇👇लेख जरूर वाचावा...

      1980 च्या दशकातील प्रख्यात अमेरिकन अर्थशास्त्रज्ञांनी अमेरिकन लोकांना चेतावणी दिली.

       स्वयंपाकघर खाजगी कंपन्यांच्या ताब्यात देण्यात आले असून, सरकारनेही वृद्ध आणि लहान मुलांची काळजी घेतल्यास कौटुंबिक जबाबदाऱ्या आणि त्याची प्रासंगिकता नष्ट होईल.

पण तो सल्ला फार कमी लोकांनी ऐकला.

*घरी स्वयंपाक करणे बंद झाले आणि बाहेर ऑर्डर करण्याच्या सवयीने बरीचशी अमेरिकन कुटुंबव्यवस्था नष्ट झाली ...!*

घरात स्वयंपाक करणे म्हणजे कुटुंबाला एकत्र ठेवणे, आपुलकीने जोडणे. पाककृती ही केवळ कला नाही... ! तर ते एक कौटुंबिक संस्कृती आणि समाधानाचे केंद्र आहे... !

         घरात जर स्वयंपाकघर नसेल आणि फक्त बेडरूम असेल तर ते कुटुंब नाही त्याला वसतिगृह किंवा हॉटेलच म्हणावे लागेल !

           स्वयंपाकघर बंद करून एकच बेडरूम पुरेशी आहे असे वाटणाऱ्या अमेरिकन कुटुंबांचे काय झाले...?

     1971 मध्ये, 71 टक्के यूएस कुटुंबांमध्ये मुलांसह जोडीदार होते, परंतु आज, पन्नास वर्षांनंतर, ही संख्या 20 टक्क्यांपर्यंत घसरली आहे, कुटुंबे आता नर्सिंग होममध्ये राहतात.

अमेरिकेत 15% स्त्रीया  एकट्या राहतात.

12% पुरुष कुटुंबात एकटेच राहतात.

19% घरांची मालकी फक्त वडिलांची किंवा आईची आहे.


केवळ 6% कुटुंबात पुरुष आणि महिला एकत्र आहेत.

   अलिकडच्या काळात जन्माला आलेल्या  बाळांपैकी 41% शिशु अविवाहित स्त्रियांपासून जन्माला आली आहेत त्यापैकी निम्म्या अपरिपक्व मुली शाळेत जाणाऱ्या आहेत, ही अतिशय गंभीर वस्तुस्थिती आहे... 


41% ही खूप मोठी आकडेवारी आहे. म्हणजेच अमेरिकेत  कौमार्य असे काही उरले  नाही...

परिणामी, अमेरिकेत  सुमारे 50 टक्के पहिले विवाह घटस्फोटात,


   67 टक्के द्वितीय विवाह आणि 

74 टक्के तृतीय विवाह समस्याग्रस्त आहेत.

*फक्त बेडरूम म्हणजे कुटुंब नाही.*

 स्वयंपाकघर नसेल तर....

 युनायटेड स्टेट्स हे तुटलेल्या लग्नाचे उदाहरण आहे.

         *आपल्या देशातील नागरिकांना कायमस्वरूपी खाद्यपदार्थ दुकानातून विकत घेण्याची सवय लागली तर इथली कुटुंबव्यवस्था देखील अमेरिकेप्रमाणे नष्ट होईल कुटुंबे उद्ध्वस्त झाली की मानसिक आणि शारीरिक स्वास्थ्य बिघडते.*

बाहेरील अन्नपदार्थ खाल्ल्याने शरीर लठ्ठ आणि बेढब बनते मग लहान-मोठे आजार, इन्फेक्शन आदी समस्या उद्भवतात व खर्च देखील वाढतो ...

*घरात स्वयंपाक करणे आणि घरातील सदस्यांसोबत बसून खाणे हे कुटुंब व्यवस्थेसाठी हिताचे आहे!*

अर्थव्यवस्थेसाठी शारीरिक आरोग्य आणि मानसिक आरोग्य देखील आवश्यक आहे.

म्हणूनच *पुर्वजांनी आम्हाला बाहेरचे न खाण्याचा सल्ला दिला पण……………*

*आज आपण आपल्या कुटुंबासोबत रेस्टॉरंटमध्ये जेवतो... स्विगी, झोमॅटो, उबेर यांसारख्या फूड सर्व्हिस कंपन्यांकडून दिवसा किंवा रात्री कोणत्याही वेळी शरीराला लहान-मोठे आजार होऊ देणारे अन्न खाण्यासाठी ऑनलाइन ऑर्डर करतो...*

*अगदी उच्चशिक्षित, मध्यमवर्गीय लोकांमध्येही आता ही फॅशन झाली आहे.*

भविष्यात ही सवय समाजासाठी मोठी आपत्ती ठरणार आहे...

आपण काय खावे हे ऑनलाइन कंपन्या ठरवतात... जेणेकरून डॉक्टर आणि औषध कंपन्यांची कमाई वाढेल...

       *आपले पूर्वज प्रवासात अथवा तीर्थयात्रेला जाण्यापूर्वी घरात बनवलेले अन्नपदार्थ सोबत घेऊन जात असत.*

     *म्हणूनच घरी स्वयंपाक करा,*

     *आणि.....*

           *आनंदाने जगा….!*

                   🙏🙏

Tuesday, 26 September 2023

ओमेगा-3 के फायदे:*

 *ओमेगा-3 के फायदे:* 


ओमेगा 3 शरीर के लिए एक अच्छा पॉलीअनसैचुरेटेड फैट है। यह दिमाग को सुचारु रूप से चलाने, हृदय को सेहतमंद रखने, आंखों से जुड़ी समस्याओं से निजात पाने, तनाव, डिमेंशिया और कैंसर के इलाज में फायदेमंद है। हमारा शरीर इस फैटी एसिड का निर्माण नहीं कर सकता, इसलिए हमें अपनी डाइट में इसे जरूर शामिल करना चाहिए।


ओमेगा 3 से कण्ट्रोल करे आपकी ऐज।


अगर आप हमेशा जवान (Young) दिखना चाहते है और अपनी बढती उम्र की दर पर काबू पाना चाहते है तो आप ओमेगा 3 (Omega 3) सुप्लिमेंट लेने की आदत डाल सकते है क्योंकि जाहिर है भागती जिन्दगी (life) में कोई भी ऐसा नहीं होगा जो सेहत (Health) के लिए सोचता नहीं होगा लेकिन हाँ जन्हा समय निकालने की बात होती है तो वो हम नहीं कर पाते है | लेकिन फिर भी आप ध्यान रखें की सबसे बड़ी सम्पति जो आपके पास है आपका शरीर और आपकी सेहत (health) जिसके बिना आप दुनिया की किसी भी ख़ुशी को उस तरीके से महसूस नहीं कर पाएंगे जितनी जानदार तरीके से आप कर सकते है |

ओमेगा ३ (omega 3) के नियमित सेवन से inflammation level  लेवल कम होता है | दिल की बीमारिया  (Heart diseases), टाइप 2 वाला मधुमेह आर्थराईटिस जैसे समस्या से भी निपटने में ओमेगा ३ से काफी मदद मिलती है | 


omega 3 health hindi benefits:


अल्जाइमर जैसी उम्र बढ़ने की दर को बढाने वाली बीमारियों से भी काबू पाने में ओमेगा ३ (omega 3) आपकी मदद करता है |

ओमेगा ३ (omega 3) के नियमित सेवन से inflammation level  लेवल कम होता है | दिल की बीमारिया  (Heart diseases), टाइप 2 वाला मधुमेह आर्थराईटिस जैसे समस्या से भी निपटने में ओमेगा ३ से काफी मदद मिलती है | अल्जाइमर जैसी उम्र बढ़ने की दर को बढाने वाली बीमारियों से भी काबू पाने में ओमेगा ३ (omega 3) आपकी मदद करता है | 


 *प्रोटीन पाउडर* 

खाने के 29 फायदे

इसमे 9 आवश्यक अमीनो हैं जो इस धरती पर या तो मां के दूध मे हैं या इस प्रोटीन मे।

1. यह शुगर को नियंत्रित करता है।

2. यह एनर्जी को नियंत्रित करता है।

3. यह मानसिक एकाग्रता बढ़ाता है।

4. यह कैल्शियम अवशोषण मे मदद करता है।

5. यह हारमोन्स बनाता है।

6. यह एन्टीबाडी बनाता है।

9. यह थकान दूर करता है।

10. यह चिड़चिड़ापन दूर करता है।

11. यह एनीमिया ठीक करता है।

12. यह बाल झड़ना रोकता है।

13. यह लीवर से जहरीले तत्वों को बाहर निकालता है।

14. यह लीवर एवं किडनी के ऊतक बनाता है।

15. यह पाचन क्रिया को सुधारता है।

16. यह मसल्स को मजबूत करता है।

17. यह आस्टियोपोरोसिस मे मदद करता है।

18. यह डिप्रेशन को कम करता है।

19. यह याददास्त को बढ़ाता है।

20. यह कोलोजन को बनाता है।

21. यह माइग्रेन ठीक करने मे मदद करता है।

22. यह आथ॔राइटिस मे लाभ पहुचाता है।

23. यह हाइपर एक्टीविटी को कम करता है।

24. यह बजन कम करने मे मदद करता है।

25. यह अनिद्रा दूर करता है।

26. यह ऊतकों की मरम्मत करता है।

27. यह लाल तथा सफेद रक्त कोशिकाओं को बनाता है।

28. यह हदय को मजबूत करता है।

29. यह कोलेस्ट्राल नियंत्रित रखता है।

यानी कि शरीर मे सब कुछ प्रोटीन ही करता है इसे रोज 10-40 ग्राम तक ले सकते हैं।

रोज खाये एवं स्वश्थ रहें।


For more details 

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Sunday, 24 September 2023

गणेश पूजनादरम्यान वापरल्या जाणाऱ्या २१ प्रकारच्या पानाबद्दल काय म्हणते आयुर्वेद? ◆

 गणेश पूजनादरम्यान वापरल्या जाणाऱ्या २१ प्रकारच्या पानाबद्दल काय म्हणते आयुर्वेद?


◆अगस्ती(हादगा)

प्राचीन ग्रंथांमध्ये नेत्रविकारांवर अगस्तीचे प्रयोग सापडतात. जीवनसत्त्व 'अ' हे दृष्टीला पोषक असते. अ जीवनसत्त्वाचे वनस्पतिज रूप अर्थात बीटाकॅरोटिन हे तत्त्व अगस्तीच्या पानांमध्ये ४५००० यूजी- एवढय़ा प्रचंड प्रमाणात, म्हणजे गाजरापेक्षा कितीतरी जास्त प्रमाणात असते.


◆अर्जुन

अर्जुन हा वृक्ष त्याच्या हृदयपोषक गुणधर्माबद्दल प्रसिद्ध आहे. 'अर्जुनारिष्ट' हे हृदयावरील औषध प्रसिद्ध आहेच. अर्जुनामध्ये मुबलक प्रमाणात असणाऱ्या नैसर्गिक कॅल्शिअममुळे अर्जुनाच्या सेवनाने हाडे हस्तिदंताप्रमाणे मजबूत होतात, अशी आयुर्वेदाची मान्यता आहे.


◆आघाडा

आघाड्याचे बरेचसे गुणधर्म हे स्त्रियांसाठी-स्त्रीरोगांवर, विशेष उपयुक्त असे आहेत.


◆कण्हेर

कण्हेर हिचा उपयोग तारतम्याने करतात, कारण कण्हेरीच्या विषबाधेने हृदय व श्वसनक्रिया बंद पडून आकडी येऊन तोंड वेडेवाकडे होते.


◆केवडा

केवड्याच्या फुलाच्या रसामध्ये तयार केलेले तूप सेवन केल्यास ते मूत्रविकारावर उपयोगी पडते. दीर्घकालीन डोकेदुखीमध्ये किंवा इतर शिरारोगांमध्ये केवड्याचा लेप लावला जातो.


◆जातिपत्र

जाई व्रणरोपक आहे. एखादा बरा न होणारा व्रण (जखम) जाईच्या पानांच्या काढ्याने धुऊन, त्या जखमेवर ठेचलेली पाने लावली असता जखम बरी होते.


◆डाळिंब

चवीला आंबट असूनही पित्तशामक असलेल्या निवडक फळांमध्ये आवळ्याबरोबर डाळिंबाचा समावेश होतो. डाळिंब आतड्याच्या रोगांवरचे गुणकारी औषध आहे. मुळाची साल ही कृमिघ्न आहे; विशेषत टेपवर्मचा (चपटय़ा कृमीं) त्रास याने नाहीसा होतो.


◆डोरली

डोरलीसारखे रूप असणाऱ्या रिंगणीच्या फळांचा व बियांचा धूर तोंडामध्ये घेतल्यास दंतकृमींचा त्रास कमी होतो, दातदुखी कमी होते आणि दात किडण्याची प्रक्रिया थांबते.


◆तुळस

तुळशीचा सर्वप्रसिद्ध गुणधर्म म्हणजे तुळस ही सर्दी-कफ-तापावरचे प्रभावी औषध आहे. पावसाळ्याच्या दिवसात तर घरामध्ये तुळस असायलाच हवी, इतकी तुळस त्या दिवसांमधील विविध आजारांवर उपयुक्त आहे. गजकर्ण (रिंगवर्म) या त्वचाविकारावर तुळशीचा रस लावल्यास फायदा होतो.


◆दूर्वा

गणपती हे तेज (उष्ण) तत्त्वप्रधान दैवत आहे आणि उष्णतेचे शमन करणारी एक प्रमुख वनस्पती म्हणजे दूर्वा. आयुर्वेदात वर्णिलेल्या पित्तशामक वनस्पतींमध्ये दूर्वा हे एक आद्य औषध आहे.


◆देवदार

चरकसंहितेमधील अनेक रोगांवरील औषधी-प्रयोगांमध्ये देवदाराचा समावेश आहे. देवदाराच्या झाडाला सुरदारू असेसुद्धा म्हटले जाते.


◆धोत्रा

धत्तूरपत्र म्हणजे धोत्र्याची पाने हे श्वसनविकारावरील एक प्रभावी औषध आहे. परंतु धोत्र्याचा विषारी गुण योग्य-पर्याप्त मात्रेमध्ये वापरल्यासच औषधासारखा उपयोगी पडतो; अन्यथा घातक होऊ शकतो.


◆पिंपळ

पिंपळ हा भारतातील अतिशय प्राचीन असा वृक्ष आहे; ज्याचे संदर्भ आयुर्वेदच नव्हे तर ऋग्वेदामध्येही सापडतात. संपूर्ण समाजाच्या आरोग्याची काळजी घेणाऱ्या पिंपळासारख्या वृक्षांची लागवड आणि जतन करण्याची आठवण गणेशपूजनाच्या निमित्ताने करून देण्यात आलेली आहे.


◆बेल

बिल्व या नावाने ओळखली जाणारी ही वनस्पती आतड्यांच्या आजारांवरील एक उत्तम औषध आहे. बेलाची तयार औषधे : बिल्वादी चूर्ण, बिल्वावलेह, बेल-मुरांबा, इत्यादी.


 ◆बोर

बोराच्या बीचे चूर्ण पाण्याबरोबर घेतल्यास सारखी खा-खा होण्याचा आजार कमी होतो. बोराच्या पानांची चटणी तांदुळाच्या कांजीबरोबर घेतल्यास माणसाचा लठ्ठपणा कमी होतो.


◆मरवा

मरवा अतिशय आल्हाददायक सुगंधी असतो. शरीराच्या कार्यामध्ये महत्त्वाची भूमिका बजावणारे हार्मोन्स तयार करणाऱ्या सर्व अंतस्रावी ग्रंथींची राणी समजल्या जाणाऱ्या पियूषिका ग्रंथीला उत्तेजना देण्याचा नैसर्गिक सुगंधाहून दुसरा सोपा उपाय नाही, असे आयुर्वेद म्हणतो.


◆मधुमालती

मधुमालती म्हणजे मालती ही पत्री प्रामुख्याने मुखरोगांवर उपयुक्त वनस्पती आहे.


◆माका

भृंगराजपत्र अर्थात माक्याची पाने माक्याचा महत्त्वाचा उपयोग म्हणजे 'केश्य गुणधर्म'. केसांची वाढ आणि रंग या दोन्ही पातळ्यांवर तो उपयोगी ठरतो.


◆रुई

अर्कपत्रे म्हणजे रुईची पाने. रुई उत्तम कफनाशक औषध आहे. एकंदरच शरीरातील विविध ग्रंथींना उत्तेजना देऊन त्यांचे कार्य सुधारणारे आणि पर्यायाने शरीराचा चयापचय निरोगी करणारे असे हे औषध आहे.


◆विष्णूक्रान्ता

विष्णूक्रान्ता म्हणजे शंखपुष्पी बुद्धि-स्मृतिवर्धक म्हणून सुप्रसिद्ध असणारी ही शंखपुष्पी, बुद्धीवर आलेले मांद्याचे विघ्न दूर करते.


◆शमी

शमी हा शब्द 'शमयति रोगान् इति' म्हणजे रोगांचे शमन करणारी ती शमी असा तयार झालेला आहे.


     संकलन: नितीन जाधव  स्रोत:- आयुर्वेदम्

        !!हे ईश्वरा सर्वांच आरोग्य चांगलं ठेव!!

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Thursday, 14 September 2023

आरोग्य क्षेत्रात डिजिटल तंत्रज्ञानाच्या उपयोगाने भारत जगात आदर्श ठरेल

 आरोग्य क्षेत्रात डिजिटल तंत्रज्ञानाच्या उपयोगाने भारत जगात आदर्श ठरेल


- राष्ट्रपती द्रौपदी मुर्मू


            मुंबई, दि. 13 : डिजिटल तंत्रज्ञान उपयोगात आणण्यामध्ये भारत उत्साहाने पुढे येत आहे. भारताच्या डिजिटल अर्थव्यवस्थेची प्रशंसा जगात होत आहे. इतक्या मोठ्या प्रमाणावर छोटे शहर आणि गावांना डिजिटल अर्थव्यवस्थेशी जोडण्यात भारत जगात उत्तम उदाहरण बनले आहे. सप्टेंबर 2021 मध्ये आयुष्मान भारत डिजिटल मिशनची सुरुवात करण्यात आली. डिजिटल तंत्रज्ञानाच्या आरोग्य क्षेत्रातील उपयोगामुळे भारत या क्षेत्रात जगामध्ये आदर्श ठरेल, असा विश्वास राष्ट्रपती द्रौपदी मुर्मू यांनी व्यक्त केला.


             आयुष्मान भव: या 17 सप्टेंबर ते 31 डिसेंबर दरम्यान राबविण्यात येणाऱ्या मोहिमेचे दूरदृश्य संवाद प्रणालीद्वारे उद्घाटन राष्ट्रपती द्रौपदी मुर्मू यांच्या हस्ते गांधीनगर, गुजरात येथील राजभवनात करण्यात आले. या कार्यक्रमाचे वेब लिंकद्वारे थेट प्रसारण सह्याद्री अतिथी गृह येथील मोहिमेच्या राज्यस्तरीय कार्यारंभ दिन कार्यक्रमात करण्यात आले. सह्याद्री अतिथीगृह येथे कार्यक्रमास राज्यपाल रमेश बैस, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, सार्वजनिक आरोग्य व कुटुंब कल्याण मंत्री तानाजी सावंत, अप्पर मुख्य सचिव मिलिंद म्हैसकर, सचिव नवीन सोना उपस्थित होते.


            राष्ट्रपती पुढे म्हणाल्या, की देशाने कोविड साथ रोगाच्या काळात खूप चांगल्या कामाचे उत्तम उदाहरण जगासमोर ठेवले. देशातील शास्त्रज्ञ, डॉक्टर, नर्सेस, अन्य आरोग्य क्षेत्रातील कर्मचारी तसेच कुशल प्रशासन व नेतृत्वाच्या जोरावर यामधून देश बाहेर पडला. जगातील सर्वात मोठी लसीकरण मोहीम राबविली. लोकसहभागातून अशक्यप्राय वाटणारे हे काम शक्य करून दाखविले.


            प्रधानमंत्री क्षय रोग मुक्त भारत अभियानात उल्लेखनीय काम करणाऱ्या जिल्ह्यांना पुरस्कृत करण्याचे काम प्रशंसनीय असून क्षयरोग निर्मूलनात निक्षय मित्र म्हणून काम करणाऱ्या मित्रांचा सन्मानही स्पृहणीय आहे. आयुष्मान भव: मोहीम यशस्वीरित्या पूर्ण करण्यासाठी लोकसहभाग देण्याचे आवाहनही राष्ट्रपती द्रौपदी मुर्मू यांनी यावेळी केले.


              केंद्रीय आरोग्य मंत्री मनसुख मांडवीया यांनी मोहिमेची विस्तृत माहिती देत मोहीम यशस्वी करून प्रत्येकाला दर्जेदार आरोग्य सुविधा उपलब्ध करून देण्याचे आवाहन केले.


 कार्यक्रमाला आरोग्य विभागातील संबंधित अधिकारी उपस्थित होते.


००००



Wednesday, 13 September 2023

आयुष्मान भव’ मोहिमेत महाराष्ट्र उत्कृष्ट काम करून दाखवेलअवयवदानाला महत्व

आयुष्मान भव’ मोहिमेत महाराष्ट्र उत्कृष्ट काम करून दाखवेल

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे यांची ग्वाही

 

            मुंबई, दि. १३ : आपल्याकडे निरोगी आयुष्यासाठी 'आयुष्मान भव्असा आशीर्वाद दिला जातो.  या भावनेतून देशवासियांच्या निरोगी आयुष्यासाठी पंतप्रधान नरेंद्र मोदी यांच्या संकल्पनेतून साकारलेल्या ‘आयुष्मान भव’ मोहिमेची सुरूवात राज्यभर करणार आहोत. या मोहिमेत महाराष्ट्र देशामध्ये उत्कृष्ट काम करून नागरिकांना उत्तम आरोग्य सेवा उपलब्ध करून देईल, अशी ग्वाही मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे यांनी आज येथे दिली.

            आजपासून देशात ‘आयुष्मान भव’ मोहिमेस सुरुवात झाली असून राष्ट्रपती द्रौपदी मुर्मू यांनी देशपातळीवर या मोहिमेचा शुभारंभ केला. यावेळी राज्याच्या मोहिमेचा शुभारंभ सह्याद्री अतिथीगृह येथे राज्यपाल रमेश बैस आणि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे यांच्या हस्ते करण्यात आला. त्यावेळी मुख्यमंत्री श्री. शिंदे बोलत होते. आरोग्यमंत्री डॉ. तानाजी सावंत यावेळी उपस्थित होते. 

            मुख्यमंत्री श्री. शिंदे म्हणाले कीराज्यात महायुतीचे सरकार आल्यानंतर मुख्यमंत्री वैद्यकीय सहाय्यता कक्षाच्या माध्यमातून नागरिकांना भक्कम आधार देण्यात आला. गेल्या वर्षभरात १०० कोटींपेक्षा जास्त मदत देण्यात आली आहे. सर्व सरकारी हॉस्पिटलमध्ये रुग्णांना मोफत वैद्यकीय सेवा देण्याचा निर्णय राज्य शासनाने घेतला आहे. महात्मा जोतिराव फुले जनआरोग्य योजना व आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री आरोग्य योजनेअंतर्गत एकत्रितपणे २ कोटी कार्डांचे वाटप करण्यात येणार आहे. आता ५ लाखांपर्यंत आरोग्य संरक्षण मिळणार आहे. महाराष्ट्र आरोग्याच्या क्षेत्रात देशात अग्रेसर असून सर्वसामान्य नागरिकाला केंद्रबिंदू ठेवून आरोग्यविषयक योजना आणि उपक्रम राबविले जात असल्याचे मुख्यमंत्र्यांनी यावेळी सांगितले.

            आयुष्मान कार्डच्या माध्यमातून सामान्यांना वेळेवर वैद्यकीय उपचार घेणे शक्य होणार असून  यासाठी "आयुष्मान भव" ही महत्वाकांक्षी मोहीम १७ सप्टेंबर ते ३१ डिसेंबर २०२३ पर्यंत राबविली जाणार आहे. मोहिमेत पात्र लाभार्थ्यांचे आयुष्मान कार्ड नोंदणी करून त्याचे वितरण करण्यात येणार आहे.

विविध उपक्रमांचा शुभारंभ

            याप्रसंगी मुख्यमंत्र्यांच्या हस्ते राष्ट्रीय क्षयरोग दुरीकरण कार्यक्रमात  उल्लेखनीय काम केलेल्या "निक्षय मित्र" व जिल्ह्यांना देखील गौरविण्यात आले. तसेच महात्मा ज्योतिराव फुले जन आरोग्य योजना व आयुष्यमान भारत प्रधानमंत्री आरोग्य या एकत्रित योजनेच्या कार्ड वाटपास सुरुवात करण्यात आली. राज्यात या योजनेचे  २ कोटी कार्डांचे वाटप करण्यात येणार आहे.

आज या समारंभात आरोग्य आधार अॅपमहाराष्ट्र नर्सिंग होम रजिस्ट्रेशन अॅपतसेच राज्यातील आरोग्यवर्धिनी केंद्रातील अधिकाऱ्यांसाठीचे "समुदाय आरोग्य अधिकारी अॅप" यांचा शुभारंभ करण्यात आला.

सर्वसामान्य नागरिक केंद्रबिंदू 

            मुख्यमंत्री श्री. शिंदे म्हणाले कीही मोहीम राबवताना  गावपातळीपर्यंत गुणवत्तापूर्वक आरोग्य सेवा देणे गरजेचे आहे. राज्यातील सर्वसामान्य नागरिक केंद्रबिंदू ठेवून आयुष्मान सभाआयुष्मान मेळावाअंगणवाडी व प्राथमिक शाळांमधील मुलांची तपासणीरक्तदान मोहीमअवयवदान जागृती मोहीमस्वच्छता मोहीम१८ वर्षांवरील पुरुषांची आरोग्य तपासणी अशा मोहिमा राबविण्यात येतील. राज्य शासनाने सार्वजनिक आरोग्य विभागाच्या सर्व शासकीय रूग्णालयात रुग्णांना वैद्यकीय सेवातपासणी  नि:शुल्क करण्याचा निर्णय घेतला आहे. मुख्यमंत्री वैद्यकीय सहाय्यता कक्षामार्फत गेल्या वर्षभरात ११२ कोटीपेक्षा जास्त  मदत केली आहे, अशी माहितीही त्यांनी दिली.

२ ऑक्टोबरला आयुष्यमान ग्रामसभा

            २ ऑक्टोबर रोजी आयुष्यमान ग्रामसभा होणार असून ती आयुष्मान भारत आरोग्य योजनेच्या जाणीवजागृतीसाठी महत्वपूर्ण ठरणार आहे. आयुष्मान ग्राम सभेमध्ये पात्र लाभार्थ्यांची यादी त्याचबरोबर यापूर्वी ज्या लाभार्थ्याने आयुष्मान भारत जन आरोग्य योजनेचा लाभ घेतला आहे, अशा लाभार्थ्यांची यादी आणि प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजनेअंतर्गत संलग्नित असेलल्या रुग्णालयांची यादी अद्ययावत असावी, अशा सूचनाही देण्यात आल्याचे मुख्यमंत्र्यांनी यावेळी सांगितले.

अवयवदानाला महत्व

            अवयव दान हे सर्वात मोठे आणि पुण्याचे कार्य आहे, असे सांगून मुख्यमंत्री श्री. शिंदे म्हणाले कीआयुष्मान सभेमध्ये याविषयीही जागृती करण्यात यावी. क्षयरुग्ण यांना पोषण आहार देण्यासाठी ‘निक्षय मित्र’ बनविणे हा उपक्रमही राज्यातील सामान्य नागरिकांच्या आरोग्यविषयक सेवा उपलब्ध करून देण्यासाठी उपयुक्त ठरणार आहे.

17 सप्टेंबर ते 31 डिसेंबर दरम्यान ‘आयुष्मान भव:’ मोहीम

 17 सप्टेंबर ते 31 डिसेंबर दरम्यान ‘आयुष्मान भव:’ मोहीम


            मुंबई, दि. 12 : देशभरात 17 सप्टेंबर ते 31 डिसेंबर 2023 या कालावधीत ‘आयुष्मान भव:’ मोहीम राबविली जाणार आहे. या मोहिमेचा शुभारंभ राष्ट्रपती द्रौपदी मुर्मू यांच्या हस्ते 13 सप्टेंबर रोजी नवी दिल्ली येथे होणार असून राज्यस्तरावर या मोहिमेचा कार्यारंभ सोहळा राज्यपाल रमेश बैस यांच्या हस्ते व मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, सार्वजनिक आरोग्य व कुटुंब कल्याण मंत्री डॉ. तानाजी सावंत यांच्या उपस्थितीत सह्याद्री अतिथीगृह येथे होणार आहे.   


            धर्मादाय रूग्णालयांविषयीचे आरोग्य आधार ॲप व राज्यातील खासगी आरोग्य संस्थांची नोंदणी करण्यासाठी महाराष्ट्र नर्सिंग होम रजिस्ट्रेशन ॲप, आरोग्यवर्धिनी केंद्रामधील कार्यरत समुदाय आरोग्य अधिकारी यांची दैनंदिन उपलब्धता तसेच कामावर आधारित मोबदल्याची अदायगी याचे सनियंत्रण करण्याकरीता समुदाय आरोग्य अधिकारी ॲप यांची राज्यस्तरावर सुरूवात मोहिमेच्या कार्यारंभ सोहळ्यावेळी करण्यात येणार आहे.


            सर्व जिल्ह्यांमध्ये मोहीम राबविण्यात येणार असून गावपातळीपर्यंत गुणवत्तापूर्वक आरोग्य सेवा पुरविणे व जनजागृती करणे हा या मोहिमेचा उद्देश आहे. मोहिमेदरम्यान आयुष्मान आपल्या दारी 3.0, आयुष्मान सभा, आयुष्मान मेळावा, अंगणवाडी व प्राथमिक शाळांमधील मुलांची तपासणी, रक्तदान मोहिम, अयवयदान जागृती मोहिम, स्वच्छता मोहिम, वय वर्ष 18 वरील पुरूषांची आरोग्य तपासणी मोहिम उपक्रम राबविण्यात येणार आहे. त्याचप्रमाणे 17 सप्टेंबर ते 2 ऑक्टोंबर दरम्यान ‘आयुष्मान भव:’ सेवा पंधरवाडाही राबविण्यात येईल. ‘आयुष्मान आपल्या दारी’ अंतर्गत पात्र लाभार्थींचे आयुष्मान कार्ड नोंदणी व वितरण, स्वयं नोंदणीसाठी जनतेला प्रोत्साहित करणे, प्रधानमंत्री जनआरोग्य योजना आणि महात्मा फुले जनआरोग्य योजना यांचे संयुक्त कार्डचे वितरण करण्यात येणार आहे.


            आयुष्मान सभेचे 2 ऑक्टोंबर रोजी ग्रामसभेच्या स्वरूपात आयोजन करण्यात येणार आहे. आरोग्यवर्धिनी केंद्र स्तरावर आयुष्मान मेळाव्याचे आयोजन दर आठवड्याला शनिवारी करण्यात येणार आहे. मेळाव्यामध्ये पहिल्या आठवड्यात असंसर्गजन्य आजार तपासणी, निदान व उपचार, दुसऱ्या आठवड्यात क्षयरोग, कुष्ठरोग व इतर असंसर्गजन्य आजार तपासणी, निदान व उपचार, तिसऱ्या आठवड्यात माता, बाल आरोग्य व पोषण आरोग्य सुविधा, चौथ्या आठवड्यात सिकलसेल तपासणी व नेत्र रोग चिकित्सा, कान, नाक व घसा तपासणी होईल. या सर्व मेळाव्यांदरम्यान 18 वर्ष व अधिक वयोगटातील पुरूषांची आरोग्यविषयक सर्वंकष तपासणी करण्यात येणार असून ग्रामीण रूग्णालय व उपजिल्हा रूग्णालय येथे दर आठवड्याला आरोग्य मेळावा पार पडणार आहे

Tuesday, 12 September 2023

तारदेव मुंबईतील सर्वात मोठे नेत्र चिकित्सालय (चॅरिटी

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 तारदेव मुंबईतील सर्वात मोठे नेत्र चिकित्सालय (चॅरिटी) सुमारे 6,000 चौरस फूट, संपूर्ण वातानुकूलित, संपूर्ण संगणकीकृत.


 नवीन रूग्णांकडून टोकन रक्कम रु. 200. पाठपुरावा फक्त रु. 100.


 सर्व शस्त्रक्रिया आणि प्रक्रिया अत्यंत सवलतीच्या दरात केल्या जातात.


 मोतीबिंदू ऑपरेशन : प्रति डोळा फक्त 5000/- रुपये


 भेटींची गरज नाही.


 दिवसाला 400 रुग्णांची तपासणी करण्याची क्षमता.


 वेळ सोमवार ते शनिवार सकाळी 9.00 ते संध्याकाळी 5.00.


 रविवार बंद


 गुरुवारी रात्री 9.00 ते 12 आणि दुपारी 3.00 ते 5.00


 आधार कार्ड अनिवार्य


 पत्ता:

 व्हिजन फाऊंडेशन ऑफ इंडियातर्फे चॅरिटी आय क्लिनिक.

 फिल्म सेंटर इमारत

 तळमजला

 समोर. फोम होम

 68, तारदेव रोड

 मुंबई 400 034.

 Te: 022 3543 4662



 कृपया इतरांना फॉरवर्ड करा जेणेकरून जास्तीत जास्त लोकांनी लाभ घ्यावा.

Monday, 11 September 2023

मुख्यमंत्री वैद्यकीय सहायता निधी मिळविणे आणखी झाले सोपे; सीएमएमआरएफ अॅप्लिकेशनवर अर्ज भरून मदत मिळविता येणार

 मुख्यमंत्री वैद्यकीय सहायता निधी मिळविणे आणखी झाले सोपे;

सीएमएमआरएफ अॅप्लिकेशनवर अर्ज भरून मदत मिळविता येणार


14 महिन्यात 13 हजाराहून अधिक रुग्णांना 112 कोटी 12 लाखांची मदत वितरित

            मुंबई, दि.10 : मुख्यमंत्री वैद्यकीय सहाय्यता कक्षाने आपल्या सातत्यपूर्ण कामगिरीचा आलेख कायम राखत अवघ्या 14 महिन्यात 13 हजाराहून अधिक गोरगरीब -गरजू रुग्णांना एकूण 112 कोटी 12 लाख रुपयांची आर्थिक मदत वितरित केली आहे. आता मुख्यमंत्री वैद्यकीय सहायता निधी मिळविणे आणखी सोपे झाले असून यासाठी मंत्रालयात येण्याची आवश्यकता भासणार नाही. सीएमएमआरएफ या अँप्लिकेशनवर अर्ज भरुन मदत मिळविता येणार असल्याची माहिती मुख्यमंत्री सहाय्यता कक्षाचे प्रमुख मंगेश चिवटे यांनी दिली आहे.


            मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे यांच्या पुढाकाराने मागील वर्षी पहिल्याच जुलै महिन्यात १७८ रुग्णांना ७६ लाखांची मदत देण्यात आली. नंतर ऑगस्ट महिन्यात २४४ रुग्णांना १ कोटी १ लाख, सप्टेंबर महिन्यात ३१९ रुग्णांना १ कोटी ८६ लाख, ऑक्टोबर महिन्यात २७६ रुग्णांना २ कोटी ३५ लाख, नोव्हेंबर महिन्यात ५२७ रुग्णांना ४ कोटी ५० लाख, डिसेंबर महिन्यात १०३१ रुग्णांना ८ कोटी ५२ लाख, जानेवारी २०२३ मध्ये १०३२ रुग्णांना ८ कोटी ९० लाख तर फेब्रुवारी २०२३ मध्ये १२७४ रुग्णांना १० कोटी ५९ लाख, मार्च २०२३ मध्ये १४६९ रुग्णांना ११ कोटी ९३ लाख, एप्रिल मध्ये ११९० रुग्णांना ९ कोटी ९१ लाख, मे मध्ये १३२९ रुग्णांना ११ कोटी २५ लाख, तर जून मध्ये १७२८ रुग्णांना १४ कोटी ६२ लाख, जुलै १४८८ रुग्णांना १२ कोटी ७२ लाख, तर ऑगस्ट मध्ये विक्रमी १५६७ रुग्णांना १३ कोटी १४ लाख, रुपयांची वैद्यकीय मदत देण्यात आली आहे.


            मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे यांच्या संवेदनशीलतेमुळे मुख्यमंत्री वैद्यकीय सहायता निधीमध्ये अनेक-विविध आजारांचा समावेश देखील करण्यात आला आहे. यामध्ये अँजिओप्लास्टी, बायपास सर्जरी, कर्करोगावरील शस्त्रक्रिया, केमोथेरपी, डायलिसिस, जन्मतः मूकबधिर लहान मुलांच्यासाठी अत्यावश्यक असणारी कॉकलीयर इनप्लांट शस्त्रक्रिया, सर्व प्रकारचे अवयव प्रत्यारोपण शस्त्रक्रिया, रस्ते अपघात, विद्युत अपघात, भाजलेले रुग्ण, जन्मतः लहान मुलांच्या हृदयशस्त्रक्रिया आदींचा समावेश आहे.


            मुख्यमंत्री वैद्यकीय सहाय्यता कक्षाने रुग्णसेवेत उत्कृष्ट कामगिरी करुन राज्यातील हजारो रुग्णांचे प्राण वाचविण्यात यश मिळविले आहे. यामुळे अनेक रुग्णांना अक्षरशः जीवनदान मिळाले आहे. गोरगरीब गरजू रुग्णांना दुर्धर आणि महागड्या शस्त्रक्रियांसाठी मुख्यमंत्री वैद्यकीय सहाय्यता कक्षातून अर्थसहाय्य केले जाते. या निधीचा जास्तीत जास्त गरजू रुग्णांनी लाभ घ्यावा, असे आवाहन मुख्यमंत्री सहाय्यता कक्षाचे प्रमुख मंगेश चिवटे यांनी केले आहे

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