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Friday, 14 February 2025

कानून व्यवस्था मजबूत बनाने के लिए अपराधों का दर्ज होना ज़रूरी है, इसलिए FIR दर्ज करने में किसी तरह की देरी न हो,pl share

 केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री देवेन्द्र फडणवीस की उपस्थिति में राज्य में तीन नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन पर समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की

देशवासियों को त्वरित व पारदर्शी न्याय प्रणाली देने के लिए मोदी सरकार संकल्पित है

महाराष्ट्र सरकार राज्य के सभी कमिश्नरेट में जल्द से जल्द नए आपराधिक क़ानून लागू करे

महाराष्ट्र नए कानूनों के अनुरूप एक आदर्श डायरेक्टरेट ऑफ प्रॉसिक्यूशन’ की व्यवस्था बनाए

कानून व्यवस्था मजबूत बनाने के लिए अपराधों का दर्ज होना ज़रूरी हैइसलिए FIR दर्ज करने में किसी तरह की देरी न हो

 

7 साल से अधिक सजा के मामलों में 90% से अधिक दोषसिद्धि हासिल करने के प्रयास हो

-         केन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह

मुंबई, 14 : केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री देवेन्द्र फडणवीस की उपस्थिति में राज्य में तीन नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन पर समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में पुलिसजेलकोर्टअभियोजन और फॉरेन्सिक से संबंधित विभिन्न नए प्रावधानों के महाराष्ट्र में कार्यान्वयन और वर्तमान स्थिति की समीक्षा की गई। बैठक में केन्द्रीय गृह सचिवमहाराष्ट्र की मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशकपुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो (BPRD) के महानिदेशकराष्ट्रीय अपराध अभिलेख ब्यूरो (NCRB) के महानिदेशक और केन्द्रीय गृह मंत्रालय और राज्य सरकार के अनेक वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि देशवासियों को त्वरित व पारदर्शी न्याय प्रणाली देने के लिए मोदी सरकार संकल्पित है। उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था मजबूत बनाने के लिए अपराधों का दर्ज होना ज़रूरी हैइसलिए FIR दर्ज करने में किसी तरह की देरी नहीं होनी चाहिए।

 

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र नए आपराधिक कानूनों के अनुरूप एक आदर्श डायरेक्टरेट ऑफ प्रॉसिक्यूशन (Directorate of Prosecution) की व्यवस्था बनाए। उन्होंने कहा कि 7 साल से अधिक सजा के मामलों में 90 प्रतिशत से अधिक दोषसिद्धि हासिल करने के प्रयास किए जाएं और पुलिससरकारी वकील एवं न्यायपालिका मिलकर दोषियों को जल्द से जल्द सजा दिलाने का प्रयास करें।

गृह मंत्री ने एक बार फिर इस बात पर जोर दिया कि संगठित अपराधआतंकवाद और मॉब लिंचिंग के मामलों की वरिष्ठ पुलिस अधिकारी नियमित मॉनिटरिंग करें ताकि इन अपराधों से जुड़ी धाराओं का दुरुपयोग न हो। उन्होंने कहा कि जेलोंसरकारी अस्पतालोंबैंकफोरेंसिक साइंस लैबोरेटरी (FSL) इत्यादि परिसरो में वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के जरिए साक्ष्य दर्ज करने के व्यवस्था होनी चाहिए। श्री शाह ने कहा कि ऐसी व्यवस्था की जानी चाहिए जिसमें अपराध एवं अपराधी ट्रैकिंग नेटवर्क एवं सिस्टम (CCTNS) के जरिए दो राज्यों के बीच FIR को ट्रांसफर किया जा सके। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र को CCTNS 2.0 और ICJS 2.0 को अपनाना चाहिए।

 

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि पुलिस को पूछताछ के लिए हिरासत में रखे गए लोगों की जानकारी इलेक्ट्रॉनिक डैशबोर्ड पर प्रदान करनी चाहिए। उन्होंने पुलिस थानों में इंटरनेट कनेक्टिविटी बढाने पर जोर दिया। श्री शाह ने कहा कि हर पुलिस सब डिवीजन में फॉरेंसिक साइंस मोबाइल वैन्स की उपलब्धता सुनिश्चित होनी चाहिए। गृह मंत्री ने फॉरेंसिक विशेषज्ञों की भर्ती पर बल देते हुए फॉरेन्सिक विभाग में खाली पदों पर भर्ती शीघ्र सुनिश्चित करने को कहा।

श्री अमित शाह ने महाराष्ट्र सरकार से कहा कि वह राज्य की फिंगर प्रिंट पहचान प्रणाली को National Automated Fingerprint Identification System (NAFIS) के साथ एकीकृत करे। उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस को अपराधियों के पास से बरामद की गई संपत्ति को नए आपराधिक कानूनों के प्रावधानों के अनुसार उसके असली हकदार को लौटाने की व्यवस्था करनी चाहिए। गृह मंत्री ने पुलिस थानों को सुंदर बनाने पर भी बल दिया। 

 

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री राज्य में नए आपराधिक कानूनों के क्रियान्वयन की पाक्षिक और मुख्य सचिव एवं पुलिस महानिदेशक साप्ताहिक समीक्षा करें।  

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