Sunday, 8 June 2025

नदी जोड़ परियोजनाओं और गांव स्तर पर जल संरक्षण कार्यों से महाराष्ट्र की जल समस्या पर सफलतापूर्वक नियंत्रण पाएंगे”

 नदी जोड़ परियोजनाओं और गांव स्तर पर जल संरक्षण कार्यों से महाराष्ट्र की जल समस्या पर सफलतापूर्वक नियंत्रण पाएंगे

                 – मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस

 

तीन दिवसीय विदर्भ जल परिषद का शुभारंभ

बलिराजा योजना के अंतर्गत 20 हजार गांवों की बदली तस्वीर

तापी पुनर्भरण और वैतरणा-नलगंगा नदी जोड़ परियोजना से खेती को मिलेगा स्थायी जल

 

नागपुर, 07 जून: महाराष्ट्र की जल समस्या को हल करने के लिए बड़े बांधों के साथ-साथ नदी जोड़ परियोजनाएंजल संरक्षणजल पुनर्भरणजल पुन:उपयोग और अन्य छोटे-बड़े परियोजनाओं का समन्वय जरूरी है। इसी दृष्टिकोण से पश्चिमी प्रवाही नदियों के समुद्र में बहने वाले 54 टी.एम.सी. पानी को गोदावरी बेसिन में लाने का हमने संकल्प लिया है। साथ ही नलगंगावैनगंगा नदी जोड़ परियोजना के माध्यम से विदर्भ के सूखाग्रस्त क्षेत्रों में पानी पहुंचाया जा रहा है। तापी बेसिन का जो 35 टी.एम.सी. पानी गुजरात के रास्ते समुद्र में बह जाता हैवह पानी अब तापी बेसिन में ही रोकने की योजना है। इस परियोजना से भविष्य का महाराष्ट्र एक जलसंकट से उबरने वाला सफल राज्य बनकर उभरेगाऐसा प्रतिपादन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने किया।

मुख्यमंत्री श्री फडणवीस वनामती सभागृह में आयोजित तीन दिवसीय विदर्भ जल परिषद के उद्घाटन समारोह में बोल रहे थेजो राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना विभाग और जनकल्याणकारी समिति नागपुर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित की गई। इस अवसर पर विधायक डॉ. परिणय फुकेप्रभारी कुलपति डॉ. माधवी खोडे चवरेगोंडवाना विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. प्रशांत बोकारेपशु एवं मत्स्य विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. नितिन पाटीललक्ष्मीनारायण अभिनव प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. अतुल वैद्यवनामती के निदेशक डॉ. वसुमना पंतविदर्भ सिंचन विकास महामंडल के संचालक राजेश सोनटक्केभूजल सर्वेक्षण उपसंचालक डॉ. चंद्रकांत भोयरराष्ट्रीय मृदा विज्ञान ब्यूरो के निदेशक डॉ. नितिन पाटीलप्र-कुलपति डॉ. सुभाष कोंडावारकृषि सह-संचालक डॉ. उमेश घाटगेकुलसचिव डॉ. राजू हिवसे आदि मान्यवर उपस्थित थे।

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