पुण्यश्लोक अहिल्यादेवी होळकर का कार्य अमूल्य है
– मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस
‘लोकमाता अहिल्याबाई होळकर : एन इटरनल फ्लेम’ कॉफी टेबल बुक का प्रकाशन
मुंबई, 28 मई : पुण्यश्लोक अहिल्यादेवी होळकर ने लोककल्याणकारी कार्यों के माध्यम से राज्य का संचालन किया। उन्होंने देशभर में मंदिरों का पुनर्निर्माण और घाटों का निर्माण कराया। उन्होंने जो कुएँ और तालाब बनवाए, उनके संरक्षण का कार्य महाराष्ट्र सरकार द्वारा किया जाएगा। उनका कार्य अमूल्य है, ऐसा प्रतिपादन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने किया।
मुख्यमंत्री श्री. फडणवीस सोशल स्टडीज फाउंडेशन द्वारा निर्मित "लोकमाता अहिल्याबाई होळकर: एन इटरनल फ्लेम" इस कॉफी टेबल बुक के प्रकाशन समारोह में बोल रहे थे। यह पुस्तक पुण्यश्लोक अहिल्यादेवी होळकर की 300वीं जयंती के अवसर पर प्रकाशित की गई है।
इस अवसर पर केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी, राज्य के कौशल विकास, रोजगार, उद्यमिता और नवाचार मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा, संस्कृति कार्य और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री एड. आशीष शेलार, मुंबई उच्च न्यायालय की पूर्व न्यायमूर्ति तथा MAT की अध्यक्ष मृदुला भाटकर, कवि प्रसून जोशी, तथा पुस्तक के संपादक अम्बरिश मिश्रा, सत्यप्रकाश मिश्रा और अविनाश मुळे आदि मान्यवर उपस्थित थे।
राज्य सरकार द्वारा लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय
मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि अहिल्यादेवी की 300वीं जयंती के उपलक्ष्य में उनके जन्मस्थान चौंडी में मंत्रिमंडल की बैठक आयोजित की गई, जिसमें राज्य के प्रमुख ज्योतिर्लिंगों और पंढरपुर जैसे धार्मिक स्थलों के जीर्णोद्धार की योजना को मंजूरी दी गई। इसके साथ ही अहमदनगर जिले का नाम 'अहिल्यानगर' रखा गया। उनके जीवन पर एक उच्च गुणवत्ता वाली व्यावसायिक फिल्म भी बनाने का निर्णय लिया गया है, जिससे उनका शौर्य और प्रेरणादायी कार्य आनेवाली पीढ़ियों तक पहुँचेगा।
पुस्तक केवल साहित्य नहीं, सांस्कृतिक धरोहर है
मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि अहिल्यादेवी के जीवन की जानकारी सामान्य जनता तक पहुँचना चाहिए। लोगों को उनके जीवन के कुछ पहलुओं की जानकारी हो सकती है, लेकिन उनका बहुआयामी व्यक्तित्व इस पुस्तक के माध्यम से सामने आया है। उन्होंने कहा, “यह केवल एक पुस्तक नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति की धरोहर है।”
केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी की प्रतिक्रिया
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि काशी, अयोध्या और सोमनाथ जैसे धार्मिक स्थलों के पुनर्विकास में अहिल्यादेवी का ऐतिहासिक योगदान रहा है। ‘इटरनल फ्लेम’ पुस्तक में उनके नेतृत्वगुणों का विश्लेषण किया गया है। पुण्यश्लोक अहिल्यादेवी होळकर के कार्यों से प्रेरणा लेकर हम आगे बढ़ रहे हैं। इतिहास में ‘प्रगतिशील रानी’ के रूप में पहचानी जाने वाली अहिल्यादेवी पर आधारित यह पुस्तक उनके नेतृत्व और आदर्शों को उजागर करती है।
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