वैदिक गणित गुणवत्ता केंद्र नागपुर में स्थापित करे; सरकार देगी पूर्ण सहयोग
- मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस
• वैदिक गणित के खंडों का हुआ प्रकाशन
नागपुर, 31 मार्च : भारत में विकसित विभिन्न शास्त्रों की नींव गणित पर आधारित है। वैदिक गणित के खंडों के माध्यम से यह ज्ञान समाज के समक्ष नए रूप में प्रस्तुत किया जाएगा। वैदिक गणित का महत्व और उपयोग आगामी पीढ़ियों तक पहुंचना आवश्यक है। इसी उद्देश्य से भारती कृष्ण विद्या विहार में वैदिक गणित का गुणवत्ता केंद्र स्थापित किया जाए, ऐसी अपेक्षा व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आश्वासन दिया कि सरकार की ओर से पूर्ण सहयोग दिया जाएगा।
विश्व पुनर्निर्माण संघ द्वारा संचालित भारती कृष्ण विद्या विहार विद्यालय में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत के हस्ते और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की प्रमुख उपस्थिति में आदि शंकराचार्य कृष्ण तीर्थ महाराज द्वारा लिखित वैदिक गणित के दो खंडों का प्रकाशन हुआ। इस अवसर पर विश्व पुनर्निर्माण संघ के अध्यक्ष प्रफुल्लकुमार काले, सरचिटणीस शैलेश जोगळेकर, और संचालक मंडल के अन्य सदस्य उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि प्राचीन भारतीय संस्कृति में कई महत्वपूर्ण शास्त्र विकसित हुए हैं, लेकिन विदेशी आक्रमणों के कारण इन शास्त्रों का ज्ञान सभी तक नहीं पहुंच पाया। आदि शंकराचार्य कृष्ण तीर्थ महाराज ने वेद ऋचाओं का अध्ययन कर संपूर्ण गणित को सरल पद्धति से वैदिक गणित खंडों में प्रस्तुत किया है। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) की कक्षा 5वीं से 7वीं के पाठ्यक्रम में इस पुस्तक को शामिल किया गया है। इन खंडों के माध्यम से शंकराचार्य ने वेदों में निहित ज्ञान को उजागर किया है। वैदिक गणित भारत की महत्वपूर्ण और विशाल ज्ञान संपदा है, जिसके संरक्षण और संवर्धन के लिए भारती कृष्ण विद्या विहार में गुणवत्ता केंद्र स्थापित किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री फडणवीस ने आश्वासन दिया कि शिक्षा विभाग वैदिक गणित को विद्यार्थियों तक पहुंचाने के लिए सकारात्मक विचार करेगा।
सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि मानवीय जीवन में गणना और आंकड़ों का अत्यधिक महत्व है। प्राचीन भारतीय परंपरा से प्राप्त वैदिक गणित का विचार विश्व कल्याण के लिए है। आज विश्व में आध्यात्मिकता पर आधारित अनेक परिवर्तन और पुनर्निर्माण हो रहे हैं, जिनमें वैदिक गणित भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। यह गणित संपूर्ण विश्व को सुखी और समृद्ध बनाने में योगदान दे सकता है।
उन्होंने सांख्यदर्शन, वक्ररचना निर्देशांक, नल-दमयंती आख्यान, महाभारत आदि के उदाहरण देते हुए गणित के महत्व को स्पष्ट किया।
कार्यक्रम में विश्व पुनर्निर्माण संघ के अध्यक्ष प्रफुल्लकुमार काले ने प्रास्ताविक भाषण दिया, जबकि सरचिटणीस शैलेश जोगळेकर ने आभार व्यक्त किया।
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