Sunday, 16 February 2025

मोतीबिंदु मुक्त राज्य के सपने को साकार करने के लिए सरकार हमेशा प्रतिबद्ध – मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस

 मोतीबिंदु मुक्त राज्य के सपने को साकार करने के लिए सरकार हमेशा प्रतिबद्ध

– मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस

 

मुंबई, 13 फरवरी : महाराष्ट्र सरकार राज्य को मोतीबिंदु मुक्त करने के सपने को साकार करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। इस दिशा में विदर्भ स्थित मास्टेक और शंकरा फाउंडेशनयूएसए जैसी संस्थाएं मोतीबिंदु मुक्त महाराष्ट्र मिशन में सहयोग के लिए आगे आई हैं। ये संस्थाएं हर साल लगभग एक लाख (100,000) नि:शुल्क मोतीबिंदु सर्जरी करने का लक्ष्य रखती हैंजो बेहद सराहनीय कार्य है। इस पहल से महाराष्ट्र को मोतीबिंदु मुक्त बनाने में महत्वपूर्ण योगदान मिलेगाऐसा विश्वास मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने व्यक्त किया।

नागरिकों के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए सरकार ने कई योजनाएं शुरू की हैं। वरिष्ठ नागरिकों में मोतीबिंदु के कारण दृष्टिहीनता की समस्या को दूर करने के लिए 2017 में मोतीबिंदु मुक्त महाराष्ट्र मिशन शुरू किया गया थाजिसे 2018 में एक नए दृष्टिकोण के साथ फिर से लागू किया गया। इस मिशन में सार्वजनिक स्वास्थ्यचिकित्सा शिक्षासामाजिक न्यायआदिवासी विकास और शालेय शिक्षा जैसे विभिन्न विभागों को शामिल किया गया है। महाराष्ट्र में इस मिशन की सफलता को देखते हुए राष्ट्रीय अंधता नियंत्रण कार्यक्रम और धर्मार्थ अस्पतालों ने भी अपना सहयोग दिया है।

इस मिशन के तहत सभी सरकारी और धर्मार्थ अस्पतालों में नि:शुल्क मोतीबिंदु सर्जरी की जा रही है। इस पहल को सफल बनाने के लिए महाराष्ट्र के 350 ऑपरेशन थिएटर में हर दिन कम से कम 10 नि:शुल्क मोतीबिंदु सर्जरी करने का लक्ष्य रखा गया था। मिशन शुरू होने के बाद 2017 से 2019 तक 17.5 लाख नि:शुल्क सर्जरी की गईंऔर 2022-23 में लगभग 9 लाख सर्जरी पूरी की गईं। मार्च 2024 तक 9,45,733 और नि:शुल्क मोतीबिंदु सर्जरी की गईंऔर मरीजों को नि:शुल्क चश्मे भी वितरित किए गए। मुख्यमंत्री फडणवीस ने संतोष व्यक्त किया कि इस मिशन से राज्य में मोतीबिंदु रोगियों की संख्या में कमी लाने में मदद मिली है।

मोतीबिंदु मुक्त महाराष्ट्र मिशन को 2027 तक सफलतापूर्वक पूरा करने के लिएमास्टेक और शंकरा फाउंडेशन ने हर साल 1 लाख नि:शुल्क मोतीबिंदु सर्जरी करने और आर्थिक सहयोग देने का संकल्प लिया है। इस मिशन में कई प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थान भी शामिल होंगेजिनमें शामिल हैं:

दत्ता मेघे मेडिकल कॉलेजवर्धा

लता मंगेशकर मेडिकल कॉलेज

डॉ. महात्मे आई हॉस्पिटलनागपुर

AIIMS, नागपुर

शासकीय वैद्यकीय महाविद्यालयनागपुर

IGMC, नागपुर

सुरज आई इंस्टीट्यूट

डॉ. नानगिया आई हॉस्पिटलनागपुर

ये संस्थाएं ग्रामीण इलाकों में चिकित्सा शिविरों का आयोजन करेंगीजहां मोतीबिंदु से पीड़ित रोगियों की पहचान कर उन्हें अस्पतालों तक पहुंचाया जाएगा और नि:शुल्क इलाज कराया जाएगा। साथ हीये संस्थाएं अस्पतालों को आवश्यक बुनियादी सुविधाएं भी प्रदान करेंगी। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि सरकार इस मिशन को सफल बनाने के लिए इन संस्थाओं को पूरा सहयोग देगी।

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