सिंधुदुर्ग में देश के पहले अंडरवॉटर वॉरशिप म्यूज़ियम का
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने किया वर्चुअल उद्घाटन
मुंबई, 10 जून : भारतीय नौसेना से सेवानिवृत्त युद्धपोत 'आयएनएस गुलदार' को अब समुद्र के भीतर एक संग्रहालय और कृत्रिम प्रवाल भित्ति में बदला जाएगा। यह परियोजना सिंधुदुर्ग जिले के वेंगुर्ले तालुका स्थित निवती रॉक के पास तैयार की जा रही है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस अनोखी परियोजना का वर्चुअल उद्घाटन किया। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री अजित पवार, महिला व बाल विकास मंत्री आदिती तटकरे, पर्यटन मंत्री शंभूराज देसाई, मत्स्य व्यवसाय मंत्री नितेश राणे, मुख्य सचिव सुजाता सौनिक और अन्य कैबिनेट सदस्य उपस्थित थे।
यह देश की पहली ऐसी परियोजना है जिससे समुद्री संरक्षण और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। जहाज को समुद्र में स्थिर किया जाएगा और उसके चारों ओर कृत्रिम प्रवाल भित्तियों का निर्माण किया जाएगा, जिससे स्कूबा डाइविंग और भविष्य में पनडुब्बी द्वारा पर्यटन की सुविधा संभव हो सकेगी। केंद्र सरकार ने इस ऐतिहासिक पहल के तहत INS गुलदार को महाराष्ट्र पर्यटन विकास महामंडल (MTDC) को सौंपा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मंजूरी से यह जहाज बिना किसी शुल्क के महाराष्ट्र को प्रदान किया गया। इस तरह की परियोजनाएं विश्व के अनेक देशों में सफलतापूर्वक चल रही हैं।
इस अवसर पर महाराष्ट्र पर्यटन विकास महामंडल के प्रबंध संचालक मनोज कुमार सूर्यवंशी, महाव्यवस्थापक चंद्रशेखर जयस्वाल, सिंधुदुर्ग के जिलाधिकारी अनिल पाटील, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी माणिक दिवे और पुलिस अधीक्षक मोहन दहीकर ने वर्चुअल माध्यम से सहभागिता की।
INS गुलदार का परिचय : इस जहाज का वजन 1,120 टन है, इसकी लंबाई 83.9 मीटर, चौड़ाई 9.7 मीटर और गहराई 5.2 मीटर है। यह जहाज 12 जनवरी 2024 को सेवानिवृत्त हुआ था। केंद्र सरकार की पूंजी निवेश योजना "स्पेशल असिस्टेंस टू स्टेट्स फॉर कैपिटल इन्वेस्टमेंट (भाग-3)" के अंतर्गत पर्यटन मंत्रालय ने इस परियोजना के लिए 27 दिसंबर 2024 को ₹46.91 करोड़ की मंजूरी दी।
MTDC के अनुरोध पर भारतीय नौसेना ने पोर्ट ब्लेयर (अंडमान) से जहाज को कर्नाटक के कारवार नौसेना अड्डे तक अपने खर्च पर पहुंचाया, जिससे राज्य सरकार को वित्तीय बचत हुई।
परियोजना के चरण :
22 फरवरी 2024 : MTDC ने कारवार नौसेना अड्डे पर आधिकारिक रूप से जहाज का अधिग्रहण किया।
16 मार्च 2025 : जहाज को सफलतापूर्वक कारवार से सिंधुदुर्ग जिले के विजयदुर्ग जेट्टी तक लाया गया।
15 अप्रैल 2025 : नियुक्त एजेंसी द्वारा जहाज की पर्यावरणीय सफाई पूर्ण की गई।
16 अप्रैल 2025 : माझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड को निवती रॉक (Latitude-15°56.138’N, Longitude-73°22.601’E) पर जहाज को समुद्र में स्थिर करने का कार्यादेश दिया गया। यह कार्य मौसम अनुकूल होने पर पूरा किया जाएगा।
इस जहाज के चारों ओर प्रवाल भित्तियों का निर्माण किया जाएगा, जिससे पर्यटक स्कूबा डाइविंग और भविष्य में पनडुब्बी के माध्यम से इस समुद्री संग्रहालय का अनुभव ले सकेंगे।
No comments:
Post a Comment