नाशिक सिंहस्थ कुंभ मेले के दृष्टिकोण से नाशिक को जोड़ने वाले सभी मार्गों का होगा विकास
– मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी की प्रमुख उपस्थिति में नाशिक को जोड़ने वाले राजमार्गों को लेकर बैठक संपन्न।
नागपुर, दिनांक 22: आगामी नाशिक सिंहस्थ कुंभ मेले में श्रद्धालुओं की अपार भीड़ और यातायात व्यवस्थाओं को ध्यान में रखते हुए आवश्यक सड़क सुविधाओं और नई सड़कों के निर्माण को केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय द्वारा सैद्धांतिक मंज़ूरी दी गई है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि शीघ्र ही इन परियोजनाओं के लिए डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) तैयार की जाएगी और आवश्यक धनराशि उपलब्ध कराई जाएगी।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कुंभ मेले की बढ़ती महत्ता और श्रद्धालुओं की आस्था को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से केंद्र स्तर पर सहायता की विनती की थी। उनके मार्गदर्शन में नागपुर में मुख्यमंत्री कार्यालय में एक उच्चस्तरीय बैठक का आयोजन हुआ, जिसमें यह निर्णय लिया गया।
गिरीश महाजन, शिवेंद्रसिंह भोसले, सांसद सुमिता वाघ, विधायक देवयानी फरांदे, मंगेश चौहान, सड़क परिवहन मंत्रालय के सचिव वी. उमाशंकर, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण अध्यक्ष यादव, अपर मुख्य सचिव मनीषा म्हैसकर, नाशिक संभागीय आयुक्त प्रवीण गेडाम, विशेष पुलिस महानिरीक्षक दत्ता कराले, पुलिस आयुक्त संदीप कर्णिक, जिलाधिकारी जलज शर्मा, मनपा आयुक्त मनीषा खत्री एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी।
नाशिक से लगभग आठ प्रमुख मार्ग जुड़े हैं – मुंबई, गुजरात, पालघर, पु
मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि कुंभ मेले के दौरान भारी ट्रैफिक को ध्यान में रखते हुए विस्तृत सड़कों का जाल तैयार किया जाएगा जिससे भक्तों को सुरक्षित और सुगम यात्रा सुविधा मिलेगी। बैठक में नाशिक रिंग रोड को भी मंजूरी दी गई तथा नाशिक-त्र्यंबकेश्वर मार्ग को छह लेन का करने का निर्णय लिया गया।
द्वारका सर्कल का विकास:द्वारका सर्कल पर विशेष ध्यान देते हुए इसे दो चरणों में विकसित करने का निर्णय लिया गया –कुंभ मेले से पहले किया जाने वाला कार्य, कुंभ मेले के बाद का कार्य यह विकास कळंबोली जंक्शन की तर्ज पर किया जाएगा।
विकसित किए जाने वाले प्रमुख मार्ग:
1. घोटी – पाहिने – त्र्यंबकेश्वर
2. द्वारका सर्कल – सिन्नर IC 21 (समृद्धि एक्सप्रेसवे) – नांदूर शिंगोटे – कोल्हार
3. नाशिक – कसारा
4. सावली विहीर (IC 20) – शिर्डी – शनिशिंगणापू
5. नाशिक – धुले
6. त्र्यंबकेश्वर – जव्हार – मनोर
7. सावली विहीर – मनमाड – मालेगांव
8. घोटी – सिन्नर – वावी – शिर्डी
9. शनिशिंगणापूर फाटा – अहिल्यानगर (खरवंडी फाटा)
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