मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की दूरदृष्टि से शुरू हुई ‘गादमुक्त बांध, गादयुक्त खेत’ योजना जलसंरक्षण और किसानों की समृद्धि की दिशा में महत्वपूर्ण पहल
मुंबई, 10 मई: मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की दूरदृष्टिपूर्ण सोच से प्रेरित ‘गादमुक्त बांध, गादयुक्त खेत’ योजना महाराष्ट्र के ग्रामीण क्षेत्रों में जल संसाधनों के टिकाऊ प्रबंधन और कृषि उत्पादकता बढ़ाने का सशक्त माध्यम बन रही है।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य बांधों और जलाशयों में जमा गाद का वैज्ञानिक तरीके से प्रबंधन कर उसका पुनः उपयोग खेतों में करना है। इससे जहां जलसंग्रहण क्षमता बढ़ती है, वहीं पोषक तत्वों से भरपूर गाद के उपयोग से मिट्टी की उपजाऊ शक्ति में भी वृद्धि होती है। यह योजना विशेष रूप से छोटे और सीमांत किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है।
छोटे किसानों के लिए लाभकारी योजना
‘गादमुक्त बांध, गादयुक्त खेत’ योजना छोटे भूधारक किसानों के हित में अत्यंत उपयोगी सिद्ध हो रही है। इसके तहत बांधों, बंधारों और तालाबों से गाद निकालकर आसपास के खेतों में डाली जाती है, जिसके लिए सरकार वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है। इससे खेतों की उपजाऊ क्षमता और जल धारण शक्ति दोनों में सुधार होता है। सीमित संसाधनों वाले छोटे किसानों को प्राकृतिक संसाधनों के बेहतर उपयोग से प्रत्यक्ष लाभ मिल रहा है। सरकार का उद्देश्य किसानों को आत्मनिर्भर बनाना और संसाधनों का सतत उपयोग सुनिश्चित करना है। यही कारण है कि यह योजना छोटे किसानों के लिए अत्यंत लाभदायक साबित हो रही है।
1 अप्रैल 2024 से 7 अप्रैल 2025 के बीच राज्य में कुल 1274 स्थानों पर 66.91 करोड़ घनमीटर गाद निकालने का लक्ष्य तय किया गया था, जिसमें से अब तक 42.29 करोड़ घनमीटर गाद निकाली जा चुकी है — जो लक्ष्य का 63% है। यह सफलता प्रशासन की प्रभावी कार्यवाही और किसानों की सक्रिय भागीदारी से संभव हो सकी है।
राज्य सरकार द्वारा ₹2,781.8 करोड़ की निधि
इस योजना के लिए राज्य सरकार ने ₹2,781.8 करोड़ की निधि का प्रावधान किया है, जिसमें से अब तक ₹1,549.9 करोड़ वितरित किए जा चुके हैं। पंजीकृत 35,205 किसानों में से 31,719 किसान अनुदान के लिए पात्र पाए गए हैं और उन्होंने 34.17 करोड़ घनमीटर गाद निकाली है। इसके लिए अनुमानित ₹1,221.6 करोड़ का अनुदान तय किया गया है, जिसमें से ₹512.4 करोड़ की राशि वितरित की जा चुकी है।
10.06 लाख एकड़ भूमि पर पोषक तत्वों से भरपूर मिट्टी
इस अभियान के अंतर्गत अब तक 10.06 लाख एकड़ भूमि पर पोषणमूल्ययुक्त मिट्टी डाली जा चुकी है, जो सतत कृषि की दिशा में एक बड़ा कदम है। खासकर छोटे और आर्थिक रूप से कमजोर किसानों को अपनी जमीन को फिर से उपजाऊ बनाने का अवसर इस योजना से मिला है।
किसानों की समृद्धि की कहानी
2016 में इस योजना की शुरुआत करते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा था, “यह योजना केवल गाद निकालने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह जल संरक्षण, भूमि उर्वरता और किसानों की समृद्धि की कहानी है।” आज राज्य के लाखों किसानों द्वारा इस योजना को मिले सकारात्मक प्रतिसाद से उनकी दूरदृष्टि की सफलता सिद्ध हो रही है।
ग्रामीण महाराष्ट्र के आर्थिक और पर्यावरणीय उत्थान की प्रेरणा
राज्य सरकार ने इस योजना को मजबूत वित्तीय आधार प्रदान किया है और किसानों को सक्रिय भागीदार बनाया है। 'गादमुक्त बांध, गादयुक्त खेत' योजना अब केवल जलसंरक्षण का उपक्रम नहीं रह गई है, बल्कि यह ग्रामीण महाराष्ट्र के आर्थिक और पर्यावरणीय उत्थान की प्रेरणा बन चुकी है।
No comments:
Post a Comment