Wednesday, 15 October 2025

चिरंजीव परफेक्ट बिघडलाय' ठरली सर्वोत्कृष्ट एकांकिका


चिरंजीव
 परफेक्ट बिघडलायठरली सर्वोत्कृष्ट एकांकिका


दाजीकाका गाडगीळ करंडक २०२५चा 

दिमाखदार समारोप

 

मुंबई दि. १५ प्रतिनिधी :  महाराष्ट्रातील प्रतिष्ठित एकांकिका स्पर्धांपैकी एक असलेल्या 'दाजीकाका गाडगीळ करंडक २०२५चा अंतिम निकाल नुकताच जाहीर करण्यात आलापीएनजीज्वेलर्स प्रस्तुत या स्पर्धेत राज्यभरातील १२१ एकांकिकांमधून निवडलेल्या अंतिम फेरीतल्या १६ सर्वोत्कृष्ट कलाकृतींनी दमदार सादरीकरण केले.

 

स्पर्धेचे यंदा आठवे वर्ष होतेमहाराष्ट्रातील मुंबईअहिल्यानगरनागपूरनाशिकधुळे आणि पुणे अशा सहा केंद्रांवर स्पर्धेची प्राथमिक फेरी घेण्यात आलीअंतिम फेरी 10 आणि 11 ऑक्टोबर रोजी लोकशाहीर अण्णाभाऊ साठे नाट्यगृहपद्मावती येथे घेण्यात आलीया वर्षी चुरशीच्या लढतीत 'चिरंजीव परफेक्ट बिघडलायया एकांकिकेने कथानकअभिनय आणि दिग्दर्शन या सर्वच स्तरांवर उत्कृष्टतेचा ठसा उमटवत सांघिक प्रथम क्रमांक पटकावत मानाचा फिरता करंडक पटकावला.

 

अंतिम फेरीसाठी परीक्षक म्हणून मराठी नाट्यसृष्टीतील तीन दिग्गज मान्यवर प्रसिद्ध अभिनेते श्रीवैभव मांगलेप्रतिभाशाली लेखिका  अभिनेत्री सौमुग्धा गोडबोले-रानडे आणि जाणकार लेखकदिग्दर्शक  अभिनेते श्रीयोगेश शिरसाट यांनी परीक्षण समितीची धुरा सांभाळलीतसेच प्राथमिक फेरीचे परीक्षण नितीन धंदुके आणि श्रीकांत भिडे यांनी केले.

 

पारितोषिक वितरण समारंभास पीएनजीज्वेलर्सचे अध्यक्ष  व्यवस्थापकीय संचालक सौरभ गाडगीळ आणि कार्यकारी संचालक पराग गाडगीळ तसेच दिग्दर्शक  मुख्य संयोजक अजय नाईक यांची सन्माननीय उपस्थिती लाभलीत्यांच्या हस्ते विजेत्या कलावंतांचा यथोचित गौरव करण्यात आला.

 

या स्पर्धेत कलादर्शन  नाट्यशृंगारपुणे यांच्या 'चिरंजीव परफेक्ट बिघडलायया एकांकिकेला प्रथम क्रमांकासह रोख रु,००,०००/- (एक लाख रुपयेआणि मानाचा फिरता दाजीकाका गाडगीळ करंडक प्रदान करण्यात आलान्यू आर्ट्स कॉमर्स एंड सायन्स,अहिल्यानगर यांच्या ‘काही प्रॉब्लेम ये का?' या एकांकिकेने द्वितीय क्रमांक पटकावत रु७५,०००/- चे बक्षीस जिंकलेतर रंगपंढरीपुणे या संस्थेच्या 'बरडया एकांकिकेला तृतीय क्रमांकासाठी रु५१,०००/- प्रदान करण्यात आलेयाव्यतिरिक्त थिएटर मॅजिक यांच्या 'तू ना जाने आस पास है खुदाआणि कलांश थिएटर यांच्या 'मढं निघालं अनुदानालाया दोन एकांकिकांना उत्तेजनार्थ बक्षीस म्हणून प्रत्येकी रु१०,०००/- देऊन सन्मानित करण्यात आले.

 

'दाजीकाका गाडगीळ करंडक'  या स्पर्धेने  रंगभूमीला नवी आणि गुणवान प्रतिभा दिली असूनकलावंतांना हक्काचे व्यासपीठ मिळवून दिले आहे असे मत श्रीसौरभ गाडगीळ यांनी व्यक्त केले आणि येत्या काही वर्षात स्पर्धेचा अजून विस्तार करण्याचा विश्वास व्यक्त केले.


---------------------------


'चिरंजीव परफेक्ट बिघडलाय' बनी सर्वश्रेष्ठ एकांकिका

'दाजीकाका गाडगीळ करंडक २०२५' का शानदार समापन

मुंबई दि. १५ प्रतिनिधि : महाराष्ट्र की प्रतिष्ठित एकांकिका प्रतियोगिताओं में से एक 'दाजीकाका गाडगीळ करंडक २०२५' का अंतिम परिणाम हाल ही में घोषित किया गया। पी. एन. जी. ज्वेलर्स द्वारा प्रस्तुत इस प्रतियोगिता में राज्य भर की १२१ एकांकिकाओं में से चुनी गई अंतिम दौर की १६ सर्वश्रेष्ठ कलाकृतियों ने ज़ोरदार प्रस्तुति दी।

प्रतियोगिता का यह इस वर्ष आठवाँ वर्ष था। महाराष्ट्र के मुंबई, अहमदनगर (अहिल्यानगर), नागपुर, नाशिक, धुले और पुणे जैसे छह केंद्रों पर प्रतियोगिता का प्राथमिक दौर आयोजित किया गया था। अंतिम दौर १० और ११ अक्टूबर को लोकशाहीर अण्णाभाऊ साठे नाट्यगृह, पद्मावती (पुणे) में आयोजित किया गया। इस वर्ष की कड़े मुकाबले में 'चिरंजीव परफेक्ट बिघडलाय' एकांकिका ने कहानी, अभिनय और निर्देशन, सभी स्तरों पर उत्कृष्टता की छाप छोड़ते हुए सामूहिक प्रथम स्थान प्राप्त किया और प्रतिष्ठित घूमता हुआ करंडक (चलती हुई ट्रॉफी) जीता।

अंतिम दौर के परीक्षक के रूप में मराठी नाट्य जगत के तीन दिग्गज - प्रसिद्ध अभिनेता श्री. वैभव मांगले, प्रतिभाशाली लेखिका व अभिनेत्री सौ. मुग्धा गोडबोले-रानडे, और जानकार लेखक, निर्देशक व अभिनेता श्री. योगेश शिरसाट ने निर्णायक मंडल की ज़िम्मेदारी संभाली। साथ ही, प्राथमिक दौर का मूल्यांकन नितिन धंदुके और श्रीकांत भिडे ने किया।

पुरस्कार वितरण समारोह में पी. एन. जी. ज्वेलर्स के अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक सौरभ गाडगीळ और कार्यकारी निदेशक पराग गाडगीळ के साथ-साथ निर्देशक व मुख्य संयोजक अजय नाईक की गरिमामयी उपस्थिति रही। उनके हाथों से विजेता कलाकारों का उचित सम्मान किया गया।

इस प्रतियोगिता में कलादर्शन व नाट्यशृंगार, पुणे की एकांकिका 'चिरंजीव परफेक्ट बिघडलाय' को प्रथम स्थान के साथ नकद रु. १,००,०००/- (एक लाख रुपये) और माना का घूमता हुआ दाजीकाका गाडगीळ करंडक प्रदान किया गया। न्यू आर्ट्स कॉमर्स एंड साइंस, अहमदनगर की एकांकिका 'काही प्रॉब्लेम ये का?' ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया और रु. ७५,०००/- का पुरस्कार जीता, जबकि रंगपंढरी, पुणे संस्था की 'बरड' एकांकिका को तृतीय स्थान के लिए रु. ५१,०००/- दिए गए। इसके अतिरिक्त, थिएटर मैजिक की 'तू ना जाने आस पास है खुदा' और कलांश थिएटर की 'मढं निघालं अनुदानाला' इन दो एकांकिकाओं को प्रोत्साहन पुरस्कार (उत्तेजनार्थ बक्षीस) के रूप में प्रत्येक को रु. १०,०००/- देकर सम्मानित किया गया।

श्री. सौरभ गाडगीळ ने यह राय व्यक्त की कि 'दाजीकाका गाडगीळ करंडक' इस प्रतियोगिता ने रंगमंच को नई और गुणी प्रतिभा दी है, और कलाकारों को एक पक्का मंच प्रदान किया है, तथा अगले कुछ वर्षों में प्रतियोगिता का और विस्तार करने का विश्वास व्यक्त किया।लेखक, निर्देशक व अभिनेता श्री. योगेश शिरसाट ने निर्णायक मंडल की ज़िम्मेदारी संभाली। साथ ही, प्राथमिक दौर का मूल्यांकन नितिन धंदुके और श्रीकांत भिडे ने किया।

पुरस्कार वितरण समारोह में पी. एन. जी. ज्वेलर्स के अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक सौरभ गाडगीळ और कार्यकारी निदेशक पराग गाडगीळ के साथ-साथ निर्देशक व मुख्य संयोजक अजय नाईक की गरिमामयी उपस्थिति रही। उनके हाथों से विजेता कलाकारों का उचित सम्मान किया गया।

इस प्रतियोगिता में कलादर्शन व नाट्यशृंगार, पुणे की एकांकिका 'चिरंजीव परफेक्ट बिघडलाय' को प्रथम स्थान के साथ नकद रु. १,००,०००/- (एक लाख रुपये) और माना का घूमता हुआ दाजीकाका गाडगीळ करंडक प्रदान किया गया। न्यू आर्ट्स कॉमर्स एंड साइंस, अहमदनगर की एकांकिका 'काही प्रॉब्लेम ये का?' ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया और रु. ७५,०००/- का पुरस्कार जीता, जबकि रंगपंढरी, पुणे संस्था की 'बरड' एकांकिका को तृतीय स्थान के लिए रु. ५१,०००/- दिए गए। इसके अतिरिक्त, थिएटर मैजिक की 'तू ना जाने आस पास है खुदा' और कलांश थिएटर की 'मढं निघालं अनुदानाला' इन दो एकांकिकाओं को प्रोत्साहन पुरस्कार (उत्तेजनार्थ बक्षीस) के रूप में प्रत्येक को रु. १०,०००/- देकर सम्मानित किया गया।

श्री. सौरभ गाडगीळ ने यह राय व्यक्त की कि 'दाजीकाका गाडगीळ करंडक' इस प्रतियोगिता ने रंगमंच को नई और गुणी प्रतिभा दी है, और कलाकारों को एक पक्का मंच प्रदान किया है, तथा अगले कुछ वर्षों में प्रतियोगिता का और विस्तार करने का विश्वास व्यक्त किया।

No comments:

Post a Comment

Featured post

Lakshvedhi