Tuesday, 30 September 2025

सौर ऊर्जा परियोजनाओं से बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन“सौर परियोजनाएँ कृषि को बदल रही हैं

 सौर ऊर्जा परियोजनाओं से बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन

- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

  • महाराष्ट्र में 2,458 मेगावाट क्षमता वाली 454 सौर परियोजनाओं का लोकार्पण
  • प्रधानमंत्री ने लाभार्थी किसानों से साझा की सफलताओं की कहानियाँ

 

मुंबई25 सितम्बर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज महाराष्ट्र में 2,458 मेगावाट क्षमता वाली 454 सौर ऊर्जा परियोजनाओं का लोकार्पण वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी उपस्थित थे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सौर परियोजनाओं से किसानों को दिन में बिजली उपलब्ध हो रही हैजिससे उनकी आय दुगनी हो रही है। उन्होंने किसानों से अपील की कि वे प्राकृतिक खेती की ओर रुख करेंकम लागत और अधिक उत्पादन वाली फसलों को अपनाएं तथा भूमि स्वास्थ्य संरक्षण पर ध्यान दें। प्रधानमंत्री ने कहा कि इन सौर परियोजनाओं से बड़े पैमाने पर रोजगार भी सृजित हो रहे हैं।

यह कार्यक्रम राजस्थान के बांसवाड़ा से आयोजित हुआजिसका ऑनलाइन प्रसारण मुंबई के बांद्रा (पूर्व) स्थित प्रकाशगढ़ से किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीसमहावितरण के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक लोकेश चंद्रमहानिर्मिती के प्रबंध निदेशक राधाकृष्णन बी.तथा पीएम-कुसुम सी (मुख्यमंत्री सौर कृषि वाहिनी योजना 2.0) और पीएम-कुसुम सीबी (मागेल त्याला सौर कृषि पंप योजना) के लाभार्थी किसान उपस्थित थे। प्रधानमंत्री मोदी ने महाराष्ट्र के किसानों से सीधे संवाद भी किया।

सौर परियोजनाएँ कृषि को बदल रही हैं – प्रधानमंत्री मोदी

प्रधानमंत्री ने कहा कि सौर ऊर्जा परियोजनाओं से किसानों को दिन के समय बिजलीसालभर सिंचाई और स्थायी आय मिल रही है। उन्होंने रासायनिक खाद और कीटनाशकों पर निर्भरता कम कर शून्य बजट प्राकृतिक खेती अपनाने का आह्वान किया। इससे लागत घटती हैभूमि की गुणवत्ता सुधरती है और किसानों का मुनाफा बढ़ता है।

प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि भारत को हर वर्ष एक लाख करोड़ रुपये का खाद्य तेल आयात करना पड़ता है। इस समस्या के समाधान हेतु किसानों को तिलहन फसलों की खेती करनी चाहिए। साथ हीबाजरा (मिलेट्स) की बढ़ती मांग को देखते हुए ऐसी फसलें लेने से किसानों की आय बढ़ेगी और आर्थिक स्वावलंबन की ओर कदम बढ़ेंगे। उन्होंने किसानों से आह्वान किया कि वे प्राकृतिक खेती पर राज्यपाल आचार्य देवव्रत के व्याख्यान अवश्य सुनें।

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