🚩
जैसा अन्न वैसा मन
🙏🏻 अन्न का शुक्रिया करेंगे
🙏🏻पानी के बाद दूसरी शक्ति अन्न है जो हमारी वाइब्रेशन को कैच करती है और फिर जब हमारे अंदर जाति है तो हमारे शरीर के निर्माण के साथ हमारे संकल्प का भी निर्माण करती है ।
😇पुराने समय पर जब भी लोग खाना खाते थे तो एक साथ बैठकर बिना बात किए खाते थे और कहा जाता था कि खाना खाते हुए बात नही करते क्योंकि अन्न उन बातो को ग्रहण करता है और हम बिना फोन देखे बिना tv देखे खाना नही खा पाते जिसकी वजह से नेगेटिव सीन या खबरों को सुनते हुए खाना खाते हैं तो वो संस्कार सहज ही हमारे बनने लगते हैं।
😇 आज छोटे बच्चे जब खाना खाते हैं तो मोबाइल फोन के बिना खाना नहीं खा पाते जब वह बच्चा कोई डिफरेंट या नेगेटिव एक्ट करता है तो कहते हैं कि पता नहीं कहां से सीखा है? ऐसा तो हमरे घर में कोई नही करता।
😇ये सब फोन देखने का या खाने के समय फोन देखने का असर है इसलिए खाना जब भी खाए पॉजिटिव माहौल में ,पॉजिटिव सोच के साथ खाएं।
😇आज स्कूल में भी खाना खाने से पहले शुक्रिया का एक गीत लगाया जाता है ताकि बच्चे को आदत हो लेकिन बच्चे स्कूल में तो ये कर लेते हैं लेकिन घर में ऐसा नहीं कर पाते क्योंकि बड़े खुद ही फोन देखते हुए बनाते खाते तो सहज ही बच्चो तक खाने में वो वाइब्रेशन मिलती है और हम कह देते हैं कि ये तो बिना फोन देखे खाना खाता ही नहीं । खुद बदलेंगे जग बदलेगा इसलिए अब खाने से पहले तयारी क्या करे ?
उसके लिए खाना खाने से पहले संकल्प करे और अपने बच्चो को भी सिखाएं जब भी खाना खाये पेहले शुक्रिया करे।
🪄 शुक्रिया परमपिता परमात्मा का कि मुझे यह अन्न मिला है।
🪄 शुक्रिया उस किसान का जिसने यह अन्न मेरे लिए तैयार किया ।
🪄शुक्रिया प्रकृति का जिसने इस अन्न को मुझ तक पहुंचाने के लिए अपना पूरा सहयोग दिया।
🪄 शुक्रिया उस सब्जी वाले का जिसने यह मुझ तक पहुंचाया।
🪄 शुक्रिया उस कमाने वाले का जिसके द्वारा यह मुझे नसीब हुआ है ।
🪄शुक्रिया उन सब आत्माओं का जिन-जिन के हाथों से होकर यह अन्न मुझ तक पहुंचा है आप सबका बहुत-बहुत शुक्रिया।
No comments:
Post a Comment