।।श्रीगणेशाय नमः।।
गोपाष्टमी सोमवार 20 नवम्बर 2023 ?
गौ माता धरती की सबसे बड़ी वैद्यराज है।
भारतीय संस्कृति में गौमाता की सेवा सबसे उत्तम सेवा मानी गयी है, श्रीकृष्ण गौ सेवा को सर्व प्रिय मानते हैं।
शुद्ध भारतीय नस्ल की गाय की रीढ़ में सूर्यकेतु नाम की एक विशेष नाड़ी होती है जब इस नाड़ी पर सूर्य की किरणे पड़ती हैं तो स्वर्ण के सूक्ष्म कणों का निर्माण करती हैं, इसीलिए गाय के दूध, मक्खन और घी में पीलापन रहता है, यही पीलापन अमृत कहलाता है और मानव शरीर में उपस्थित विष को नष्ट करता है।
गाय को सहलाने वालों के कई असाध्य रोग मिट जाते हैं क्योंकि गाय के रोमकोपों से सतत एक विशेष ऊर्जा निकलती है।
गाय की पूछ के झाड़ने से बच्चों का ऊपरी हवा एवं नजर से बचाव होता है।
गौमूत्र एवं गोझरण के फायदे तो अनंत हैं, इसके सेवन से केंसर व मधुमेह के कीटाणु नष्ट होते हैं।
गाय के गोबर से लीपा पोता हुआ घर जहाँ सात्विक होता है वहीं इससे बनी गौ-चन्दन जलाने से वातावरण पवित्र होता है इसीलिए गाय को पृथ्वी पर सबसे बड़ा वैद्यराज माना गया है, सत्पुरुषों का कहना है कि गाय की सेवा करने से गाय का नहीं बल्कि सेवा करनेवालों का भला अधिक होता है।
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