Thursday, 28 April 2022

 *एक दिन हमें शिकायत वक्त से नहीं, बल्कि अपनेआप से होगी कि..... एक खूबसूरत भक्तिभाव से भरपूर जीवन सामने था, हम बेकार ही...... दिखावट करने वालों के साथ उलझे रहे*

*उम्मीदें तैरती रहती है, कस्तियाँ डुब जाती है.... कुछ घर फिर भी सलामत रहते है, गर तेज आँधिया भी आती है।।*

*एक बात और*

*बचा ले जो हर तूफान से, उसे आस कहते है..... बड़ा मजबूत है ये "धागा", जिसे "विस्वास" कहते है।*

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Lakshvedhi