रेडियो संवाद से जीवन को सहारा
सांस्कृतिक कार्य मंत्री एड. शेलार ने कहा कि हमारे सांस्कृतिक सफर की शुरूआत रेडियो से हुई है और राज्य सरकार ने इस योगदान को पुरस्कृत किया है। रेडियो बॉम्बे की शुरुआत 1923 में हुई थी। महाराष्ट्र रेडियो कार्यकर्ताओं को सम्मानित करने वाला पहला राज्य बन गया है। कोविड काल में रेडियो संवाद ने जीवन को सहारा दिया। ऐसे मंचों का महत्व प्रधानमंत्री मोदी ने भी महसूस किया और उन्होंने रेडियो जॉकीज़ से संवाद स्थापित किया। उन्होंने मराठी संस्कृति को रेडियो माध्यमों तक प्रसारित करने की अपील भी की।
वरिष्ठ गायिका आशा भोसले ने कहा “रेडियो ना होता तो मैं ना होती।
इस अवसर पर ‘आशा रेडियो जीवन गौरव पुरस्कार 2025’ विश्वनाथ ओक को, सर्वश्रेष्ठ पुरुष निवेदक पुरस्कार रेडियो मिर्ची के जितूराज को, सर्वश्रेष्ठ महिला निवेदक रेड एफएम की मल्लिशा को, सर्वश्रेष्ठ रेडियो स्टेशन रेडियो सिटी को, और सर्वश्रेष्ठ सामुदायिक रेडियो सेवा विकास भारती रेडियो नंदुरबार को प्रदान किया गया। यह पुरस्कार 12 श्रेणियों में पुरस्कृत किए गए। महाराष्ट्र में वर्तमान में 16 रेडियो चॅनेल, 58 सामुदायिक रेडियो व 60 सेंटर कार्यरत हैं।
000
No comments:
Post a Comment