आशा रेडियो पुरस्कार समारोह में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का खुला साक्षात्कार
रेडियो अंतिम व्यक्ति तक पहुंचने का सशक्त माध्यम
- मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस
मुंबई, 21 जून : महाराष्ट्र रेडियो महोत्सव एवं आशा रेडियो पुरस्कार समारोह में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का छह रेडियो जॉकीज़ ने साक्षात्कार लिया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने रेडियो सुनने, गाने लिखने जैसे अपने शौक का मनमोहक वर्णन किया। उन्होंने जीवन के रेडियो संबंधी अनुभव साझा किए, शीघ्र कविता लिखकर गाई तथा रेडियो की भूमिका पर गहरी बात कही। उन्होंने कहा, “रेडियो का महत्व अतीत से लेकर आज तक बना हुआ है; यह अंतिम व्यक्ति तक पहुंचने वाला सशक्त माध्यम है।”
मुख्यमंत्री फडणवीस ने याद किया, “हमारे बचपन में दिन की शुरुआत रेडियो सुनकर होती थी। ‘विविध भारती’ की सुबह की प्रस्तुतियाँ कभी मिस नहीं होती थीं। इससे रेडियो से हमारे गहरे नाते बन गए। सरकार को रेडियो क्षेत्र में कार्यरत लोगों के लिये कुछ करना चाहिए, यह विचार लगातार रहा यह पुरस्कार समारोह उसी का फल है। रेडियो में भले ही कोई दृश्य न हो, लेकिन शब्दों से सचित्र दृश्य बनते हैं।”
विश्व संगीत दिवस की पृष्ठभूमि में आयोजित इस रेडियो महोत्सव में रेडियो जॉकी सिद्धू, अक्की, अर्चना, ब्रजेश, भूषण और सपना भट ने मुख्यमंत्री का साक्षात्कार लिया। कार्यक्रम का संचालन हेनल मेहता ने किया। सांस्कृतिक कार्यमंत्री एड. आशिष शेलार, वरिष्ठ गायिका व महाराष्ट्र भूषण आशा भोसले, अपर मुख्य सचिव विकास खारगे और निर्देशक विभीषण चवरे उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने कहा, “संगीत मानव संवेदनशीलता लाता है और तनाव मुक्ति का माध्यम है। यात्रा के दौरान या तनावभरे समय में संगीत सुनने से मन शांत होता है और विचारों की स्पष्टता आती है। रेडियो प्रेमियों ने इसे अपनी रोजमर्रा की जिंदगी का अहम हिस्सा बना लिया है। इसलिए इसका महत्व कभी कम नहीं होगा।”
उन्होंने रेडियो के विस्तार का उल्लेख करते हुए कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम से रेडियो की सशक्त पहुँच को पहचाना। रेडियो सिर्फ संगीत-साधन नहीं है, बल्कि संवाद का माध्यम भी बन सकता है।”
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