केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि ‘इंडिया मेरीटाइम वीक 2025’ के अवसर पर दुनिया भर के सागरी विशेषज्ञ, उद्योगपति और प्रतिनिधि भारत में एकत्र हुए हैं।
उन्होंने कहा कि “गेटवे ऑफ इंडिया अब ‘गेटवे ऑफ द वर्ल्ड’ बनने की दिशा में अग्रसर है।”
भारत का 11,000 किलोमीटर लंबा तटीय क्षेत्र अब वैश्विक विकास केंद्र के रूप में उभर रहा है। सागरी क्षेत्र देश के जीडीपी में 60% से अधिक योगदान देता है।
उन्होंने बताया कि भारत पांच हजार वर्ष पूर्व से ही सागरी व्यापार में अग्रणी रहा है, और आज इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में अपनी सागरी शक्ति पुनः स्थापित कर रहा है।
अमित शाह ने कहा कि “सागर”, “सागरमाला”, “गतिशक्ति” और “समुद्रयान” जैसे प्रकल्पों से सागरी बुनियादी ढांचे को नई शक्ति मिली है। भारत अब जहाज निर्माण में विश्व में पांचवें स्थान पर है और नये बंदरगाहों का निर्माण तीव्र गति से हो रहा है।
उन्होंने बताया कि देश का 90% व्यापार सागरी मार्ग से होता है, और 2047 तक भारत का लक्ष्य वैश्विक सागरी नेतृत्व प्राप्त करना है।
वाढवण पोर्ट जल्द ही विश्व के शीर्ष 10 बंदरगाहों में शामिल होगा।
ग्रेट निकोबार और कोचीन बंदरगाहों में नई निवेश प्रक्रियाएं शुरू हैं।
मछुआरों की सुरक्षा के लिए भी केंद्र सरकार ने ठोस कदम उठाए हैं।
अमित शाह ने वैश्विक निवेशकों से अपील की कि वे भारत के सागरी क्षेत्र में निवेश कर भारत और स्वयं की समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करें।
No comments:
Post a Comment