मिसिंग लिंक’ परियोजना अभियांत्रिकी क्षेत्र का चमत्कार
– मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस
मुख्यमंत्री द्वारा मुंबई–पुणे एक्सप्रेसवे पर ‘मिसिंग लिंक’ परियोजना का निरीक्षण
पुणे, 12 जुलाई – यशवंतराव चव्हाण मुंबई–पुणे द्रुतगती महामार्ग पर ‘मिसिंग लिंक’ परियोजना अभियांत्रिकी चमत्कार है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने कहा कि इस परियोजना में देश की सबसे लंबी सुरंग है, और इसके पूरा होने पर पुणे–मुंबई की यात्रा का समय आधे घंटे से कम हो जाएगा।
मुख्यमंत्री यह बात मुंबई–पुणे द्रुतगती महामार्ग पर ‘मिसिंग लिंक’ परियोजना का निरीक्षण करने के बाद कह रहे थे। इस मौके पर उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, सांसद श्रीरंग बारणे, पूर्व विधायक बाला भेगड़े, नगर विकास विभाग की प्रधान सचिव मनीषा म्हैसकर, पुणे के विभागीय आयुक्त डॉ. चंद्रकांत पुलकुंडवार, कोकण विभागीय आयुक्त विजय सूर्यवंशी, महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास महामंडल के उपाध्यक्ष व प्रबंध निदेशक अनिलकुमार गायकवाड, पुणे के जिल्हाधिकारी जितेंद्र डूड्डी, रायगड के जिल्हाधिकारी किशन जावळे, रायगड जिल्हा परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी नेहा भोसले, अतिरिक्त प्रबंध निदेशक मनुज जिंदल, मुख्य अभियंता राजेश पाटील, अधीक्षक अभियंता राहुल वसईकर आदि उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री फड़नवीस ने कहा कि मुंबई–पुणे हाईवे पर ‘मिसिंग लिंक’ परियोजना से दूरी कम होगी, जिससे यात्रियों को लाभ मिलेगा। घाट वाला हिस्सा टल जाएगा, और यह परियोजना पूरा होने पर एक सुविधाजनक यात्रा मुहैया कराएगी। इस परियोजना में कुल तीन सुरंगें हैं, जिनमें से एक 9किमी लंबी और 23मी चौड़ी है, जो देश की सबसे लंबी सुरंग होगी और समृद्धि हाईवे की सुरंग का रिकॉर्ड तोड़ देगी। अत्यधिक ऊँचाई का एक पुल भी बनाया जा रहा है, जिसकी ऊँचाई 185मीटर होगी—जो देश में अब तक का सबसे ऊँचा पुल होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह भी एक अभूतपूर्व उपलब्धि होगी।
महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास महामंडल द्वारा इस प्रोजेक्ट का कार्य बहुत अच्छी गुणवत्ता से किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि 94 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है और शीघ्र ही शेष कार्य भी पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने प्रतिकूल परिस्थितियों में कार्य कर रहे अभियंताओं व मजदूरों की प्रशंसा की।
उपमुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि ‘मिसिंग लिंक’ परियोजना अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करते हुए बन रही है, और यह परियोजना गेम‑चेंजर साबित होगी। यहां की वातावरणीय और वायुदाब की स्थिति को देखते हुए कई अभियंता बेहद कठिन परिस्थितियों में कार्य कर रहे हैं। परियोजना शुरू होने के बाद मुंबई–पुणे यात्रा का समय आधे घंटे तक कम हो जाएगा, घाट क्षेत्र में यातायात की समस्या हल होगी, और दुर्घटनाएं टलेंगी। इस परियोजना से ईंधन की बचत होगी, प्रदूषण घटेगा, और देश एवं महाराष्ट्र के विकास को गति मिलेगी, जिससे आम जनता को भी राहत मिलेगी। इस अवसर पर प्रबंध निदेशक गायकवाड ने प्रोजेक्ट की जानकारी दी।
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