Monday, 14 April 2025

डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के विचारों से हुई मुंबई सहित संयुक्त महाराष्ट्र की स्थापना

 डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के विचारों से हुई

मुंबई सहित संयुक्त महाराष्ट्र की स्थापना

-         मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस

 

वडाला के कोरबा मिठागर क्षेत्र में डॉ. आंबेडकर की पूर्णाकृति प्रतिमा का अनावरण

 

मुंबई14 अप्रैल : मुंबई महाराष्ट्र की है  यह दृढ़ और स्पष्ट संदेश भारतरत्न डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर ने दिया था। मुंबई और महाराष्ट्र का संबंध गहराई से जुड़ा हुआ है। भाषायी आधार पर राज्यों के पुनर्गठन के दौरान मुंबई सहित संयुक्त महाराष्ट्र का निर्माण डॉ. आंबेडकर के विचारों से ही संभव हुआयह बात मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कही। उन्होंने कहा कि मुंबई और बाबासाहेब का संबंध अतूट है।

मुख्यमंत्री फडणवीस ने वडाला पूर्व स्थित कोरबा मिठागर क्षेत्र में डॉ. आंबेडकर की पूर्णाकृति प्रतिमा का अनावरण किया। इस अवसर पर आयोजित समारोह में उन्होंने जनता को संबोधित किया। मंच पर सांस्कृतिक कार्य मंत्री . आशिष शेलारविधायक कालिदास कोळंबकरविधायक कैप्टन तमिल सेल्वन सहित अन्य मान्यवर उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबासाहेब के कार्य और उनके योगदान को उजागर करने के लिए राज्य सरकार इंदू मिल में एक भव्य स्मारक का निर्माण कर रही है। उन्होंने कहाबाबासाहेब द्वारा दिया गया संविधान दुनिया का सर्वश्रेष्ठ संविधान है। देश की शासन प्रणाली इसी पर आधारित है और यही संविधान भारत को महाशक्ति बनाने की दिशा में अग्रसर कर रहा है।

उन्होंने कहा कि बाबासाहेब की प्रतिमा संविधान के बिना अधूरी है। संविधान के माध्यम से उन्होंने शोषितों और पीड़ितों को न्याय दिलाया। संविधान ने सभी नागरिकों को समान अवसर दिए। इसके निर्माण में बाबासाहेब की दूरदर्शिता और बौद्धिक गहराई स्पष्ट रूप से दिखाई देती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जब डॉ. आंबेडकर ने मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण की थीतब उनका पहला सत्कार मुंबई में हुआ था। केंद्रीय मंत्रीप्रांतीय अध्यक्ष और गोलमेज सम्मेलन से लौटने के बादऔर संविधान निर्माण के बाद जब वे लौटेतब भी उनका स्वागत मुंबई में ही हुआ। उनकी 50वीं वर्षगांठ पर चैत्यभूमि में अभिवादन सभा भी मुंबई में ही आयोजित की गई थी।

बाबासाहेब के जीवन के कई महत्वपूर्ण पलउनकी स्मृतियों को संजोने वाले अनेक प्रसंग मुंबई ने देखे हैं। उनके पुस्तक प्रकाशन और छपाई का कार्य भी मुंबई में ही हुआ। उनका राजनीतिक जीवन भी यहीं से शुरू हुआ। उन्होंने शोषितों की आवाज बनकर आजीवन संघर्ष किया, मुख्यमंत्री ने कहा।

कार्यक्रम का प्रारंभ पूर्णाकृति प्रतिमा के अनावरण से हुआइसके बाद एक एम्बुलेंस सेवा का लोकार्पण किया गया। कार्यक्रम की प्रस्तावना विधायक कोळंबकर ने की। बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिकों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया।

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