एआई और स्पेस टेक के उपयोग से राज्य को आगे बढ़ाएंगे - मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस
ठाणे, 06 मार्च (जिमाका): आने वाला समय स्पेस टेक्नोलॉजी का है, और एआई तथा स्पेस टेक के संयुक्त उपयोग से महाराष्ट्र को प्रगति के पथ पर आगे ले जाया जाएगा, ऐसा विश्वास मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने व्यक्त किया।
"स्पेस-टेक फॉर गुड गवर्नेंस" राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन रामभाऊ म्हाळगी प्रबोधिनी, उत्तन में किया गया। यह कार्यक्रम रामभाऊ म्हाळगी प्रबोधिनी और स्पेस टेक के संयुक्त प्रयास से आयोजित किया गया था।
मुख्य बिंदु:
प्रमुख उपस्थित अतिथि: लेफ्टिनेंट जनरल विनोद खंडारे (सेवानिवृत्त), डॉ. प्रकाश चव्हाण और पूर्व राज्यसभा सांसद डॉ. विनय सहस्त्रबुद्धे।
स्पेस टेक्नोलॉजी का उपयोग रिमोट सोर्सिंग, ड्रोन जीपीएस निगरानी और पारदर्शी प्रशासन में किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पेस टेक्नोलॉजी की महत्ता को समझते हुए नीति निर्माण किया, जिससे निजी क्षेत्र की भागीदारी सुनिश्चित हो सके।
गतिशक्ति प्लेटफॉर्म के माध्यम से स्पेस टेक का उपयोग, जिससे परियोजनाओं की समय-सीमा में कमी आई है। भविष्य में, डिजिटल स्पेस टेक प्रणाली अपनाने से लगभग ₹2,500 करोड़ की बचत होगी।
जल संरक्षण योजना "जलयुक्त शिवार" में 20,000 गांवों में स्पेस टेक्नोलॉजी के माध्यम से जल संसाधनों की योजना बनाई गई।
भूस्खलन, बाढ़ और भूकंप जैसी आपदाओं के दौरान स्पेस टेक आपदा प्रबंधन में सहायक होगी।
अगले तीन महीनों में "स्पेस टेक पॉलिसी" लागू की जाएगी, जिससे स्टार्टअप और नवाचार को बढ़ावा मिलेगा।
भू-स्थानिक (Geospatial) तकनीक ग्राम पंचायत विकास योजना (GPDP) के निर्माण में प्रभावी होगी।
इस कार्यक्रम में उपग्रह चित्रण और भू-स्थानिक उपकरणों के माध्यम से ग्रामीण चुनौतियों का समाधान खोजने पर चर्चा की गई। इससे सरकार, उद्योग और तकनीकी संस्थानों के बीच सहयोग बढ़ेगा, जिससे नवाचार को गति मिलेगी और सार्वजनिक सेवाएं मजबूत होंगी।
इस उद्घाटन सत्र में डॉ. जयंत कुलकर्णी (कार्यकारी निदेशक, रामभाऊ म्हाळगी प्रबोधिनी) ने प्रस्तावना प्रस्तुत की, जबकि डॉ. विनय सहस्त्रबुद्धे ने अपने विचार साझा किए। इस पूरी परिषद का संचालन गीता कुलकर्णी ने किया।
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