Sunday, 29 January 2023

कृषि महोत्सव से पारंपरिक खेती समेत आधुनिक खेती को भी हो रही मदद


कृषि महोत्सव से पारंपरिक खेती समेत आधुनिक खेती को भी हो रही मदद

- मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे.

               मुंबई, दि.29 : किसान यह हमारा अन्नदाता है। कृषि महोत्सव के माध्यम से किसानों को योग्य मागदर्शन मिल रहा है। यहाँ पर लगाये गए स्टॉल की वजह से दुलर्भ औषधी वनस्पतियों की जानकारी आम लोगों को मिल रही है एवं इस कृषि महोत्सव की वजह से पारंपरिक खेती समेत आधुनिक खेती को भी बड़ी मदद मिल रही है और हमारी सरकार किसानों को केंद्रस्थान पर रखते हुए काम करनेवाली सरकार है, यह प्रतिपादन मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने किया. 


          नाशिक स्थित डोंगरे वसतिगृह मैदान पर श्री स्वामी समर्थ कृषि व अध्यात्मिक विकास मार्ग व श्री स्वामी समर्थ कृषि विकास व संशोधन चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से आयोजित 'जागतिक कृषि महोत्सव, 2023' के अवसर पर इस महोत्सव के चौथे दिन आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे बोल रहे थे।        


          इस कार्यक्रम में बंदरगाह व खनिकर्म मंत्री तथा नाशिक जिले के पालकमंत्री दादाजी भुसे, सांसद हेमंत गोडसे, विधायक बबनराव लोणीकर, विधायक सुहास कांदे, विधायक सीमा हिरे, विधायक संजय शिरसाट, श्री स्वामी समर्थ केंद्र के प्रमुख आण्णासाहेब मोरे, जिलाधिकारी गंगाधरन. डी. मनपा आयुक्त, डॉ. चंद्रकांत फुलकुंडवार, पुलिस आयुक्त अंकुश शिंदे उपस्थित थे।


          कार्यक्रम में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि हमारी सरकार यह आम लोगों की सरकार है। मजदुर, विद्यार्थी, समाज के प्रत्येक वर्ग की यह सरकार है। इसलिए हम प्रत्येक निर्णय भी जनता के कल्याणार्थ ही ले रहे है। खेती पर आनेवाले भारी बारिश, रोगराई आदि संकट की घडी में राज्य सरकार और केंद्र सरकार किसानों के साथ खड़े रहे है। एन.डी.आर.एफ. के नियमों को दरकिनार करते हुए इस साल क्षतिग्रस्त किसानों को दोगुनी मदद की गई है। खेती का जो नुकसान एन.डी.आर.एफ. के नियमों में नहीं आता था, उस पर भी योग्य निर्णय लेकर किसानों को सरकार ने मदद की है।


उन्होने बताया कि राज्य के 6 लाख 90 हजार किसानों को तक़रीबन ढ़ाई हजार करोड़ रुपये की मदद दी है। किसान अच्छे उत्पन्न किस तरह से ले सकेंगे, इस सन्दर्भ में भी हम प्रयासरत है। साथ ही 450 महिला बचत गुटों के माध्यम से हजारों नागरिकों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है। राज्य की जनता सुखी होनी चाहिए, यहीं राज्य व केंद्र सरकार का अजेंडा है। पिछले छह महीने में राज्य में लिए गए निर्णयों की वजह से विकास को अच्छी गति मिली है, जिससे सर्वत्र सकारात्मक वातावरण का निर्माण हुआ है।


          बाळासाहेब ठाकरे समृद्धि महामार्ग को लेकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि समृद्धि महामार्ग यह 'गेम चेंजर' के रूप में महामार्ग साबित होगा। इस महामार्ग की वजह से किसानों के लिए खेतमाल कुछेक ही घंटे में राज्य समेत विदेशों में भी भेजना आसान होने के साथ-साथ गतिशील हुआ है। जिससे किसानों के विकास को अधिकाधिक गति मिली है। हाल ही में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शहा की उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ भेट लेकर राज्य के शुगर उद्योगों की समस्याओं का निराकरण करने को लेकर चर्चा की है, जल्द ही राज्य के शुगर उद्योगों की समस्याओं का भी निराकरण किया जायेगा। राज्य की ओर से केंद्र की ओर से जानेवाला प्रत्येक प्रस्ताव को केंद्र सरकार की ओर से तत्काल मंजुरी दी जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र राज्य के लिए 2 लाख करोड़ रुपये का विशेष प्रावधान भी किये जाने की बात मुख्यमंत्री श्री. शिंदे ने इस दौरान कहीं।   


           मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि कृषि महोत्सव का यह 12 वां वर्ष है। यहाँ पर अनेक राज्य के नागरिक, किसान आकर भेट देते हुए कृषि के संदर्भ की योग्य जानकारी लेते है। केंद्रीय मंत्री, राज्यमंत्री, कृषि विभाग की विशेषज्ञ, किसान के साथ जुड़े है। इस कृषि महोत्सव में रहीं निरंतरता से किसानों को बड़ी मदद मिल रही है। आयोजकों ने समाज के प्रति सामाजिक सरोकार को और समाज के प्रति जिम्मेदारी की भूमिका से चलाया गया यह कृषि महोत्सव विश्व के अन्नदाता रहें किसानों में उर्जा भर देता है। यहाँ पर लगाए गए 250 से अधिक स्टॉल के माध्यम से प्रगत कृषि समेत गटखेती, योग्य बीज का चयन कैसे किया जाये, इन सभी की जानकारी किसानों को मिली है। श्री स्वामी समर्थ केंद्र की ओर से जारी जागतिक कृषि महोत्सव में अनेक समाजपयोगी कार्यक्रम संपन्न हुए है। इस कृषि महोत्सव में गुरुमाऊलीं ने 11 सामूहिक विवाह संपन्न करवाए है। साथ ही सरपंच, ग्रामसेवक के माध्यम से नाशिक जिले के 51 गावे श्री स्वामी समर्थ ट्रस्ट ने सालभर के लिए दत्तक लेने की वजह से इन सभी का पुण्य गुरुमाऊली मोरे के तक़दीर में मिल रहा है और यह भी पुण्य कृषि महोत्सव से जनता तक पहुंचाया जा रहा है। इस जागतिक कृषि महोत्सव के माध्यम से किसानों के विकास को अधिकाधिक ताकद भी मिल रही है।


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