विदेशी विश्वविद्यालयों के आगमन से भारत वैश्विक शिक्षा केंद्र बनने की राह पर
“मुंबई रायजिंग – एक अंतरराष्ट्रीय शिक्षा नगरी का निर्माण”
कार्यक्रम में आयोजित परिसंवाद में विचार
मुंबई, दि. 14 -सरकार, उद्योग, विदेशी विश्वविद्यालय और स्थानीय संस्थानों के सहयोग से भारत आत्मविश्वास के साथ दुनिया के अग्रणी शिक्षा केंद्रों में से एक बनने की ओर अग्रसर है। यह बदलाव केवल शैक्षणिक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक, आर्थिक और सशक्त भारत के निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। ऑस्ट्रेलिया और यूनाइटेड किंगडम के उच्चायुक्त कार्यालयों के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि भारत उच्च शिक्षा के वैश्विक मानचित्र पर एक नया अध्याय लिख रहा है।
महाराष्ट्र सरकार की पहल “मुंबई रायजिंग – एक अंतरराष्ट्रीय शिक्षा नगरी का निर्माण” के अंतर्गत आज मुंबई में एक विशेष समारोह आयोजित किया गया, जिसमें पांच अंतरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त विदेशी विश्वविद्यालयों को मुंबई और नवी मुंबई में अपने कैंपस स्थापित करने के लिए इरादे पत्र (LOI) सौंपे गए। इस अवसर पर “भारत में विदेशी विश्वविद्यालय: उद्योग और शिक्षा सहयोग की एक नई सीमा” विषय पर एक परिसंवाद भी आयोजित किया गया।ब्रिटिश काउंसिल की भारत प्रमुख एलीसन बैरेट और ऑस्ट्रेलियन उच्चायुक्तालय के शिक्षा सलाहकार जॉर्ज थिवियोज़ ने भारत में विदेशी विश्वविद्यालयों की बढ़ती भूमिका, भारत और उनके देशों के बीच सहयोग के स्वरूप, और भारतीय विद्यार्थियों को वैश्विक नेतृत्व के लिए तैयार करने की आवश्यकता पर अपने विचार साझा किए।
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