भारत की GDP में क्रिएटिव इकोनॉमी की बड़ी भागीदारी होगी
– प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
वर्ल्ड ऑडियो विजुअल एंड एंटरटेनमेंट समिट 2025 (WAVES) का प्रधानमंत्री द्वारा भव्य उद्घाटन
मुंबई, 1 मई: भारत की ऑरेंज इकॉनॉमी तीन प्रमुख स्तंभों – कंटेंट, क्रिएटिविटी और कल्चर – पर आधारित है। आने वाले वर्षों में भारत की क्रिएटिव इकॉनॉमी का देश की GDP में बड़ा योगदान होगा। विश्व का एनीमेशन मार्केट वर्तमान में 430 अरब डॉलर से अधिक का है और अगले 10 वर्षों में इसके दोगुना होने की संभावना है। WAVES सम्मेलन भारत की एनीमेशन और ग्राफिक्स इंडस्ट्री के लिए सफलता के नए द्वार खोलेगा, ऐसा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा।
मुंबई के जिओ वर्ल्ड कन्वेंशन सेंटर में आयोजित समारोह में प्रधानमंत्री मोदी ने वर्ल्ड ऑडियो विजुअल एंड एंटरटेनमेंट समिट 2025 (WAVES) का भव्य उद्घाटन किया। इस अवसर पर राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव (रेलवे व सूचना एवं प्रसारण), एस. जयशंकर (विदेश मंत्री), डॉ. एल. मुरुगन (राज्यमंत्री), उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजीत पवार सहित देश-विदेश के अनेक गणमान्य अतिथि उपस्थित थे।
भारतीय फिल्में अब विश्वभर के दर्शकों तक पहुँच चुकी हैं। आज 100 से अधिक देशों में भारतीय फिल्में प्रदर्शित होती हैं। विदेशी दर्शक केवल फिल्में नहीं देख रहे हैं, बल्कि उन्हें समझने का प्रयास भी कर रहे हैं। अब कई विदेशी दर्शक सबटाइटल के साथ भारतीय कंटेंट देख रहे हैं – यही भारतीय सिनेमा की विशेषता है। आज भारत फिल्म प्रोडक्शन, डिजिटल कंटेंट, गेमिंग, फैशन और संगीत का वैश्विक केंद्र बन चुका है, ऐसा श्री मोदी ने कहा।
इंसान को मशीन न बनने देकर उसे और संवेदनशील बनाना जरूरी – पीएम मोदी
"हमें इंसान को मशीन नहीं बनने देना है, बल्कि उसे और समृद्ध और संवेदनशील बनाना है," प्रधानमंत्री ने कहा। इंसानी प्रगति केवल सूचना, तकनीक या गति से नहीं मापी जा सकती – संगीत, कला और नृत्य को भी समान महत्व देना होगा। रचनात्मक व्यक्ति अपनी ऊर्जा और कार्यक्षमता से रचनात्मक क्रांति को नया आकार दे सकते हैं। उन्होंने वैश्विक रचनात्मक लोगों से भारत को रचनात्मकता का केंद्र बनाने का आह्वान किया।
आज दुनिया नई तरह से कहानियाँ और विचार प्रस्तुत करने के रास्ते खोज रही है। ऐसे समय में भारत के पास हजारों वर्षों की कहानियों और विचारों का बहुमूल्य खजाना है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस खजाने को दुनिया के हर कोने तक पहुँचाने और आने वाली पीढ़ी के सामने उसे नवीन और रोचक तरीके से प्रस्तुत करने का आह्वान किया।
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