Thursday, 17 April 2025

कैदी की कोठरी में मृत्यु के मामले में मुआवजे की नीति तय

 कैदी की कोठरी में मृत्यु के मामले में मुआवजे की नीति तय

राज्य के कारागृहों में कोठरी में बंद कैदी की मृत्यु अगर अस्वाभाविक कारणों से होती हैतो उसके वारिसों को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की सिफारिश के अनुसार मुआवजा देने की नीति को आज हुई मंत्रिमंडल बैठक में मंजूरी दी गई। बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने की।

इस नीति के अनुसारयदि कारागृह में काम करते हुए कोई दुर्घटना होती हैचिकित्सा अधिकारियों की लापरवाही सेकारागृह कर्मचारियों द्वारा पिटाई के कारण या कैदियों के बीच झगड़े में मृत्यु होती है और संबंधित मामले में प्रशासन की लापरवाही की जांच से साबित होती हैतो कैदी के वारिसों को पांच लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। जेल में आत्महत्या के मामलों में कैदी के वारिसों को एक लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा।

राज्य के सभी कारागृहों में यह नीति लागू रहेगी। यदि कैदी की मृत्यु वृद्धावस्थालंबी बीमारीकारागृह से भागने की कोशिश के दौरानजमानत पर रहते हुएया इलाज न मिलने के कारण होती हैतो किसी प्रकार का मुआवजा नहीं दिया जाएगा। प्राकृतिक आपदाओं के कारण मृत्यु होने परमौजूदा सरकारी नीति के अनुसार मुआवजा मिलेगा।

मुआवजे के लिए संबंधित कारागृह अधीक्षक को प्रारंभिक जांचशव परीक्षणपंचनामाचिकित्सा रिपोर्टन्यायिक और जिला कलेक्टर की जांच जैसी कागजातों के साथ रिपोर्ट क्षेत्रीय विभाग प्रमुख के पास भेजनी होगी। इसके बाद मामले की गहन जांच कर अंतिम प्रस्ताव अपर पुलिस महानिदेशक और महानिरीक्षककारागृह और सुधार सेवामहाराष्ट्र राज्यपुणे के पास भेजा जाएगा। उनकी सिफारिशों के बाद सरकार स्तर पर निर्णय लिया जाएगा और मुआवजा दिया जाएगा। मृत्यु के मामलों में दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की भी मंजूरी दी गई है।

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