राज्य में अब कोई भी आधारभूत सुविधा परियोजना नहीं रुकेगी,
तीन वर्षों में पूर्ण करें
- मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस
बोरीवली से ठाणे डबल टनल परियोजना की समीक्षा बैठक में निर्देश
मुंबई, 26 जून: मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि राज्य में अब से कोई भी आधारभूत सुविधा परियोजना लंबित नहीं रहनी चाहिए और सभी परियोजनाएं आगामी तीन वर्षों में पूरी की जानी चाहिए। मुख्यमंत्री आज विधान भवन स्थित कैबिनेट कक्ष में बोरीवली से ठाणे डबल टनल परियोजना की समीक्षा बैठक में बोल रहे थे। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि इस डबल टनल परियोजना में प्रभावित नागरिकों का स्थायी पुनर्वास अनिवार्य है, और परियोजना को दिसंबर 2028 तक हर हाल में पूरा किया जाए।
उन्होंने बताया कि यह डबल टनल 11.84 किलोमीटर लंबा होगा और इसके भीतर वायु संचार की व्यवस्था बनी रहनी चाहिए। इसके लिए संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान से अतिरिक्त भूमि उपलब्ध कराने की कार्यवाही तुरंत की जाए। परियोजना निर्माण हेतु वन विभाग की द्वितीय चरण की अनुमति तथा रात्रिकालीन कार्य की अनुमति भी प्राप्त की जाए।
बोरीवली की ओर कार्य में तेजी लाने और वहां के परियोजना प्रभावितों के पुनर्वसन के लिए एक विशेष अभियान चलाकर एक माह में कार्यवाही पूर्ण करने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिए।
प्रभावित नागरिकों को किराया देकर अथवा अन्य गृहनिर्माण परियोजनाओं में पुनर्वसित करने के लिए संबंधित अधिकारी की नियुक्ति की जाए और वह अधिकारी एक महीने के भीतर कार्यवाही पूरी करें, ऐसा स्पष्ट निर्देश दिया गया।
बोरीवली की ओर अदानी व टाटा पावर की जिन जमीनों की आवश्यकता है, उनका शीघ्र अधिग्रहण किया जाए। इसके साथ ही भूमिगत विद्युत लाइनों के लिए अदानी पावर कंपनी को अंतिम सड़क योजना की अनुमति भी प्रदान की जाए।
बैठक में मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (MMRDA) के महानगर आयुक्त डॉ. संजय मुखर्जी ने प्रेजेंटेशन दिया। इस बैठक में मुख्य सचिव सुजाता सौनिक, मुंबई मनपा आयुक्त भूषण गगराणी, अतिरिक्त महानगर आयुक्त अश्विन मुदगल, अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक रामराव, संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान की संचालक अनीता पाटिल, म्हाडा के सीईओ संजय जायसवाल, ठाणे जिलाधिकारी अशोक शिंगारे और ठाणे मनपा आयुक्त सौरभ राव सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
डबल टनल परियोजना की मुख्य जानकारी :
लंबाई: 11.84 किलोमीटर (दो पैकेजों में निर्माण)
पैकेज-1: 5.75 किमी (बोरीवली पक्ष) – लागत ₹6,178 करोड़
पैकेज-2: 6.09 किमी (ठाणे पक्ष) – लागत ₹5,879 करोड़
कुल अनुमानित खर्च: ₹12,057 करोड़
पर्यावरण लाभ: हर वर्ष 1.4 लाख मैट्रिक टन कार्बन उत्सर्जन में कमी
यात्रा समय में कमी: वर्तमान में ठाणे से बोरीवली की यात्रा में 1 से 1.25 घंटे लगते हैं; टनल बनने के बाद यह समय घटकर सिर्फ 15 मिनट हो जाएगा ईंधन की बचत: बड़ी मात्रा में इंधन की भी बचत होगी.
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