भारतीय चुनाव कानूनों के अनुसार मतदाताओं के नामों को
केंद्रीकृत रूप से शामिल करने या हटाने का कोई प्रावधान नहीं है
– मुख्य निर्वाचन अधिकारी, महाराष्ट्र राज्य
मुंबई, दिनांक 12 जून : भारतीय चुनाव कानूनों के अनुसार, मतदाताओं के नामों को केंद्रीकृत प्रणाली के तहत शामिल करने या हटाने का कोई प्रावधान नहीं है। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 और मतदाता पंजीकरण नियम, 1960 के अनुसार मतदाता सूची मतदान केंद्र-स्तर पर तैयार की जाती है। यह सूची राज्य भर में 288 मतदाता पंजीकरण अधिकारियों (EROs) द्वारा लगभग एक लाख बूथ लेवल अधिकारियों (BLOs) की क्षेत्रीय जांच के बाद तैयार की जाती है। इस प्रक्रिया में सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के साथ लगातार संवाद किया जाता है। आपत्ति दर्ज करने और अपील करने के लिए भी पर्याप्त अवसर प्रदान किए जाते हैं। मतदाता सूची में नामों के जोड़े या हटाए जाने को लेकर कुछ अतिरंजित दावे किए गए हैं, ऐसी जानकारी महाराष्ट्र राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने दी है।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों से संबंधित कुछ समाचार लेखों के संदर्भ में कुछ तथ्यों को स्पष्ट करना आवश्यक है, ऐसा भी मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय, महाराष्ट्र राज्य की ओर से बताया गया है।
अगस्त 2024 में विधानसभा चुनावों से पहले एक विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण किया गया था और लगभग एक लाख मतदान केंद्रों के लिए प्रारूप और अंतिम मतदाता सूची की सॉफ्ट और हार्ड कॉपी सभी मान्यता प्राप्त दलों को उपलब्ध कराई गई थी।
लेख में प्रस्तुत महाराष्ट्र की मतदाता संख्या में वृद्धि से संबंधित जानकारी भ्रामक है। वास्तविक आंकड़े इस प्रकार हैं :
2019 विधानसभा चुनाव से 2024 लोकसभा चुनाव के दौरान 1.39 करोड़ नए नाम जोड़े गए और 1.07 करोड़ नाम हटाए गए। यानी कुल शुद्ध वृद्धि 32.25 लाख मतदाताओं की रही।
2024 लोकसभा से 2024 विधानसभा चुनाव के बीच 48.82 लाख नए नाम जोड़े गए और 8 लाख नाम हटाए गए, जिससे कुल शुद्ध वृद्धि 40.81 लाख रही। इनमें से 18 से 29 आयु वर्ग के 26 लाख से अधिक नए मतदाता थे।
कुल मिलाकर, 2019 से 2024 लोकसभा चुनाव तक 1.39 करोड़, और 2024 लोकसभा से विधानसभा चुनाव तक 48.82 लाख नामों की वृद्धि दर्ज की गई।
प्रक्षेपित वयस्क जनसंख्या से अधिक मतदाता संख्या पर भी स्पष्टीकरण दिया गया है कि कोई भी जनसंख्या आंकड़ा केवल सांख्यिकीय अनुमान के रूप में प्रयुक्त किया जाता है। मतदाता पंजीकरण की प्रक्रिया वास्तविक फॉर्म भरने, क्षेत्रीय सत्यापन और कानून के अनुसार निर्धारित प्रक्रियाओं पर आधारित होती है। यह प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी होती है और मान्यता प्राप्त सभी दलों के साथ निरंतर समन्वय में की जाती है।
मतदाता सूची के पुनरीक्षण के दौरान प्रत्येक राजनीतिक दल अपने बूथ लेवल एजेंट (BLA) नियुक्त करता है। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने महाराष्ट्र में 28,421 बीएलए नियुक्त किए थे। चुनाव परिणाम आने तक इन एजेंटों या कांग्रेस के किसी भी उम्मीदवार द्वारा कोई गंभीर शिकायत नहीं की गई थी। यह मुद्दा चुनाव परिणामों के बाद ही उठाया गया।
मतदाता सूची का वितरण :
मतदाता सूची प्रतिवर्ष सहभागितात्मक प्रक्रिया द्वारा अद्यतन की जाती है। इस प्रक्रिया में प्रारूप और अंतिम सूची की प्रतियां सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को निःशुल्क दी जाती हैं। यही प्रक्रिया 2009, 2014, 2019 और 2024 में भी अपनाई गई थी और राजनीतिक दलों को सूची दी गई थी।
2024 विधानसभा चुनाव में प्रयुक्त पूर्ण मतदाता सूची आयोग की वेबसाइट पर सार्वजनिक रूप से डाउनलोड के लिए उपलब्ध है।
मतदाता पंजीकरण नियम, 1960 के नियम 33 के अनुसार कोई भी व्यक्ति संबंधित जिला निर्वाचन अधिकारी को आवेदन देकर निर्धारित शुल्क के साथ मतदाता सूची की प्रति प्राप्त कर सकता है।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने नवंबर 2024 में संपन्न विधानसभा चुनाव के बाद भी इसी प्रकार के मुद्दे उठाए थे, जिनका चुनाव आयोग ने 24 दिसंबर 2024 को विस्तृत उत्तर दिया था। यह उत्तर चुनाव आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध है।
लिंक : https://www.eci.gov.in/eci-bac
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