Monday, 7 April 2025

विधिसंघर्षित बालकों के पुनर्वास हेतु हेल्प डेस्क मानवाधिकार और सतत मानवी विकास के लिए अज़ीम प्रेमजी के प्रस्ताव को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की मंज़ूरी

 विधिसंघर्षित बालकों के पुनर्वा हेतु हेल्प डेस्क

मानवाधिकार और सतत मानवी विकास के लिए अज़ीम प्रेमजी के प्रस्ताव को 

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की मंज़ूरी

 

मुंबई,  अप्रैल – विधिसंघर्षित बालकों (Children in Conflict with Law - CCL) के पुनर्वास के लिए कानूनीसामाजिक  परामर्श सेवाएं उपलब् कराने हेतु राज्य के निरीक्षणगृहों (Observation Homes) में हेल्प डेस्क स्थापित किए जाएंगे। यह प्रस्ताव समाजसेवी उद्योगपति अज़ीम प्रेमजी द्वारा दिया गया थाजिसे मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवी ने स्वीकृति दी है। ये हेल्प डेस्क सामाजिक संस्थाओं के माध्यम से संचालित किए जाएंगे।

CCL बच्चों के पुनर्वास के उद्देश्य से टाटा सामाजिक विज्ञान संस्थान (TISS), किशोर न्याय संसाधन केंद्र (RCJJ), और महिला  बाल विकास विभागमहाराष्ट्र सरकार के बीच एक ऐतिहासिक समझौता किया जाएगा।

 

मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि  हेल्प डेस्क विधिसंघर्षित बालकों को सम्मान और सहानुभूति के साथ देखने का एक प्रयास है। इन बच्चों की सामाजिक और कानूनी मस्याओं को सुनने और मदद पहुंचाने का यह एक सशक्त माध्यम होगा। इससे कम उम्र में ही उचित मार्गदर्शन देकर उन्हें समाज के लिए उपयोगी नागरिक बनाने की दिशा में राज्य सरकार का यह एक महत्वपूर्ण कदम है।

 

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि विधिसंघर्षित बच्चों से जुड़े मुद्दे केवल मानवाधिकारों के नहींबल्कि सतत मानवी विकास के भी गंभीर विषय हैं। इन बच्चों का पुनर्वास करना महाराष्ट्र सरकार की एक महत्वपूर्ण और नैतिक जिम्मेदारी है। हेल्प डेस्क की स्थापना के बाद कानूनी प्रक्रिया को बेहतर समझा जा सकेगाबच्चों के शोषण  गलतफहमियों में कमी आएगीन्यायिक प्रक्रिया में पारदर्शिता और बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ेगाजिससे पुनर्वास और समाज में पुनः एकीकरण को बल मिलेगा।

 

अक्सर ये बच्चे गरीब और कमजोर र्ग से होते हैंजिनके पास कानूनी जानकारी नहीं होती। कई बार वकीलों से मिली गल सलाहसामाजिक कलंक और भावनात्मक आघात के कारण न्यायिक प्रक्रिया में बाधाएं आती हैं। माता-पिता भी अक्सर कानूनी प्रक्रिया से अनभिज्ञ होते हैं। ऐसे में नशे से दू रखने और समुपदेशन के लिए हेल् डेस्क की मदद ली जाएगी। इसके अंतर्गत CCL बच्चों और उनके अभिभावकों को उनके अधिकारों और न्यायिक प्रक्रिया की जानकारी दी जाएगीबाल न्याय बोर्डवकील, CWC  अन्य संबंधित संस्थाओं से समन्व किया जाएगाऔर प्रशिक्षित स्वयंसेवकों द्वारा निरंतर सेवा प्रदान की जाएगी यह योजना पहले चरण में नागपुरयवतमाललातूरपुणे और ठाणे इन पाँच जिलों में लागू की जाएगीजहाँ हर वर्ष कम से कम 4,000 बच्चों तक पहुँचने का लक्ष्य है इसके बाद इसे राज्य के प्रत्येक जिले में विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं (NGOs) के सहयोग से विस्तारित किया जाएगा।

 

हेल्प डेस्क के अंतर्गत दी जाने वाली प्रमुख सेवाएं:

किशोरों और उनके पालकों को किशोर न्याय प्रणाली की जानकारी  मार्गदर्शन

 कानूनी सहायता और पुनर्वास के लि 

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