Sunday, 16 March 2025

लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति प्रतिबद्धता आवश्यक

 लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति प्रतिबद्धता आवश्यक

– उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़

मुंबई, 6 मार्च: निरंतर टकराव की राजनीति लोकतंत्र के मूलभूत सिद्धांतों के खिलाफ है। यह एक शाश्वत सत्य है जो शासन की दिशा तय करने वाला सिद्धांत होना चाहिएजिससे वर्तमान और भविष्य के नेताओं को मार्गदर्शन मिलेगा। यदि भारत लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता बनाए रखेतो वह गौरव के सर्वोच्च शिखर पर पहुंच सकता हैऐसा विचार उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने व्यक्त किया।

वे मुरली देवरा मेमोरियल डायलॉग्स के उद्घाटन समारोह में बोल रहे थेजो कि पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली देवरा की स्मृति में आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम में महाराष्ट्र के राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णनउपराष्ट्रपति की पत्नी डॉ. सुदेश धनखड़उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदेसांसद मिलिंद देवरा और अशोक चव्हाणअमृता फडणवीसहेमा देवराकोटक बैंक के राघवेंद्र सिंहऔर विभिन्न क्षेत्रों के अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

मुरली देवरा मेमोरियल डायलॉग्स का उद्देश्य सार्वजनिक नीतिसामाजिक न्याय और आर्थिक विकास जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विचार-विमर्श करना है। इस वर्ष की चर्चा का मुख्य विषय "नेतृत्व और सुशासन" रखा गया है। नेतृत्व और सुशासन पर बोलते हुएउपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि नागरिकों को अपने जनप्रतिनिधियों को जवाबदेह ठहराना चाहिएक्योंकि जागरूकता लोकतंत्र का एक महत्वपूर्ण पहलू है। उन्होंने बताया कि शासन कार्यकारी तंत्र (Executive) का विशेषाधिकार हैक्योंकि यह जनता और विधायिका के प्रति उत्तरदायी होता है। साथ हीउन्होंने यह भी कहा कि नेतृत्व केवल एक पद से परिभाषित नहीं होताबल्कि यह उद्देश्य और विचारधारा से प्रेरित होता है।

उपनिषदों का संदर्भ देते हुएउन्होंने बताया कि "त्याग के माध्यम से ही सच्चे आनंद की प्राप्ति होती है"और नेताओं को इस दर्शन को अपनाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि "सत्यमेव जयते" (सत्य की ही विजय होती है)जो मुण्डकोपनिषद का एक महत्वपूर्ण सिद्धांत हैशासन व्यवस्था का मार्गदर्शक होना चाहिए। वेदों में उल्लिखित "सभी को एकजुट होकर कार्य करना चाहिए" का संदेश भी उन्होंने दिया।

उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मुरली देवरा को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उन्होंने संवाद और समन्वय के साथ काम करते हुए नगरसेवक से लेकर केंद्रीय मंत्री तक का सफर तय किया। उनके कार्य हमेशा समाजसेवा की भावना से प्रेरित थे। उन्होंने यह भी कहा कि मुरली देवरा मेमोरियल डायलॉग्स द्वारा नेतृत्व और सुशासन जैसे महत्वपूर्ण विषय को केंद्र में रखने के लिए वे आयोजकों की सराहना करते हैं।

छत्रपति शिवाजी महाराज का नेतृत्व सुशासन का सर्वोत्तम उदाहरण हैऔर हम उनके आदर्शों के अनुरूप कार्य कर रहे हैं। यह सरकार आम लोगों की सरकार हैऔर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुशासन के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का गौरव बढ़ाया हैऐसा उपमुख्यमंत्री ने कहा।

इस कार्यक्रम की प्रस्तावना सांसद मिलिंद देवरा ने रखी और उन्होंने इस संवाद श्रृंखला को सार्थक दिशा देने की पहल की।

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