Tuesday, 15 April 2025

महाराष्ट्र के 20 आईटीआई में बनेंगी अत्याधुनिक प्रयोगशालाएं,कौशल, रोजगार और नवाचार विभाग ने किए तीन महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन

 महाराष्ट्र के 20 आईटीआई में बनेंगी अत्याधुनिक प्रयोगशालाएं

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की उपस्थिति में

 कौशलरोजगार और नवाचार विभाग ने किए तीन महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन

 

मुंबई, 15 अप्रैल: महाराष्ट्र सरकार राज्य के 20 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) में अत्याधुनिक प्रयोगशालाएं स्थापित करेगी। इस पहल का उद्देश्य तकनीकी शिक्षा को आधुनिक बनानारोजगार के अवसर बढ़ाना और दिव्यांग छात्रों को सशक्त बनाना है। कौशलरोजगारउद्यमिता और नवाचार विभाग ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की उपस्थिति में तीन प्रमुख सामाजिक संस्थाओं के साथ समझोता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।

ये एमओयू श्री श्री ग्रामीण विकास ट्रस्ट (बेंगलुरु)श्नाइडर इलेक्ट्रिक इंडिया फाउंडेशन (बेंगलुरु)देआसरा फाउंडेशन (पुणे) और प्रोजेक्ट मुंबई (अंधेरी) के साथ किए गए। इन समझौतों के माध्यम से युवाओं को आधुनिक औद्योगिक प्रशिक्षण मिलेगासूक्ष्म व लघु उद्यमियों को मार्गदर्शन दिया जाएगा और दिव्यांग छात्रों के लिए समावेशी कौशल कार्यक्रम शुरू किए जाएंगे।

इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदेउपमुख्यमंत्री अजीत पवारकौशल विकास मंत्री मंगल प्रभात लोढामुख्य सचिव सुजाता सौनिक और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। एमओयू समारोह मंत्रालय में राज्य मंत्रिमंडल की बैठक के बाद आयोजित किया गया।

 

मुख्य विशेषताएं:

o   त्रिपक्षीय समझौता: श्री श्री ट्रस्टश्नाइडर इलेक्ट्रिक और व्यावसायिक प्रशिक्षण संचालनालय के बीच समझौताजिसके तहत युवाओं को आधुनिक औद्योगिक प्रशिक्षण दिया जाएगा।

 

o   प्रयोगशाला उन्नयन: अगले तीन वर्षों में 20 आईटीआई की विद्युत कार्यशालाएं उन्नत की जाएंगी और सोलर तकनीशियन व इंडस्ट्रियल ऑटोमेशन लैब स्थापित होंगी।

 

o   निःशुल्क प्रशिक्षण: राज्य के विद्युत शिल्प प्रशिक्षुओं को बेंगलुरु में 15 दिवसीय आधुनिक तकनीकी और सॉफ्ट स्किल्स का प्रशिक्षण मिलेगा।

 

o   प्रशिक्षण लक्ष्य: अगले चार वर्षों में 9,750 युवाओं को चरणबद्ध तरीके से प्रशिक्षित किया जाएगा। इसमें मुंबईपुणेनागपुरनासिकअमरावती आदि क्षेत्र शामिल होंगे।

 

o   उद्यमिता विकास: महाराष्ट्र इनोवेशन सोसायटी और देआसरा फाउंडेशन के बीच समझौते के तहत 5,000 सूक्ष्म और लघु उद्यमियों को प्रशिक्षण और मार्गदर्शन मिलेगा।

 

o   दिव्यांगजनों के लिए विशेष कार्यक्रम: प्रोजेक्ट मुंबई संस्था के सहयोग से दिव्यांग छात्रों के लिए सांकेतिक भाषा में पाठ्यक्रमप्रशिक्षकों का प्रशिक्षण और ऑन-द-जॉब ट्रेनिंग की व्यवस्था होगी।

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