अमृत कलश' यात्रा से घर-घर में राष्ट्रभक्ति की भावना जागृत होगी
– मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे
राज्य से 387 अमृत कलश दिल्ली की अमृत वाटिका में भेजेंगे
मुंबई : मेरी माटी मेरा देश अभियान के तहत अमृत कलश यात्रा को कर्तव्य भावना के साथ सफल बनाया जाए. राज्य के हर परिवार और हर घर में देशभक्ति की भावना जागृत हो, ऐसा नियोजन इस यात्रा के माध्यम से किया जाए, ऐसे निर्देश मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने दिए.
भारतीय स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव के समापन के अवसर पर नई दिल्ली में होने वाले कार्यक्रम के लिए राज्य से कुल 387 कलश भेजे जाएंगे. इसमें ग्रामीण क्षेत्रों से 351 और शहरी क्षेत्रों से प्रत्येक जिले से 36 कलश भेजे जाएंगे.
इस कलश के लिए मिट्टी या चावल इकट्ठा करने का अभियान 30 सितंबर तक चलाया जाएगा. बैठक में इस अमृत कलश यात्रा के बारे में जानकारी दी गई. बैठक में मुख्य सचिव मनोज सौनिक समेत विभिन्न विभागों के सचिव उपस्थित थे. सांस्कृतिक कार्य विभाग के प्रधान सचिव और मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव विकास खड़गे ने अमृत कलश यात्रा की योजना को लेकर प्रस्तुतिकरण दिया. उन्होंने यात्रा के विभिन्न पड़ावों के बारे में भी जानकारी दी.
मुख्यमंत्री श्री शिंदे ने कहा कि हमने मेरी मिट्टी-मेरा देश का पहला चरण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है. इसमें वीरों के नाम की शीला फलक लगाए गए हैं, वसुधा वंदन के तहत पौधे लगाए गए हैं, पंचप्राण शपथ भी ली गई है. अमृत कलश यात्रा चार चरणों में निकाली जाएगी. यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि सभी चार चरण हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं और सभी प्रशासनों में सभी विभागों द्वारा उसके अनुसार योजना बनानी चाहिए. यह आयोजन न केवल एक सांस्कृतिक कार्यक्रम है, बल्कि हमें अमृत कलश यात्रा में अपनी भागीदारी को बहुत गंभीरता से और देशभक्ति की भावना के साथ लेना होगा. हम अपने संभाग, जिला, तालुका और यहां तक कि ग्राम पंचायत स्तर तक इस यात्रा में पूरे दिल से और उस्फुर्तता से काम करना चाहिए. ग्रामीण हो या शहरी, अमृत कलश यात्रा को लेकर अपने क्षेत्र के सभी प्रशासन के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को उचित जिम्मेदारी देकर काम करें. हर घर, हर नागरिक, हर छात्र की भागीदारी के लिए एक योजना बनाई जानी चाहिए. मंत्रालय के सांस्कृतिक मामलों के विभाग के साथ-साथ मेरे सचिवालय द्वारा इसपर बारीकी से निगरानी की जाएगी, ऐसा मुख्यमंत्री श्री शिंदे ने बताया.
मुख्यमंत्री श्री शिंदे ने कहा कि, अब पर्व और त्योहारों के दिन आने वाले हैं. इनका उपयोग कर जनभागीदारी बढ़ाने के प्रयास किया जाए. उन्होंने आगे कहा कि देश की आजादी के अमृत महोत्सव की यह अवधारणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर क्रियान्वित की जा रही है. प्रधानमंत्री मोदीजी ने वैश्विक स्तर पर भी हमारे देश की प्रतिष्ठा बढ़ाने का काम किया है. उसी के एक भाग के रूप में, अब हमारे स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों और स्वतंत्रता सेनानियों को सलाम करने का अवसर है. उन्होंने कहा, इसलिए अमृत कलश यात्रा की योजना में महाराष्ट्र का नाम सबसे आगे लिया जाना चाहिए.
इस बैठक में मुंबई महानगरपालिका के प्रशासक एवं आयुक्त डॉ. आई. एस. चहल, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव ब्रिजेश सिंह, ग्रामीण विकास विभाग के प्रधान सचिव एकनाथ डवले, नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव के. एच. गोविंदराज, स्कूली शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव रणजीतसिंह देवल आदि उपस्थित थे. विभागीय आयुक्त, जिलाधिकारी, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, महानगर पालिका आयुक्त, गुट विकास अधिकारी, मुख्य अधिकारी आदि ने ऑडियो विजुअल प्रणाली के माध्यम से बैठक में सहभाग लिया.
अमृत कलश यात्रा के बारे में...
अमृत कलश यात्रा का शुभारंभ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के हाथों किया गया है.
पहला चरण : पहले चरण में 1 से 30 सितंबर तक प्रत्येक घर, वार्ड और गांव से कलश में मिट्टी या चावल एकत्र करना है. ऐसा करते समय खुशी और उत्साह का माहौल होना चाहिए. यह मिट्टी बडे़ उत्साह के साथ एकत्रित की जाएगी. इस कलश में ग्रामीण क्षेत्रों की मिट्टी और शहरी क्षेत्रों से चावल एकत्रित किया जाएगा.
1 से 13 अक्टूबर तक तालुका स्तर पर और पालिका, नगर पंचायत, नगर परिषद के स्तर पर इन सभी एकत्रित की गई मिट्टी और चावल को एक साथ लाकर एक बड़े कलश में रखा जाएगा. इस समजय भी हमारे जिले या शहर की सांस्कृतिक संस्थाएं, एनसीसी, एनएसएस, स्काउट गाइड के छात्र-छात्राओं को इकट्ठा कर कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा. यहां उन सैनिकों, पुलिसकर्मियों, स्वतंत्रता सेनानियों या शहीदों के परिवारों का सम्मान करेगा जिन्होंने देश के लिए लड़ाई लड़ी और संबंधित क्षेत्रों में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल कीं है.
22 से 27 अक्टूबर के दौरान तालुका स्तर के कलशों को मुंबई में एक साथ लाया जाएगा. ये कलश 27 अक्टूबर को मुंबई से विशेष ट्रेन से दिल्ली भेजे जाएंगे. उस समय एक बड़ा सांस्कृतिक एवं देशभक्तिपूर्ण कार्यक्रम भी आयोजित किया जायेगा.
28 से 30 अक्टूबर तक ये कलश रेल के जरिए देश की राजधानी भेजे जाएंगे. इन कलशों की मिट्टी 1 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों हुतात्मा स्मारक के पास देश के वीरों के स्मृति में बनाई गई "अमृत वाटिका" में विसर्जित की जाएगी.
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दही हांडी, गणेशोत्सव को लेकर मुख्यमंत्री ने समीक्षा की
राज्य भर में आगमन, विसर्जन वाले रास्तों का तत्काल कराए दुरुस्त
त्योहारों को शांतिपूर्वक मनाते समय कानून और व्यवस्था को बनाए रखने में करें सहयोग
- मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे
मुंबई, दिनांक- 04 अगस्त: आने वाले दहीहांडी, गणेशोत्सव को हर्षोल्लास और शांतिपूर्वक मनाते समय कानून और व्यवस्था बनाए रखने में सभी लोग सहयोग करें, ऐसा आवाहन मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने किया है। जिला अधिकारी, महानगर पालिका के आयुक्तों को राज्य के सभी आगमन और विसर्जन वाले रास्तों की मरम्मत के लिए तत्काल कार्रवाई करने का भी मुख्यमंत्री श्री शिंदे ने निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने यह भी आवाहन किया है कि गणपति मंडल सामाजिक जागरूकता का संदेश देने के साथ ही पर्यावरण अनुकूल त्योहार मनाने में भी सहयोग करें।
दही हांडी एवं सार्वजनिक गणेशोत्सव को लेकर मुख्यमंत्री श्री शिंदे की अध्यक्षता में आज सह्याद्रि गेस्टहाउस में समीक्षा बैठक बुलाई गई। इस बैठक में मुंबई शहर के पालक मंत्री दीपक केसरकर, मुंबई उपनगर के पालक मंत्री मंगलप्रभात लोढ़ा, राज्य के मुख्य सचिव मनोज सौनिक, राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) रजनीश सेठ, गृह विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव सुजाता सौनिक, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव विकास खारगे, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव मंत्री ब्रिजेश सिंह, मुंबई के पुलिस आयुक्त विवेक फणसलकर, विभिन्न विभागों के अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सचिव सहित मुंबई सार्वजनिक गणेशोत्सव समन्वय समिति, दही हांडी एसोसिएशन के पदाधिकारी उपस्थित थे। इसके अलावा सभी जिला अधिकारी, महानगर पालिका के आयुक्तों, जिला के पुलिस प्रमुखों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (वीसी) के माध्यम से इस बैठक में हिस्सा लिया।
जिला अधिकारी, महानगर पालिका के आयुक्त, पुलिस अधिकारी दहीहांडी, गणेशोत्सव मंडल के पदाधिकारियों के साथ बैठक करें और उनकी समस्याओं को समझें, इसके साथ ही उनकी समस्याओं पर सकारात्मक तरीके से हल निकालें, ऐसा निर्देश भी मुख्यमंत्री ने इस बैठक में दिया है।
राज्य में सभी स्थानों के आगमन एवं विसर्जन वाले रास्तों के गड्ढों को तत्काल भरकर उन्हें दुरुस्त किया जाए, साथ ही सड़कों की मरम्मत कराए। गणेश मंडलों को बिजली कनेक्शन में कोई दिक्कत न होने पाए। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिया कि आगमन और विसर्जन वाले रास्तों पर आने वाले पेड़ों की शाखाओं की छंटाई करें और साथ ही इस बात का ध्यान रखें कि रास्तों में केबल न आए। इस बैठक में मुंबई महानगर पालिका के आयुक्त को मुंबई की सभी सड़कों और गलियों को साफ-सुथरा रखने के निर्देश दिये गये हैं।
इस वर्ष राज्य सरकार के माध्यम से लगभग 75 हजार गोविंदाओं को बीमा कवर दिया गया है और शेष गोविंदाओं को भी बीमा कवर प्रदान करने के लिए भी इस बैठक में मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कई वर्षों से लगातार गणेशोत्सव का आयोजन कर रहे मंडलों को एक बार में ही पांच साल की अनुमति के संबंध में कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए गए हैं। इस बैठक में पुणे, नागपुर, नासिक, औरंगाबाद, ठाणे के अधिकारियों से जानकारी ली गई है।
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