*प्राचीन भारतीय वाद्य यंत्र, डमरू*
सनातन संस्कृति में संगीत मोक्ष का मार्ग है. संगीत के विभिन्न वाद्य यंत्रों में प्रमुख है डमरू. भगवान शिव के हाथों में डमरू सदैव होता है.
शंकु आकार के बने इस ढोल के बीच के तंग हिस्से में एक रस्सी बंधी होती है जिसके पहले और दूसरे सिरे में पत्थर या कांसे का एक-एक टुकड़ा लगाया जाता है.
हिन्दू, तिब्बती और बौद्ध संस्कृति में इसका अत्यधिक महत्व माना गया है.
जब डमरू बजता है तो उसमें से 14 तरह की ध्वनि निकलती हैं, उक्त ध्वनि में सृजन और विध्वंस दोनों के ही स्वर छिपे हुए हैं.
*मेरी संस्कृति ..मेरा देश ..मेरा अभिमान 🚩*
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