सहकार क्षेत्र का सशक्तिकरण और राज्य सरकार की नीति पर परिसंवाद: मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सहकार कानून में आवश्यक बदलावों के लिए समिति की स्थापना की घोषणा
मुंबई, 12 मई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आज घोषणा की कि राज्य सरकार सहकार कानून में आवश्यक बदलावों के लिए एक समिति बनाएगी, ताकि सहकार क्षेत्र से संबंधित सभी हिस्सों को न्याय मिल सके। इसके लिए कानून में विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित नए 'प्रकरणों' को शामिल करना होगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान सहकार कानून में समय के अनुसार बदलाव की आवश्यकता है।
मुंबई के यशवंतराव चव्हाण प्रतिष्ठान में "सहकार क्षेत्र का सशक्तिकरण और राज्य सरकार की नीति" विषय पर आयोजित परिसंवाद कार्यक्रम में मुख्यमंत्री फडणवीस ने यह बात कही। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री अजित पवार, केंद्रीय भूपृष्ठ परिवहन और महामार्ग मंत्री नितीन गडकरी, सांसद शरद पवार, बैंक के प्रशासक विद्याधर अनास्कर और दिलीप दिघे भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि सहकारी बैंकों ने आधुनिक तकनीक को अपनाकर बैंकिंग क्षेत्र में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। कोर बैंकिंग प्रणाली सहित आधुनिक तकनीकी प्रणाली सहकारी बैंकों ने अपनाई है। इन बैंकों ने ग्राहकों के लिए उपयोगी सभी सेवाएं प्रदान की हैं, जिसके कारण सहकारी बैंकें 'फिस्कल कंसोलिडेशन' के दौर में भी जीवित रही हैं। इस दौरान इन बैंकों ने अच्छा काम किया है।
उन्होंने पुणे जिले के सुपे में 12 मई 1875 को हुआ सावकारों के खिलाफ उठाव को सहकार क्षेत्र की शुरुआत बताया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस ऐतिहासिक घटना को आज 150 वर्ष पूरे हो गए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्र सरकार में पहली बार सहकार मंत्रालय स्थापित किया है, जिसके माध्यम से देशभर में सहकार चळवली को सशक्त किया जा रहा है। इस पहल से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिल रहा है। विश्व बैंक के सहयोग से 10,000 गांवों में सहकारी संस्थाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है और उनके लिए 'बिजनेस मॉडल' तैयार किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि इससे 'एग्री बिजनेस' की नई शुरुआत की जा रही है।
सहकारी शुगर मिलों द्वारा उपपदार्थों के उत्पादन को लेकर भी मुख्यमंत्री ने बात की। उन्होंने कहा कि इससे सहकारी शुगर मिलें वैश्विक प्रतिस्पर्धा में टिक सकेंगी। राज्य सरकार ने इथेनॉल नीति और न्यूनतम समर्थन मूल्य में लगातार बदलाव किए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का यह स्पष्ट रुख है कि शुगर मिलें किसानों के पास ही रहेंगी, इसलिए इन मिलों को उपपदार्थों के निर्माण की दिशा में भी काम करना चाहिए।
सहकारी गृहनिर्माण संस्थाओं की भूमिका को भी मुख्यमंत्री ने रेखांकित किया और कहा कि राज्य सरकार ने उनके लिए सहकार कानून में विशेष प्रावधान किए हैं। साथ ही, सहकारी गृहनिर्माण संस्थाओं के स्वयं पुनर्विकास के लिए नई योजनाएं भी लागू की गई हैं। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि इस क्षेत्र के सशक्तिकरण से मुंबई में नागरिकों को उनका हकदार घर मिल रहा है।
मुख्यमंत्री ने सहकारी बैंकों के माध्यम से राज्य सरकार के लेन-देन को बढ़ाने के लिए सकारात्मक कदम उठाए जाने की बात भी की।
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