Saturday, 31 July 2021

 बाढ़ के कारण नुकसान ना हो इसलिए कठोर निर्णय लेने की आवश्यकता

-मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे

·       भविष्य में नदी तट के ब्लू और रेड लाइन के निर्माण में सख्त भूमिका

·       शहर में नदियोंनालों और खाड़ियों में अतिक्रमण ग्रस्त निर्माण कार्यों को हटाना होगा

·       हाईवे पर जहां जलजमाव होता है वहां फ्लाईओवर बनाना जरूरी

·       सड़कें उखड़नाभूस्खलन से प्रभावित होनेवाले गांवों का बड़े पैमाने पर पुनर्वास करना होगा।

 

          कोल्हापूरदि. 30 : बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के गांवों इसीतरह संभावित भूस्खलन वाले खतरनाक क्षेत्रों की बस्तियों को का अच्छी तरह से पुनर्वास करने पर राज्य सरकार का बल रहेगा। यह कहते हुए भविष्य में बाढ़ की स्थिति में नागरिकों का नुकसान न हो इसके लिए अब कठोर निर्णय लेने होंगे ऐसा इशारा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने दिया है।

             कोल्हापुर जिले के नृसिंहवाडीशिरोलशाहूपुरीपंचगंगा अस्पतालशिवाजी पुल आदि स्थानों के बाढ़ प्रभावित इलाकों का मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने जायजा लिया।  इसके बाद बाढ़ की स्थितियों को लेकर सर्किट हाउस राजर्षी शाहू सभागृह में मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक हुई इस अवसर पर मुख्यमंत्री बोल रहे थे। 

             मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे ने कहा कि  राज्य में कोल्हापुरसांगली सहित राज्य के कुछ जिलों में अतिवृष्टि के कारण बाढ़ का संकट आया। नदीनालेखाड़ियों पर नागरिकों द्वारा अतिक्रमण करने के कारण यह स्थिति निर्माण हो रही है।  रेड - ब्लू लाइन में हुए निर्माणकार्य के कारण यह स्थिति निर्माण हुई है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सख्त से सख्त निर्देश दिया कि भविष्य में इस तरह के निर्माण की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए और इस क्षेत्र में अतिक्रमण हटाया जाना चाहिए।

            बाढ़ से हुई क्षति, 'मैं देख रहा हूंनिश्चित रूप से कोई रास्ता निकालेगा। स्थलांतरित करके लाखों नागरिकों की जान बचाने के लिए प्रशासन को धन्यवाद। राज्य के सामने सबसे बड़ी चुनौती बाढ़ और बाढ़ से हुए नुकसान को नियंत्रित करना है और राज्य सरकार साहस के साथ इससे निपटेगी। राज्य सरकार ने निसर्ग व तोकते चक्रवात के पीड़ितों को सहायता प्रदान की है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि बाढ़ से हुए नुकसान के पंचनामे की समीक्षा करके राज्य सरकार बाढ़ पीड़ितों को पर्याप्त सहायता प्रदान करेगी। इसके लिए राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से भी वित्तीय सहायता मांगी जाएगी।

          मुख्यमंत्री श्री ठाकरे ने अपील की कि जिले में चार चीनी मिलों ने पशुधन को बचाने की पहल की हैबाकी चीनी मिलें इस कार्य में पहल करें‌।  बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए राष्ट्रीय राजमार्गों पर फ्लाईओवर की योजना बनानी होगी। जहां आवश्यक हो वहां पंचनामों के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार कोल्हापुर शहर की बेहतरी के लिए निगम को आवश्यक धन मुहैया कराएगीलेकिन इसका सही इस्तेमाल किया जाना चाहिए.

            ग्रामीण विकास मंत्री हसन मुश्रीफ ने कहा कि राज्य में भारी बारिश से हुए नुकसान का निरीक्षण करने के लिए एक केंद्रीय दल आना चाहिए। इस भीषण बाढ़ की स्थिति में केंद्र को राज्य की मदद करनी चाहिए।      

            कोल्हापुर के सभी लोगों की ओर से पालक मंत्री सतेज पाटिल ने कोल्हापुर जिले के बाढ़ प्रभावित शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों का निरीक्षण करने के लिए समय निकालने के लिए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का आभार माना।

            इससे पहले जिला कलेक्टर राहुल रेखावर ने जिले में भारी बारिश से हुए नुकसान की जानकारी दी। मनपा आयुक्त  डॉ. बालकवडे ने प्रेजेंटेशन के जरिए शहर को हुए नुकसान की इस अवसर पर जानकारी दी।

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किसान अब मोबाइल एप के माध्यम से अपनी फसल का करा सकेंगे पंजीकरण

15 अगस्त से प्रदेश भर में राजस्व विभाग का ई-फसल निरीक्षण परियोजना की होगी शुरूआत

राजस्व मंत्री बालासाहेब थोरात

 

·       रियल टाइम पंजीकरण के माध्यम से प्राकृतिक आपदा के समय में किसानों को नुकसान का सटीक मुआवजा और सहायता मिल सकेगी

·       टाटा ट्रस्ट की मदद से बनाया गया एप्लिकेशन

            मुंबईदिनांक 30: खेती की भूमि के 7/12 इक्‌स्‍ट्रैक्‍ट्‌ यानी रिकार्ड (खसरा) में बुआई की गई फसलों को लिखने का सिस्टम है। इससे किसानों के उत्पादनकृषि भूमि की ग्रेडिंगसूखामूसलाधार वर्षा के कारण बाढ़ या तूफान से होने वाले नुकसान का अनुमान लगाना संभव हो जाता है। इस फसल पंजीकरण के आधार पर ही किसानों को फसल कर्ज (क्रॉप लोन) भी दिया जाता है। लेकिन दो या तीन गांवों को मिलाकर एक ही तलाठी (लेखपाल) होने के कारण सही ढंग से फ़सलों का पंजीकरण नहीं किया जाता हैऐसा आरोप किसानों का हमेशा होता था। अब राजस्व विभाग ने अपने फसल का रियल टाइम पंजीकरण करने की सुविधा सीधे किसानों को उपलब्ध कराया है। इस बाबत राजस्व विभाग ने एक स्वतंत्र ॲप्लिकेशन तैयार किया हैऐसी जानकारी राज्य के राजस्व मंत्री बालासाहेब थोरात ने दी है।

            टाटा ट्रस्ट की मदद से इस एप्लिकेशन को बनाया गया है। इस मोबाइल एप्लिकेशन में किसान फसलों की जानकारी भरेगा और तलाठी (लेखपाल) पंजीकरण कराए गए फसलों की जांच करेगा।

            इससे फसल की बुआई की रियल टाइम जानकारी अप्लिकेशन में संकलित किया जा सकेगा। उसी तरह इस जानकारी  के संग्रहित होने से पारदर्शिता भी आएगी। फसल निरीक्षण पंजीकरण में किसानों की भागीदारी बढ़ने से फसल बीमा और फसल निरीक्षण दावों (क्लेम्स) को सेटल (सुलझाने) की प्रक्रिया में आसानी होगी। इससे किसानों को क्रॉप लोन मिलना भी आसान हो जाएगा। श्री थोरात ने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं के कारण फसलों का नुकसान होने की परिस्थिति में सटीक मुआवजा और मदद मुहैया कराना भी संभव होगा।

            ई-फसल सर्वेक्षण के माध्यम से राज्य में बुआई किए गए फसलों क्षेत्र की एक सटीक तस्वीर सामने होगी। इससे राज्य में आर्थिक सर्वेक्षण और कृषि योजना बनाना संभव हो जाएगा। ई-फसल पंजीकरण परियोजना को इससे पहले बीस तहसीलों (तालुकाओं) में प्रायोगिक आधार (पायलट प्रोजेक्ट के आधार) पर लागू किया गया था। इसमें सफलता मिलने के बाद राजस्व मंत्री बालासाहेब थोरात ने इसे पूरे राज्य में लागू करने का फैसला किया है। इस संबंध में राज्य सरकार ने शासनादेश (जीआर) भी जारी किया है।

            इसके अलावाई-फसल निरीक्षण परियोजना के सफल कार्यान्वयन के लिए राज्य स्तरविभागीय जिला स्तर और तहसील स्तर की निगरानी समितियों का गठन किया गया है। इसके अतिरिक्त भूमि अभिलेखपुणे के निदेशक के मताहत पूर्णकालिक परियोजना कार्यान्वयन कक्ष भी शुरू किया गया है।

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Farmers will now be able to register their crops through the mobile app

Revenue department's e-crop survey project will implement across the

state from 15 August

- Revenue Minister Balasaheb Thorat

·       Real time registration will enable accurate compensation and assistance to farmers in case of natural calamity

·       Application developed with the help of Tata Trust

 

            Mumbai, 30.July.21: “There is a method of recording crops on agricultural 7/12 extract. This makes it possible to estimate the damage caused by farmers' crop production, grading of farm land, drought, excess rainfall or storms. Crop loans are also given to farmers based on this crop registration. However, as there was only one Talathi in two or three villages, the farmers always complain that the crop inspection was not accurately recorded. The revenue department has created a separate application named ‘e-crop survey mobile app’ for crop registration” informed Revenue Minister Balasaheb Thorat.

            He further stated that this application has been developed with the help of Tata Trust. In this mobile application, farmers would fill up information about their crop and Talathi could check the crop registration.  This causes the real time information of crop sowing

would be compiled in the application. It would also bring transparency in the collection of information. Increasing the participation of farmers in crop survey registration will facilitate the process of settling crop insurance and crop inspection claims. This process can make it easier for farmers to get crop loans. It would also be possible to provide accurate compensation and assistance in case of crop damage due to natural calamities.

            The e-crop survey will provide an accurate picture of the area under crops in the state, making it possible to conduct economic surveys and agricultural planning in the state. The e-crop registration project was earlier implemented on an experimental basis in twenty talukas.

After its success, Revenue Minister Balasaheb Thorat decided to implement it across the state. The state government has issued a government order in this regard. State level, divisional district level and taluka level monitoring committees have been constituted for the successful implementation of e-crop survey project. Apart from this full time project implementation cell has been started under the control of Director Land Records, Pune.

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