Monday, 12 May 2025

Without the conservation of the cow, natural farming cannot progress”

 Without the conservation of the cow, natural farming cannot progress”

                                                                    — Chief Minister Devendra Fadnavis

 

Inauguration of the 'Govardhan Goshala Konkan' Project

 

Goshala project will be a guiding force for farmers

                                                                 – Deputy Chief Minister Eknath Shinde

 

Sindhudurg , May 11 – Conservation of indigenous cows is essential for the prosperity of farmers, and without conserving the cow, natural farming cannot gain momentum, stated Chief Minister Devendra Fadnavis. He was speaking at the inauguration of the 'Govardhan Goshala Konkan' project, set up on 70 acres at Karanje–Satamwadi (Taluka Kankavli) in Sindhudurg district.

 

            The event was graced by Deputy Chief Minister Eknath Shinde, former Chief Minister and MP Narayan Rane, Minister for Fisheries and Port Development and Guardian Minister Nitesh Rane, former Ministers and MLAs Deepak Kesarkar and Ravindra Chavan, MLA Nilesh Rane, District Collector Anil Patil, Chairperson of the Sindhudurg Shikshan Prasarak Mandal Neelamatai Rane, Ravindra Pathak, Pramod Jathar, and other dignitaries.

 

            The Govardhan Goshala Konkan project has been implemented through the Late Tatu Sitaram Rane Trust, with the aim of placing the contribution of the cow at the center of village development.

 

            Speaking on the occasion, Mr. Fadnavis said that among all goshalas in the country, the one in Konkan stands out as the best. A new economy can be built through such initiatives. Farmers can receive skill-based training at this goshala. Facilities for various production units and agro-livestock tourism centers have also been developed here. The cow holds great importance in our culture. A goshala is not just about protecting cows, but it is a social, economic and environmentally conscious revolution. Such projects are necessary for village development. Sindhudurg is rich in natural resources and projects like this will provide employment to locals and promote sustainable farming and natural lifestyles.

 

            Deputy Chief Minister Eknath Shinde described the initiative as a model project for cow conservation. He stated that it would serve as a guiding and instructive example for farmers. In Konkan — a region rich in natural beauty and cultural heritage — this project will play a vital role in cow conservation. The primary goal of the project is to ensure the prosperity of farmers. The foundation for a white revolution is being laid in Konkan and local milk collection will also be facilitated, giving a boost to the dairy business, he expressed.

 

            In his introductory speech, MP Narayan Rane shared detailed information about different breeds of cows, their characteristics, and the beneficial products derived from milk, dung and urine. He said the project's goal is to increase the income of local farmers, provide quality education to children, develop capable officers from the district, and generate overall prosperity. He appealed to the youth in the district to participate in agri-allied businesses through cow conservation.

 

            Former Minister and MLA Ravindra Chavan extended his best wishes to the project. Chief Minister Devendra Fadnavis was welcomed with a shawl, coconut and a cow replica (as a token from the goshala). MLA Nilesh Rane welcomed the attendees, while Minister Nitesh Rane delivered the vote of thanks. Various contributors to the establishment of the Govardhan Goshala were honored by the Chief Minister on this occasion.

गौमाता का संरक्षण किए बिना प्राकृतिक खेती को गति नहीं मिल सकती,गोवर्धन गौशाला कोंकण’ परियोजना का उद्घाटन गौशाला परियोजना किसानों के लिए मार्गदर्शक

 गौमाता का संरक्षण किए बिना प्राकृतिक खेती को गति नहीं मिल सकती

: मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का प्रतिपादन

 

गोवर्धन गौशाला कोंकण’ परियोजना का उद्घाटन

गौशाला परियोजना किसानों के लिए मार्गदर्शक साबित होगी

: उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे

 

सिंधुदुर्ग, 11: किसानों को समृद्ध बनाने के लिए देसी गायों का संरक्षण आवश्यक हैऔर जब तक गौमाता का संरक्षण नहीं किया जातातब तक प्राकृतिक खेती को गति नहीं मिल सकतीऐसा प्रतिपादन राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने किया। सिंधुदुर्ग जिले के करंजेसाटमवाडी (ता. कणकवली) में 70 एकड़ भूमि पर निर्मित 'गोवर्धन गौशाला कोंकणपरियोजना का उद्घाटन उनके हाथों संपन्न हुआ।

 

            इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदेपूर्व मुख्यमंत्री एवं सांसद नारायण राणेमत्स्य व्यवसाय और बंदरगाह विकास मंत्री एवं पालकमंत्री नितेश राणेपूर्व मंत्री एवं विधायक दीपक केसरकरपूर्व मंत्री एवं विधायक रविंद्र चव्हाणविधायक निलेश राणेजिलाधिकारी अनिल पाटिलसिंधुदुर्ग शिक्षा प्रसारक मंडल की अध्यक्ष नीलमताई राणेरविंद्र पाठकप्रमोद जठार आदि मान्यवर उपस्थित थे।

 

            'गोवर्धन गौशाला कोंकणयह परियोजना स्वर्गीय तातू सीताराम राणे ट्रस्ट के माध्यम से संचालित की जा रही हैऔर गांव के विकास में गौमाता के योगदान को केंद्र में रखते हुए यह संकल्पना विकसित की गई है।

 

            इस अवसर पर श्री. फडणवीस ने कहा कि देश की कुल गौशालाओं में से एक उत्तम गौशाला कोंकण में तैयार की गई है। इसके माध्यम से एक आर्थिक व्यवस्था बनाई जा सकती है। किसानों को इस गौशाला के माध्यम से व्यवसायिक प्रशिक्षण दिया जा सकता हैइस प्रकार की व्यवस्था यहाँ की गई है। विभिन्न प्रकार के उत्पादन केंद्र और कृषि तथा पशुपालन से जुड़े पर्यटन केंद्र के रूप में भी यहां सुविधा उपलब्ध कराई गई है। हमारी संस्कृति में गौमाता का महत्व बहुत बड़ा है। गौशाला केवल गायों का संरक्षण नहीं हैबल्कि यह एक सामाजिकआर्थिक और पर्यावरणीय क्रांति है। गांव के विकास के लिए ऐसी परियोजनाओं की आवश्यकता है। सिंधुदुर्ग जिला प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध हैऔर ऐसी परियोजनाओं के माध्यम से स्थानीय लोगों को रोजगारटिकाऊ खेती और प्राकृतिक जीवनशैली की दिशा मिलेगीऐसा उन्होंने कहा।

 

            उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस परियोजना को गौमाता संरक्षण के लिए एक मॉडल परियोजना बताया। किसानों के लिए यह परियोजना मार्गदर्शक और प्रेरक सिद्ध होगी। प्रकृति की उदारता और संस्कृति की संपन्नता वाले कोंकण में गौमाता संरक्षण के लिए यह परियोजना अत्यंत महत्वपूर्ण साबित होगी। किसानों की समृद्धि प्राप्त करना ही इस परियोजना का प्रमुख उद्देश्य है। कोंकण में दुग्ध क्रांति की नींव रखी जा रही हैऔर इस क्षेत्र का दूध भी यहाँ एकत्र किया जाएगाजिससे दुग्ध व्यवसाय को भी गति मिलेगीऐसी आशा उन्होंने व्यक्त की।

 

            प्रस्तावना में सांसद नारायण राणे ने गायों के विभिन्न प्रकारउनके विशेषताओं की जानकारी तथा दूधगोबरमूत्र जैसे प्राकृतिक घटकों से प्राप्त होने वाले लाभदायक उत्पादों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यहाँ के किसानों की आय बढ़ेबच्चों को अच्छी शिक्षा मिलेजिले से अच्छे अधिकारी बनें और समृद्धि आए — यही इस परियोजना का उद्देश्य है। गौमाता का संरक्षण कर जिले के युवा कृषि-आधारित उद्योगों में भाग लेंऐसा आवाहन उन्होंने इस अवसर पर किया।

 

            पूर्व मंत्री एवं विधायक रविंद्र चव्हाण ने इस परियोजना के लिए शुभकामनाएँ दीं। कार्यक्रम में शॉलश्रीफल और गौमूर्ति (गौशाला का स्मृति चिह्न) देकर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का स्वागत किया गया। उपस्थित जनों का स्वागत निलेश राणे ने कियातथा आभार प्रदर्शन नितेश राणे ने किया। 'गोवर्धन गौशालाकी स्थापना में योगदान देने वाले विभिन्न सहभागी व्यक्तियों का सम्मान मुख्यमंत्री के हाथों इस अवसर पर किया गया।

 

गोमातेचे संवर्धन केल्याशिवाय नैसर्गिक शेतीला गती मिळणार नाही,गोवर्धन गोशाळा कोकण’ प्रकल्पाचे उद्घाटन गोशाळा प्रकल्प शेतकऱ्यांसाठी दिशादर्शक ठरणार-

 गोमातेचे संवर्धन केल्याशिवाय नैसर्गिक शेतीला गती मिळणार नाही

              — मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस यांचे प्रतिपादन

 

गोवर्धन गोशाळा कोकण’ प्रकल्पाचे उद्घाटन

गोशाळा प्रकल्प शेतकऱ्यांसाठी दिशादर्शक ठरणार- उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे

 

सिंधुदुर्गदि. ११ : शेतकऱ्यांना समृद्ध करण्यासाठी देशी गायींचे संवर्धन महत्त्वाचे असूनगोमातेचे संवर्धन केल्याशिवाय नैसर्गिक शेतीला गती मिळणार नाहीअसे प्रतिपादन राज्याचे मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस यांनी केले. सिंधुदुर्ग जिल्ह्यातील करंजेसाटमवाडी (ता. कणकवली) येथे ७० एकर जागेत उभारण्यात आलेल्या गोवर्धन गोशाळा कोकण प्रकल्पाचे उद्घाटन त्यांच्या हस्ते पार पडले.

 

या कार्यक्रमाला मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस यांच्यासह उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदेमाजी मुख्यमंत्री तथा खासदार नारायण राणेमत्स्यव्यवसाय व बंदरे विकास मंत्री तथा पालकमंत्री नितेश राणेमाजी मंत्री तथा आमदार दीपक केसरकरमाजी मंत्री तथा आमदार रवींद्र चव्हाणआमदार निलेश राणेजिल्हाधिकारी अनिल पाटीलसिंधुदुर्ग शिक्षण प्रसारक मंडळाच्या अध्यक्षा नीलमताई राणेरविंद्र पाठकप्रमोद जठार आदी मान्यवर उपस्थित होते.

 

            गोवर्धन गोशाळा कोकण हा प्रकल्प कै. तातू सीताराम राणे ट्रस्टच्या माध्यमातून राबविण्यात आला असूनगावाच्या विकासासाठी गोमातेचे योगदान केंद्रस्थानी ठेवण्याचा संकल्प या प्रकल्पामागे आहे.

 

            यावेळी श्री. फडणवीस म्हणालेदेशातील एकूण गोशाळांपैकी उत्तम गोशाळा कोकणात तयार झाली आहे. या माध्यमातून एक अर्थव्यवस्था तयार होऊ शकते. शेतकऱ्यांना या गोशाळेच्या माध्यमातून व्यवसायाभिमुख प्रशिक्षण देता येईलअशी व्यवस्था या ठिकाणी आहे. वेगवेगळ्या प्रकारची उत्पादन केंद्रे आणि कृषी व पशुसंवर्धनाचे पर्यटन केंद्र म्हणूनदेखील येथे व्यवस्था करण्यात आली आहे. गोमातेचे महत्त्व आपल्या संस्कृतीत फार मोठे आहे. गोशाळा म्हणजे केवळ गायींचे संरक्षण नव्हेतर ती एक सामाजिकआर्थिक आणि पर्यावरणपूरक क्रांती आहे. गावाच्या विकासासाठी अशा प्रकल्पांची गरज आहे. सिंधुदुर्ग जिल्हा निसर्गसंपन्न असूनअशा प्रकल्पांमुळे स्थानिकांना रोजगारशाश्वत शेती आणि नैसर्गिक जीवनशैलीची दिशा मिळेलअसेही त्यांनी मत व्यक्त केले.

 

            उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे यांनी हा उपक्रम गोमाता संवर्धनासाठीचा मॉडेल प्रकल्प असल्याचे सांगितले. शेतकऱ्यांसाठी हा प्रकल्प दिशादर्शक तसेच मार्गदर्शक ठरेल. निसर्गाची मुक्त उधळण आणि संस्कृतीचा मुक्त ठेवा असलेल्या कोकणात गोमाता संवर्धनासाठी हा प्रकल्प महत्त्वाचा ठरेल. शेतकऱ्यांची समृद्धी साधणे हा या प्रकल्पाचा प्रमुख उद्देश आहे. कोकणात धवल क्रांतीचा पाया घातला जात असूनपरिसरातील दूधही येथे संकलित केले जाणार आहे. त्यामुळे दूध व्यवसायालाही चालना मिळेलअशी आशा त्यांनी व्यक्त केली.

 

            प्रास्ताविकामध्ये खासदार नारायण राणे यांनी गायींचे विविध प्रकारत्यांच्या वैशिष्ट्यांची माहितीतसेच दूधशेणमूत्र या नैसर्गिक घटकांपासून मिळणाऱ्या उपयुक्त उत्पादनांबाबत सविस्तर माहिती दिली. ते म्हणालेयेथील शेतकऱ्यांचे उत्पन्न वाढावेमुलांना चांगले शिक्षण मिळावेजिल्ह्यातून चांगले अधिकारी घडावेत व समृद्धी निर्माण व्हावीहा या प्रकल्पामागील हेतू आहे. गोमाता संवर्धन करून जिल्ह्यातील तरुणांनी शेतीपूरक उद्योगात सहभागी व्हावेअसे आवाहन त्यांनी यावेळी केले.

 

            माजी मंत्री तथा आमदार रवींद्र चव्हाण यांनी या प्रकल्पासाठी शुभेच्छा दिल्या. कार्यक्रमात शालश्रीफळ व गोप्रतिमा (गोशाळेचे स्मृतिचिन्ह) देऊन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस यांचे स्वागत करण्यात आले. उपस्थितांचे स्वागत निलेश राणे यांनी केलेतर आभार नितेश राणे यांनी मानले. गोवर्धन गोशाळेच्या उभारणीसाठी आवश्यक योगदान दिलेल्या विविध सहभागी व्यक्तींचा सन्मान मुख्यमंत्र्यांच्या हस्ते यावेळी करण्यात आला.

 

महिला व बालविकास विभाग कार्यालयीन सुधारणा मोहीम व प्रशासकीय गुणांकनात प्रथम

 महिला व बालविकास विभाग

कार्यालयीन सुधारणा मोहीम व प्रशासकीय गुणांकनात प्रथम  

मुंबई दि ११ शासनाच्या विविध योजनांची माहिती नागरिकांपर्यंत पोहोचवून योजनांचा लाभ उपलब्ध करून देऊन शासन-प्रशासन व नागरिकांमधील विश्वास वृद्धिंगत होण्यासाठी मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस यांच्या दूरदृष्टीतून १०० दिवसांची कार्यालयीन मोहीम मंत्रालय स्तरावर राबविण्यात आली होतीया मोहिमेत महिला व बालविकास विभागाने केलेल्या कार्यालयीन सुधारणा अंतर्गत सर्व विभागात प्रथम क्रमांक पटकाविला आहेमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस आणि उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे यांच्या हस्ते नुकत्याच मंत्रालयात झालेल्या समारंभात मंत्री आदिती तटकरे व सचिव डॉअनुपकुमार यादव यांचा सत्कार करण्यात आला.

विविध विभागांत पहिल्यांदाच राबविण्यात आलेला शंभर दिवसांच कार्यालयीन सुधारणा मोहीम आणि शासन लोकाभिमुख करण्याचा हा उपक्रम आपल्या शासनाची दिशा ठरवणारा महत्त्वाचा टप्पा ठरला आहेप्रशासनात लोकाभिमुखताकामकाजात सुलभता आणि जबाबदारी (अकाउंटेबिलिटीया तीन आधारांवर पुढे जाणे अत्यावश्यक असल्याने हा उपक्रम राबविण्यात आला आहेया कार्यक्रमांर्तगत राज्यातील 12 हजार 500 कार्यालयांना सुधारणा करण्याची संधी देण्यात आल्याने यामध्ये सर्व कार्यालयांनी सकारात्मक सहभाग दर्शवला आहे.

सर्वच विभागाने स्तुत्य कार्य केले असूनमहिला व बालविकास विभागाच्या विविध योजना महिला व बालकापंर्यत पोहोचविण्यासाठी प्रभावीपणे यंत्रणा राबविली. विभागाच्या योजनांची माहिती एका क्लिकवर मिळावी यासाठी विभागाचे संकेतस्थळ युजर फ्रेंडली केले आहे. http://womenchild.maharashtra.gov.in हे संकेतस्थळ मराठी तसेच इंग्रजी भाषेत कार्यान्वित करण्यात आलेमहाराष्ट्र सार्वजनिक सेवा हक्क अधिनियम  आणि आरटीएस कायद्यांतर्गत अधिसूचित सेवांची यादी डाउनलोड करण्यासाठी संकेतस्थळावर उपलब्ध आहे.

राज्यातील १३ हजार ११ मिनी अंगणवाडी केंद्रामध्ये, प्रधानमंत्री जन जाती महान्याय अभियान अंतर्गत १४५ अंगणवाडी कार्यान्वित करण्यात आल्यानऊ हजार ६६४ अंगणवाडी केंद्रामध्ये शौचालय सुविधा उपलब्ध करून देण्याबाबत कार्यवाही सुरू आहे३४५ अंगणवाडीमध्ये पाळणाघर सुरू करण्यासंदर्भात कार्यवाही३३ हजार अंगणवाडी कर्मचाऱ्यांना अन्न व पोषण मापदंड प्रशिक्षण तसेच १० वन स्टॉप सेंटरला मान्यता देण्यात आलीएकात्मिक बाल विकास सेवा योजनेतर्गत सुमारे 64 लाख 5 हजार 998 लाभार्थ्यांना किमान 300 दिवस पुरक पोषण आहार देण्याचे उद्दीष्ट साध्य केले आहे. त्याचप्रमाणे 37 हजार अंगणवाडी ‘पोषण भी पढाई भी’ कार्यक्रमातंर्गत प्रशिक्षण पूर्ण केले आहे. अंगणवाडी सेविकांमार्फत गृह भेटी देऊन 9 लाख 33 हजार 542 लाभार्थ्यांचे समुपदेशन करण्याबाबतचे उद्दीष्ट 100 टक्के साध्य करण्यात आलेअंगणवाडी केंद्रांमधील सर्व 48 लाख 59 हजार 346 लाभार्थी बालकांचे ग्रोथ मॉनिटरिंग करण्यात आले असून १०० टक्के ग्रोथ मॉनिटरिंगची नोंद पोषण ट्रॅकर प्रणालीवर करण्यात आली.

प्रत्येक अंगणवाडी केंद्रामध्ये दरमहा दोन समुदाय विकास कार्यक्रम आयोजित करण्याचे उद्दिष्ट पर्ण करण्यात आले असून ६ लाख ६२ हजार ९१६  समुदाय विकास कार्यक्रम घेण्यात आले आहेतपोषण अभियानमध्ये पोषण माह व पोषण पखवाडा कार्यक्रम यशस्वीरित्या राबवून (उपक्रमांची संख्या 2 कोटी 45 लाख 81 हजार 093) राज्याचा देशात प्रथम क्रमांक आला आहे.  प्रधानमंत्री जीवन ज्योती विमा योजनेअंतर्गत १ लाख २१ हजार १३० अंणवाडी कर्मचाऱ्यांना विमा संरक्षण मिळण्यासाठी प्रिमियमची रक्कम एकण रूपये २.७६ कोटी खात्यावर जमा करण्यात आली आहेप्रधानमंत्री सुरक्षा बिमा योजनेअंतर्गत सर्व पात्र 1 लाख 82 हजार 641 अंगणवाडी कर्मचाऱ्यांना विमा संरक्षण मिळण्यासाठी प्रिमियमची रक्कम एकण रूपये ३६.५२ लाख त्यांच्या खात्यावर जमा केली आहेतसेच १७ हजार २५४ अंगणवाडी केंद्रांना पिण्याच्या पाण्याची सुविधा उपलब्ध करून देण्यात आली असून १३ हजार ५९५ अंगणवाडी केंद्रांचे श्रेणीवर्धन करून सक्षम अंगणवाडी केंद्रामध्ये रूपांतर करण्यात आले आहे.  

राज्यात एकूण ५३७ बालकांना दत्तक प्रक्रियेद्वारे हक्काचे कुटुंब मिळाले असून यामध्ये महाराष्ट्र देशात प्रथम क्रमांकावर आहे. तसेच बालविवाह रोखण्यासाठी जानेवारी २०२५ ते मार्च २०२५ या कालावधीत राबविण्यात आलेल्या मोहिमेतंर्गत 331 बालविवाह रोखण्यात आले असून२७ प्रथम खबरी अहवाल दाखल करण्यात आला.

मुदत बाह्य अभिलेखांचे पुनर्विलोकनजुन्या व निरूपयोगी जड वस्तूंचे निर्लेखन करण्यात आले. आपले सरकार पोर्टलवरील मार्च २०२५ मध्ये 96.70 टक्के तक्रार अर्जांचे निराकरण विभागाचे सचिव डॉअनुपकुमार यादव यांच्यामार्फत करण्यात आले.

विभागामार्फत दरमाह क्षेत्रीयस्तरावर महिला लोकशाही दिन आयोजित करण्यात येतोकार्यालयात स्वच्छ पिण्याच्या पाण्याची व्यवस्था, स्वच्छ प्रसाधनगृहाची सुविधाकार्यालयात स्तनदा मातांकरिता हिरकणी कक्षअभ्यागतांसाठी सुसज्ज प्रतिक्षालयकार्यालयामध्ये सुव्यवस्थित नामफलकदिशादर्शक फलक लावणे व कार्यालयाचे सुशोभिकरण करण्यात आले आहे.

तसेच कार्यालयीन कामकाजासाठी ई-ऑफिसप्रसार माध्यमांमध्ये शासना विषयी नकारात्मक प्रसिद्ध होणाऱ्या बातम्याबाबत आवश्यक ते स्पष्टीकरण तातडीने देणेअधिकारी कर्मचारी प्रशिक्षणसेवा विषयकन्यायालयीन बाबी आणि कृत्रिम बुद्धीमत्ता तंत्रज्ञानाचा वापर करण्यात येतोविभागामध्ये न्यायालयीन प्रकरणांचा वेळेत निपटारा होण्यासाठी उपसचिव (विधी) यांच्या अध्यक्षतेखाली विधी कक्ष निर्माण करण्यात आला.

मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहीण योजनेत डाटा ॲनालीसेस कार्याकरिता पावर बी डॅशबोर्डचा वापर करण्यात आला आहेमहिला आर्थिक विकास महामंडळ हे १.५० लाख बचतगटाच्या माध्यमातून राज्यातील २० लाख महिलांकरिता काम करीत आहेसाधारण ३० टक्के महिला या उद्योजक या नात्याने विकसित होत आहेतयाचबरोबर व्यापारीकामगार वर्गाच्या संघटनांशी चर्चा करून त्यांच्या अडचणी सोडविणेमाविमने भागीदारी केलेल्या ॲमेझॉनओएनडीसी ऑनलाईन प्लॅटफॉर्म बचतगटांची उत्पादने अपलोड करण्यासाठी विविध संस्थांची मदत घेणेअशा विविध योजनांची प्रभावीपणे अंमलबजावणी आणि जास्तीत जास्त योजनांचा लाभ महिलांपर्यंत पोहोचविण्यासाठी महिला व बालविकास विभाग अव्वल ठरला आहे.

 

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Darshan and Worship of Chhatrapati’s Statue at Rajkot A Grand Statue of Shivaji Maharaj Will Inspire Future Generations

 Darshan and Worship of Chhatrapati’s Statue at Rajkot

A Grand Statue of Shivaji Maharaj Will Inspire Future Generations

                                                           – Chief Minister Devendra Fadnavis

• Attractive statue erected in record time • *Development of the surrounding area to boost tourism

Sindhudurgnagari, 11: Chhatrapati Shivaji Maharaj was a great warrior whose thoughts are inspirational to all. The Public Works Department has constructed a grand statue befitting Shivaji Maharaj’s legacy in record time, which will serve as a source of inspiration for future generations, said Chief Minister Devendra Fadnavis.

The unveiling and worship ceremony of Chhatrapati Shivaji Maharaj’s statue, erected at Rajkot fort in Malvan, was conducted at the hands of Chief Minister Devendra Fadnavis.

On this occasion, Deputy Chief Minister Eknath Shinde, Guardian Minister Nitesh Rane, Public Works Minister Shivrendra Sinhraje Bhosale, MP Narayan Rane, MLC Niranjan Davkhare, MLAs Deepak Kesarkar, Ravindra Chavan, Nilesh Rane, District Collector Anil Patil, CEO Dr. Manik Dive, Acting Police Superintendent Krishikesh Rawale, and PWD Executive Engineer Kini were present.

The Chief Minister said that under the guidance of PWD Minister Shivrendraraje Bhosale, all departments worked swiftly to complete the project. Renowned sculptor Ram Sutar has created this magnificent statue in a short time. Institutions like IIT and J. J. School of Arts also made significant contributions to the statue’s construction. A detailed study of Konkan’s high winds and storms was done during the planning. Given its height, this is likely the tallest statue of Shivaji Maharaj in the country. Considering its grandeur, efforts will be made to develop the area around the statue to promote tourism. The Chief Minister emphasized that Konkan’s development has always been a priority.

Deputy Chief Minister Eknath Shinde stated that this land has been sanctified by the footsteps of Shivaji Maharaj. The grand statue here is a symbol of pride, self-respect, and valor, and will serve as a respectful monument for tourists and Shiv devotees.

Initially, the ceremony began with ‘Shiv Aarti’ by the dignitaries, followed by worship of a symbolic idol of Shivaji Maharaj. A grand firework display in vibrant colors was also held. Senior sculptor Anil Sutar and officials from the PWD were felicitated during the event.

About the Statue:

The statue was built at a cost of ₹31.75 crores by the Public Works Department. The work was completed by the company of senior sculptor Ram Sutar on an EPC basis. The sword-bearing statue stands 60 feet tall and is made entirely of bronze. A stainless steel framework has been used to support the statue, and high-grade M50 concrete and stainless steel bars were used for the pedestal. The concept and design were verified by IIT Mumbai.

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Sunday, 11 May 2025

छत्रपतींच्या राजकोट येथील पुतळ्याचे दर्शन व पूजन; शिवाजी महाराजांचा भव्य पुतळा पुढील पिढ्यांना स्फुर्तीदायक

 छत्रपतींच्या राजकोट येथील पुतळ्याचे दर्शन व पूजन;

शिवाजी महाराजांचा भव्य पुतळा पुढील पिढ्यांना स्फुर्तीदायक

                                                                                   :   मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस

विक्रमी वेळेत आकर्षक पुतळ्याची उभारणी

परिसराचा विकास करुन पर्यटनाला चालना देणार

सिंधुदुर्गनगरीदि. 11 (जिमाका): छत्रपती शिवाजी महाराज हे महान योध्दा होते. त्यांचे विचार सर्वांसाठी प्रेरणादायी आहेत. सार्वजनिक बांधकाम विभागाने विक्रमी वेळेत छत्रपती शिवाजी महाराजांच्या कर्तृत्वास साजेसा भव्य पुतळा उभारला असून महाराजांचा हा पुतळा पुढील पिढ्यांना स्फुर्तीदायक ठरणार असल्याचेप्रतिपादन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस यांनी केले.

 

            मालवण येथील राजकोट किल्ल्यावर उभारण्यात आलेल्या छत्रपती शिवाजी महाराजांच्या पुतळ्याचे दर्शन व पूजन समारंभ मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस यांच्या हस्ते संपन्न झाला. यावेळी उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदेपालकमंत्री नितेश राणेसार्वजनिक बांधकाम मंत्री शिवेंद्रसिंहराजे भोसलेखासदार नारायण राणेविधान परिषद सदस्य निरंजन डावखरेविधानसभा सदस्य दीपक केसरकररविंद्र चव्हाणनिलेश राणेजिल्हाधिकारी अनिल पाटीलमुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. माणिक दिवेप्रभारी पोलिस अधीक्षक ऋषिकेश रावलेसार्वजनिक बांधकाम विभागाचे कार्यकारी अभियंता किणी आदी उपस्थित होते.

 

            मुख्यमंत्री पुढे म्हणालेसार्वजनिक बांधकाम विभागाने विक्रमी वेळेत ह्या पुतळ्याचे काम पूर्ण करुन महाराजांच्या कर्तृत्वास साजेसा भव्य पुतळा उभारला आहे. सार्वजनिक बांधकाम विभागाचे मंत्री शिवेंद्रराजे भोसले यांच्या मार्गदर्शनाखाली सर्वच यंत्रणांनी अतिशय वेगाने काम केले आहे. ज्येष्ठ मूर्तीकार राम सुतारांनी कमी वेळेत आकर्षक आणि देखणा पुतळा साकारला आहे. आय.आय.टी.जे. जे. स्कूल ऑफ आर्ट्सचे देखील पुतळा उभारणीत मोलाचे योगदान लाभले असून मी सर्वांचे अभिनंदन करतो. पुतळा उभारताना कोकणातील वेगवान वारे व वादळांचा सखोल अभ्यास करण्यात आला आहे. छत्रपती शिवाजी महाराजांच्या पुतळ्याची उंची पाहता हा महाराजांचा बहुदा देशातील सर्वात उंच पुतळा ठरेल. या पुतळ्याची भव्यता लक्षात घेता पुतळ्याच्या आसपासचा परिसर विकसित करुन पर्यटनाला चालना देण्यासाठी प्रयत्न करण्यात येणार आहे. कोकणच्या विकासाला नेहमीच प्राधान्य दिलेले आहे. पर्यटनाच्या दृष्टीने कोकणचा अधिकाधिक विकास करणार असल्याचेही मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस म्हणाले.

 

            उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे म्हणालेशिवप्रभूंच्या पदस्पर्शाने पावन झालेली ही भूमी आहे. या भूमीत छत्रपती शिवाजी महाराजांचा हा भव्य पुतळा अभिमानस्वाभिमान आणि शौर्याचे प्रतीक आहे. हा पुतळा इथे येणाऱ्या पर्यटकांसाठी आणि शिवभक्तांसाठी एक आदराचं स्मारक ठरणार असल्याचेही ते म्हणाले. प्रारंभी मुख्यमंत्री व मान्यवरांच्या हस्ते शिवआरती करण्यात आली. छत्रपती शिवाजी महाराजांच्या प्रतिकात्मक मुर्तीचे पूजन देखील करण्यात आले. यावेळी आकर्षक रंगांमध्ये फटाक्यांची आतशबाजी करण्यात आली. ज्येष्ठ मूर्तीकार अनिल सुतारबांधकाम विभागाचे अधिकारी यांचा यावेळी सत्कार करण्यात आला.

 

पुतळा उभारणी विषयी

            सार्वजनिक बांधकाम विभागामार्फत ३१ कोटी ७५ लाख रकमेतून हा पुतळा उभारण्यात आला आहे. ज्येष्ठ मूर्तीकार राम सुतार यांच्या कंपनीमार्फत हे काम पूर्ण करण्यात आले आहे. पुतळा उभारण्याचे काम ईपीसी तत्त्वावर झालेले आहे.  तलवारधारी पुतळ्याची उंची ६० फूट इतकी असून संपूर्ण पुतळा  ब्राँझ  धातूमध्ये उभारण्यात आलेला आहे.  पुतळ्याच्या आधारासाठी स्टेनलेस स्टील सपोर्ट फ्रेमवर्क करण्यात आले आहे . तसेच चौथऱ्यासाठी M50 या उच्च दर्जाचे  काँक्रीट व स्टेनलेस स्टील सळईचा वापर करण्यात आलेला आहे. या पुतळ्याचे संकल्पन आयआयटी मुंबई या  संस्थेकडून तपासून घेण्यात आलेले आहे.

Without the conservation of the cow, natural farming cannot progress”,Goshala project will be a guiding force for farmers

 Without the conservation of the cow, natural farming cannot progress”

                                                                    — Chief Minister Devendra Fadnavis

 

Inauguration of the 'Govardhan Goshala Konkan' Project

 

Goshala project will be a guiding force for farmers

                                                                 – Deputy Chief Minister Eknath Shinde

 

Sindhudurg , May 11 – Conservation of indigenous cows is essential for the prosperity of farmers, and without conserving the cow, natural farming cannot gain momentum, stated Chief Minister Devendra Fadnavis. He was speaking at the inauguration of the 'Govardhan Goshala Konkan' project, set up on 70 acres at Karanje–Satamwadi (Taluka Kankavli) in Sindhudurg district.

 

            The event was graced by Deputy Chief Minister Eknath Shinde, former Chief Minister and MP Narayan Rane, Minister for Fisheries and Port Development and Guardian Minister Nitesh Rane, former Ministers and MLAs Deepak Kesarkar and Ravindra Chavan, MLA Nilesh Rane, District Collector Anil Patil, Chairperson of the Sindhudurg Shikshan Prasarak Mandal Neelamatai Rane, Ravindra Pathak, Pramod Jathar, and other dignitaries.

 

            The Govardhan Goshala Konkan project has been implemented through the Late Tatu Sitaram Rane Trust, with the aim of placing the contribution of the cow at the center of village development.

 

            Speaking on the occasion, Mr. Fadnavis said that among all goshalas in the country, the one in Konkan stands out as the best. A new economy can be built through such initiatives. Farmers can receive skill-based training at this goshala. Facilities for various production units and agro-livestock tourism centers have also been developed here. The cow holds great importance in our culture. A goshala is not just about protecting cows, but it is a social, economic and environmentally conscious revolution. Such projects are necessary for village development. Sindhudurg is rich in natural resources and projects like this will provide employment to locals and promote sustainable farming and natural lifestyles.

 

            Deputy Chief Minister Eknath Shinde described the initiative as a model project for cow conservation. He stated that it would serve as a guiding and instructive example for farmers. In Konkan — a region rich in natural beauty and cultural heritage — this project will play a vital role in cow conservation. The primary goal of the project is to ensure the prosperity of farmers. The foundation for a white revolution is being laid in Konkan and local milk collection will also be facilitated, giving a boost to the dairy business, he expressed.

 

            In his introductory speech, MP Narayan Rane shared detailed information about different breeds of cows, their characteristics, and the beneficial products derived from milk, dung and urine. He said the project's goal is to increase the income of local farmers, provide quality education to children, develop capable officers from the district, and generate overall prosperity. He appealed to the youth in the district to participate in agri-allied businesses through cow conservation.

 

            Former Minister and MLA Ravindra Chavan extended his best wishes to the project. Chief Minister Devendra Fadnavis was welcomed with a shawl, coconut and a cow replica (as a token from the goshala). MLA Nilesh Rane welcomed the attendees, while Minister Nitesh Rane delivered the vote of thanks. Various contributors to the establishment of the Govardhan Goshala were honored by the Chief Minister on this occasion.

 

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