गोवर्धन गौशाला कोंकण’ परियोजना का उद्घाटन
गौशाला परियोजना किसानों के लिए मार्गदर्शक साबित होगी
: उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे
सिंधुदुर्ग, 11: किसानों को समृद्ध बनाने के लिए देसी गायों का संरक्षण आवश्यक है, और जब तक गौमाता का संरक्षण नहीं किया जाता, तब तक प्राकृतिक खेती को गति नहीं मिल सकती, ऐसा प्रतिपादन राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने किया। सिंधुदुर्ग जिले के करंजे–साटमवाडी (ता. कणकवली) में 70 एकड़ भूमि पर निर्मित 'गोवर्धन गौशाला कोंकण' परियोजना का उद्घाटन उनके हाथों संपन्न हुआ।
इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, पूर्व मुख्यमंत्री एवं सांसद नारायण राणे, मत्स्य व्यवसाय और बंदरगाह विकास मंत्री एवं पालकमंत्री नितेश राणे, पूर्व मंत्री एवं विधायक दीपक केसरकर, पूर्व मंत्री एवं विधायक रविंद्र चव्हाण, विधायक निलेश राणे, जिलाधिकारी अनिल पाटिल, सिंधुदुर्ग शिक्षा प्रसारक मंडल की अध्यक्ष नीलमताई राणे, रविंद्र पाठक, प्रमोद जठार आदि मान्यवर उपस्थित थे।
'गोवर्धन गौशाला कोंकण' यह परियोजना स्वर्गीय तातू सीताराम राणे ट्रस्ट के माध्यम से संचालित की जा रही है, और गांव के विकास में गौमाता के योगदान को केंद्र में रखते हुए यह संकल्पना विकसित की गई है।
इस अवसर पर श्री. फडणवीस ने कहा कि देश की कुल गौशालाओं में से एक उत्तम गौशाला कोंकण में तैयार की गई है। इसके माध्यम से एक आर्थिक व्यवस्था बनाई जा सकती है। किसानों को इस गौशाला के माध्यम से व्यवसायिक प्रशिक्षण दिया जा सकता है, इस प्रकार की व्यवस्था यहाँ की गई है। विभिन्न प्रकार के उत्पादन केंद्र और कृषि तथा पशुपालन से जुड़े पर्यटन केंद्र के रूप में भी यहां सुविधा उपलब्ध कराई गई है। हमारी संस्कृति में गौमाता का महत्व बहुत बड़ा है। गौशाला केवल गायों का संरक्षण नहीं है, बल्कि यह एक सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय क्रांति है। गांव के विकास के लिए ऐसी परियोजनाओं की आवश्यकता है। सिंधुदुर्ग जिला प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध है, और ऐसी परियोजनाओं के माध्यम से स्थानीय लोगों को रोजगार, टिकाऊ खेती और प्राकृतिक जीवनशैली की दिशा मिलेगी, ऐसा उन्होंने कहा।
उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस परियोजना को गौमाता संरक्षण के लिए एक मॉडल परियोजना बताया। किसानों के लिए यह परियोजना मार्गदर्शक और प्रेरक सिद्ध होगी। प्रकृति की उदारता और संस्कृति की संपन्नता वाले कोंकण में गौमाता संरक्षण के लिए यह परियोजना अत्यंत महत्वपूर्ण साबित होगी। किसानों की समृद्धि प्राप्त करना ही इस परियोजना का प्रमुख उद्देश्य है। कोंकण में दुग्ध क्रांति की नींव रखी जा रही है, और इस क्षेत्र का दूध भी यहाँ एकत्र किया जाएगा, जिससे दुग्ध व्यवसाय को भी गति मिलेगी, ऐसी आशा उन्होंने व्यक्त की।
प्रस्तावना में सांसद नारायण राणे ने गायों के विभिन्न प्रकार, उनके विशेषताओं की जानकारी तथा दूध, गोबर, मूत्र जैसे प्राकृतिक घटकों से प्राप्त होने वाले लाभदायक उत्पादों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यहाँ के किसानों की आय बढ़े, बच्चों को अच्छी शिक्षा मिले, जिले से अच्छे अधिकारी बनें और समृद्धि आए — यही इस परियोजना का उद्देश्य है। गौमाता का संरक्षण कर जिले के युवा कृषि-आधारित उद्योगों में भाग लें, ऐसा आवाहन उन्होंने इस अवसर पर किया।
पूर्व मंत्री एवं विधायक रविंद्र चव्हाण ने इस परियोजना के लिए शुभकामनाएँ दीं। कार्यक्रम में शॉल, श्रीफल और गौमूर्ति (गौशाला का स्मृति चिह्न) देकर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का स्वागत किया गया। उपस्थित जनों का स्वागत निलेश राणे ने किया, तथा आभार प्रदर्शन नितेश राणे ने किया। 'गोवर्धन गौशाला' की स्थापना में योगदान देने वाले विभिन्न सहभागी व्यक्तियों का सम्मान मुख्यमंत्री के हाथों इस अवसर पर किया गया।