राजकोट में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा का दर्शन व पूजन
भव्य शिवाजी महाराज की प्रतिमा आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत बनेगी
– मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस
• रिकॉर्ड समय में आकर्षक प्रतिमा का निर्माण
• क्षेत्र का विकास कर पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
सिंधुदुर्गनगरी, दि 11 : छत्रपति शिवाजी महाराज एक महान योद्धा थे। उनके विचार सभी के लिए प्रेरणादायक हैं। सार्वजनिक निर्माण विभाग ने रिकॉर्ड समय में शिवाजी महाराज की भव्य प्रतिमा का निर्माण किया है, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत बनेगी, ऐसा प्रतिपादन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने किया।
मालवण स्थित राजकोट किले पर निर्मित शिवाजी महाराज की प्रतिमा का दर्शन व पूजन समारोह मुख्यमंत्री फडणवीस के हाथों संपन्न हुआ। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, पालक मंत्री नितेश राणे, सार्वजनिक निर्माण मंत्री शिवेंद्रसिंहराजे भोसले, सांसद नारायण राणे, विधान परिषद सदस्य निरंजन डावखरे, विधायक दीपक केसरकर, रविंद्र चव्हाण, निलेश राणे, जिलाधिकारी अनिल पाटिल, मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. माणिक दिवे, प्रभारी पुलिस अधीक्षक रुषिकेश रावले, और सार्वजनिक निर्माण विभाग के कार्यकारी अभियंता किणी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि सार्वजनिक निर्माण मंत्री शिवेंद्रराजे भोसले के मार्गदर्शन में सभी विभागों ने तेज़ी से काम कर यह कार्य पूर्ण किया है। वरिष्ठ मूर्तिकार राम सुतार ने कम समय में सुंदर और भव्य प्रतिमा गढ़ी है। आईआईटी और जे. जे. स्कूल ऑफ आर्ट्स ने भी इस कार्य में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया। कोकण के तेज़ हवाओं और तूफानों का गहन अध्ययन कर प्रतिमा का निर्माण किया गया है। प्रतिमा की ऊँचाई देखते हुए यह देश की सबसे ऊँची शिवाजी प्रतिमा मानी जा सकती है। इस भव्य प्रतिमा के आसपास का परिसर विकसित कर पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रयास किए जाएंगे। कोकण के विकास को हमेशा प्राथमिकता दी गई है, ऐसा भी मुख्यमंत्री ने कहा।
उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि यह भूमि शिवप्रभु के चरणस्पर्श से पावन हुई है। यह भव्य प्रतिमा गौरव, स्वाभिमान और शौर्य का प्रतीक बनेगी और यहाँ आने वाले पर्यटकों व शिवभक्तों के लिए श्रद्धा का स्मारक होगी।
कार्यक्रम की शुरुआत मुख्यमंत्री व अन्य मान्यवरों द्वारा शिवआरती से हुई। छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतीकात्मक मूर्ति का पूजन किया गया। इस अवसर पर रंगबिरंगे पटाखों से आकर्षक आतिशबाज़ी की गई। वरिष्ठ मूर्तिकार अनिल सुतार और सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारियों का सत्कार किया गया।
प्रतिमा निर्माण के बारे में:
यह प्रतिमा सार्वजनिक निर्माण विभाग द्वारा ₹31.75 करोड़ की लागत से बनाई गई है। वरिष्ठ मूर्तिकार राम सुतार की कंपनी द्वारा इसे ईपीसी आधार पर निर्मित किया गया। तलवारधारी प्रतिमा की ऊँचाई 60 फीट है और यह पूरी तरह से कांस्य धातु से बनाई गई है। प्रतिमा को सहारा देने के लिए स्टेनलेस स्टील का फ्रेमवर्क और चबूतरे के लिए उच्च गुणवत्ता वाला M50 कंक्रीट तथा स्टेनलेस स्टील की रॉड का उपयोग किया गया है। इसकी संकल्पना को आईआईटी मुंबई द्वारा प्रमाणित किया गया है।
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