महाराष्ट्र का वित्तीय अनुशासन और आर्थिक विकास में भूमिका सराहनीय
– डॉ. अरविंद पनगड़िया
16 वें वित्त आयोग की बैठक, राज्य ने रखीं प्रमुख वित्तीय माँगें
मुंबई, 8 मई 2025: सोलहवें वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगड़िया ने महाराष्ट्र राज्य की वित्तीय अनुशासन और देश की आर्थिक प्रगति में उसके महत्वपूर्ण योगदान की सराहना की। यह टिप्पणी उन्होंने सह्याद्री अतिथिगृह में आयोजित वित्त आयोग की बैठक के दौरान की।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री तथा वित्त, नियोजन और उत्पादन शुल्क मंत्री अजीत पवार ने आयोग अध्यक्ष डॉ. पनगड़िया, सदस्य डॉ. मनोज पांडा और डॉ. सौम्यकांती घोष का स्वागत किया।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राज्य सरकार की ओर से आयोग के समक्ष ज्ञापन प्रस्तुत किया। इसमें आयोग की कार्यसूची के अनुसार राज्य की विभिन्न माँगों और सुझावों को रखा गया। महाराष्ट्र सरकार ने केंद्र और राज्यों के बीच कर वितरण (Vertical Devolution) का हिस्सा 41 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत करने की माँग की है। साथ ही, उपकर (Cesses) और अधिभार (Surcharges) को प्रमुख करों में शामिल करने तथा केंद्र सरकार के गैर-कर राजस्व को भी कर विभाजन में शामिल करने की माँग की गई है।
राज्य सरकार ने क्षैतिज कर वितरण (Horizontal Devolution) के लिए नए मानदंड सुझाए हैं, जिनमें 'सतत विकास और हरित ऊर्जा' तथा भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में राज्य का योगदान शामिल हैं। इसके अलावा, 'आय अंतर मानदंड' (Income Distance Criteria) को 45 प्रतिशत से घटाकर 37.5 प्रतिशत करने की भी माँग की गई है।
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