*बीमार पड़ने के पहले ये काम केवल आयुर्वेद ही कर सकता है*
*1* --केंसर होने का भय लगता हो तो रोज़ाना कढ़ीपत्ते का रस पीते रहें
*2* -- हार्टअटेक का भय लगता हो तो रोज़ना अर्जुनासव या अर्जुनारिष्ट पीते रहिए
*3*-- बवासीर होने की सम्भावना लगती हो तो पथरचटे के हरे पत्ते रोजाना सबेरे चबा कर खाएँ
*4*-- किडनी फेल होने का डर हो तो हरे धनिये का रस प्रात: खाली पेट पिएँ
*5* -- पित्त की शिकायत का भय हो तो रोज़ाना सुबह शाम आंवले का रस पिएँ
*6* -- सर्दी जुकाम की सम्भावना हो तो नियमित कुछ दिन गुनगुने पानी में थोड़ा सा हल्दी चूर्ण डालकर पिएँ
*7* -- गंजा होने का भय हो तो बड़ की जटाएँ कुचल कर नारियल के तेल में उबाल कर छान कर रोज़ाना स्नान के पहले उस तेल की मालिश करें
*8* - दाँत गिरने से बचाने हों तो फ्रिज और कूलर का पानी पीना बंद कर दें
*9* -- डायबिटीज से बचाव के लिए तनावमुक्त रहें,व्यायाम करें,रात को जल्दी सो जाएँ,चीनी नहीं खाएँ गुड़ खाएँ
*10*--किसी चिन्ता या डर के कारण नींद नहीं आती हो तो रोज़ाना भोजन के दो घन्टे पूर्व 20 या 25 मि. ली. अश्वगन्धारिष्ट ,200 मि. ली. पानी में मिलाकर पिएँ
*किसी बीमारी का भय नहीं हो तो भी 15 मिनिट अनुलोम विलोम 15 मिनिट कपालभाती 12 बार सूर्य नमस्कार करें*
*स्वयं के स्वास्थ्य के लिए इतना तो करें*
*स्वस्थ रहने के लिए धन नहीं लगता,थोड़ी स्फूर्ति,थोड़ी जागरूकता व थोड़ा परिश्रम लगता है*
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