तकनीक के माध्यम से राजस्व विभाग को और अधिक सक्षम बनाने का प्रयास: मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस
दो दिवसीय राजस्व परिषद का समापन नागपुर में
नागपुर, 3 अगस्त – राजस्व विभाग राज्य के आर्थिक विकास की रीढ़ है और इसे गति, पारदर्शिता तथा तत्पर सेवा देने वाले विभाग के रूप में पहचाना जाता है, ऐसा मत मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह विभाग फिलहाल राज्य में जनता को सबसे अधिक ऑनलाइन सेवाएं प्रदान कर रहा है, और राजस्व परिषद में अध्ययन समूहों द्वारा प्रस्तुत की गई सिफारिशें भविष्य के नीति निर्धारण में मार्गदर्शक सिद्ध होंगी।
मुख्यमंत्री नागपुर के भारतीय प्रबंध संस्थान (IIM) में आयोजित राजस्व परिषद के दूसरे दिन के सत्र में बोल रहे थे। इस अवसर पर राज्य के राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुळे, मुख्य सचिव राजेश कुमार, अपर मुख्य सचिव (राजस्व) विकास खारगे, मुख्यमंत्री के सचिव श्रीकर परदेशी, जमाबंदी आयुक्त, निबंधन महानिरीक्षक, सभी संभागीय आयुक्त, जिलाधिकारी तथा राजस्व विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि समय के अनुसार राजस्व संबंधी कार्यप्रणाली में नीतिगत बदलाव की आवश्यकता है और राज्य सरकार तकनीकी कौशल के बल पर इस विभाग को अधिक सक्षम और जनोन्मुखी बनाने का प्रयास कर रही है। इन्हीं नीतिगत मुद्दों पर चर्चा, मंथन और मूल्यांकन के लिए राजस्व परिषद का आयोजन किया गया था, जिसका समापन मुख्यमंत्री की प्रमुख उपस्थिति में हुआ।
परिषद में संभागीय आयुक्तों की अध्यक्षता वाली समितियों द्वारा विभिन्न रिपोर्टें प्रस्तुत की गईं। राजस्व कार्यों में समन्वय और गति लाने के लिए आवश्यक बिंदुओं को मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाया गया। राजस्व सेवाओं और योजनाओं का लाभ प्रत्येक नागरिक तक पहुंचे, इसके लिए अधिकाधिक सेवाएं ऑनलाइन माध्यम से उपलब्ध कराने और उनमें पारदर्शिता लाने के लिए समिति द्वारा प्रस्तुतिकरण के माध्यम से महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि शासन को प्रस्तुत की जाने वाली रिपोर्ट सटीक और त्रुटिरहित हो, इसके लिए हर बिंदु का गहन अध्ययन किया जाए।
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