Friday, 25 November 2022

बूढ़ी ही नहीं होती मेरी कोई सहेली

 💫💫💫💫💫💫💫


बूढ़ी ही नहीं होती मेरी कोई सहेली 

और ना मुझको है इजाजत 

कि हो जाऊँ मैं भी बूढ़ी।


सच्चाई में ढली हैं , 

सब अब भी मनचली हैं 

कृपा है सब पे ईश्वर की ,

चट्टान-सी सब खड़ी हैं ।


ना दर्द कोई दिल में , 

छा जाऐं वो महफिल में। 

वो सबके काम आयें ,

जो भी कहीं मुश्किल में। 


ना है कोई घमंडी ,

ना पैसे का ग़ुरूर उनको।

यारों के काम आयें ,

बस ये सुरुर उनको।


इक दूसरे पे जान ये ,

छिड़कती हैं सब की सब।

मिलते ही ये कहेंगी ,

फिर,अब मिलेंगे कब ? 


कोई पी रही है ग्रीन टी, 

कोई बन गयी है साधिका ।

 पर सब जी रही हैं ,

मस्ती में उड़ रही है ।


बालों में डाई सबके , 

ज्वेलरी भी सबसे हटके।

लाली ये आत्मबल की ,

चेहरे पे छाई सबके ।


बच्चे हैं कामकाजी ,

बहू बेटियाँ सयानी।

पर देवानंद से रनबीर तक ,

ये सबकी हैं दीवानी ।


हे प्रभु , मेरे भगवन,

इन सबको स्वस्थ रखना ।

जितनी थीं कभी पहले ,

इन्हें और मस्त रखना ।


बूढ़ी ही नहीं होती मेरी कोई सहेली।

और न मुझको है इजाज़त 

कि हो जाऊँ मैं भी बूढ़ी।।


 🙏🏻 *सहेलियॉ को समर्पित* 🙏🏻


♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️♥️

No comments:

Post a Comment

Featured post

Lakshvedhi